पेरिस ओलंपिक 2024: मनु भाकर, लक्ष्य सेन और हॉकी टीम पर टिकी हैं भारत की उम्मीदें अग॰, 3 2024

पेरिस ओलंपिक 2024: सातवें दिन का रोमांच

पेरिस ओलंपिक 2024 का सातवां दिन भारतीय दल के लिए कई उच्च और निम्न क्षणों का साक्षी बना। ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा का यह समय भारतीय खेल प्रेमियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और रोमांचक हो चुका है। मनु भाकर, लक्ष्य सेन और भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने देश को गर्वित किया है।

मनु भाकर की शानदार प्रदर्शन

मनु भाकर, जिन्होंने पहले ही दो पदक जीत लिए हैं, ने 25 मीटर पिस्टल इवेंट में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। यह उनके और पूरे देश के लिए बहुत खुशी की बात है क्योंकि मनु भाकर अब एक ही ओलंपिक संस्करण में तीसरा पदक जीतने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। उनका आत्म-विश्वास और दृढ़ संकल्प देखने लायक था जब उन्होंने अपने लक्ष्य पर निशाना साधा।

लक्ष्य सेन का ऐतिहासिक जीत

लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन के सेमीफाइनल में प्रवेश करके एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में ताइवान के चाउ टिएन चेन को हराकर भारत की उम्मीदों को जिन्दा रखा है। लक्ष्य सेन के इस प्रदर्शन ने भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। सेमीफाइनल में उनकी तैयारी और आत्मबल देखने लायक है।

भारतीय हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराकर 52 वर्ष पुराना जिंक्स तोड़ा है। इस जीत से न केवल टीम का आत्म-विश्वास बढ़ा है, बल्कि पूरे देश में खुशी का माहौल है। टीम ने जिस तरह से खेला, उसमें संयम और सामंजस्य दिखाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

पदक तालिका में भारत का स्थान

हालांकि इन शानदार प्रदर्शनों के बावजूद, भारत पदक तालिका में 44वें स्थान पर है। अब तक भारत ने तीन कांस्य पदक जीते हैं, जो सभी शूटिंग इवेंट्स से आए हैं। स्वप्निल कुशले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशंस फाइनल में भारत को तीसरा पदक दिलाया।

अन्य महत्वपूर्ण प्रदर्शन

मिश्रित तीरंदाजी टीम, जिसमें अंकिता भक्त और धीरज बोम्मदेवारा शामिल थे, ब्रॉन्ज मेडल प्ले-ऑफ में अमेरिका से हार गई। एथलेटिक्स में, पारुल चौधरी और तजिंदरपाल सिंह तूर भारत के ट्रैक और फील्ड इवेंट शुरू करने के लिए तैयार हैं। गोल्फ में शुभंकर शर्मा ने अपने पहले राउंड के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं एकमात्र भारतीय रोवर बलराज पनवार ने अपने क्वार्टरफाइनल हीट रेस में पांचवां स्थान हासिल किया।

आगे की उम्मीदें और संभावनाएं

भारतीय दल अभी भी और पदकों की उम्मीद लगाए बैठा है। मनु भाकर और लक्ष्य सेन के प्रदर्शन से देश को काफी उम्मीदें हैं। दोनों खिलाड़ी अपनी तैयारी और अपने लक्ष्य को लेकर पूरी तरह से समर्पित हैं। उम्मीद है कि ये खिलाड़ी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का सिर गर्व से ऊंचा करेंगे।

पेरिस ओलंपिक 2024 का हर एक दिन नई चुनौतियां और नई उम्मीदें लेकर आया है। भारतीय खिलाड़ियों ने अपने संघर्ष और मेहनत से यह साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। एक बात निश्चित है कि आने वाले दिनों में भारतीय दल अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरे देश को गर्व महसूस कराएगा।

भविष्य की संभावनाएं

भारत के खिलाड़ियों से आगे भी अच्छे प्रदर्शन की आशा करते हैं। उम्मीद है कि मनु भाकर, लक्ष्य सेन और अन्य खिलाड़ी अपनी मेहनत और समर्पण से देश को और पदक दिलाएंगे। भारतीय दर्शक और खेल प्रेमी उनकी दुआओं और चीयर से लगातार उनका समर्थन कर रहे हैं। खिलाड़ी भी इस समर्थन और उत्साह को अपनी शक्ति बनाकर अपने खेल में और भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सभी की निगाहें अब पेरिस ओलंपिक 2024 के आगे के दिनों पर टिकी हुई हैं, उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी नए इतिहास बनाएंगे और देश के लिए और भी पदक जीतेंगे।

13 टिप्पणि

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    Rahul Alandkar

    अगस्त 4, 2024 AT 02:47
    मनु भाकर का खेल देखकर लगता है जैसे वो बस अपने दिल की आवाज़ सुन रही हैं। बिना किसी शोर के, बिना किसी ड्रामा के, बस शूट करती हैं। इसी में तो असली ताकत है।

    कभी-कभी ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिन्हें जीतने की जरूरत नहीं, बस खेलने की जरूरत होती है।
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    Jai Ram

    अगस्त 5, 2024 AT 23:08
    लक्ष्य सेन का सेमीफाइनल में पहुंचना भारतीय बैडमिंटन के लिए एक टर्निंग पॉइंट है। अब तक हम जो खिलाड़ी देखते थे, वो टॉप 10 तक ही जाते थे। लेकिन लक्ष्य तो टॉप 4 में घुस गया है।

    अगर वो फाइनल में जा सकता है, तो ये सिर्फ एक पदक नहीं, एक नए युग की शुरुआत है। 🙌
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    Vishal Kalawatia

    अगस्त 6, 2024 AT 23:43
    तीन कांस्य पदक? अरे भाई, ये तो एक ऐसा देश है जहां बिना बैग लेकर बाजार जाने वाले लोगों को गर्व से बताते हैं कि उन्होंने चाय बनाई।

    ओलंपिक में तीन कांस्य? ये तो चीन के एक छोटे से शहर के बच्चे भी ज्यादा जीत लेते हैं। खेल का नाम लेने से पहले बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तो बना लो।
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    Kirandeep Bhullar

    अगस्त 7, 2024 AT 10:37
    हम जो गर्व कर रहे हैं, वो गर्व तो तब होता है जब एक व्यक्ति अपने अंदर के डर को जीत लेता है। मनु भाकर ने नहीं जीता, उसने अपने अंदर के सभी शब्दों को शांत कर दिया।

    जीत का मतलब नहीं, अस्तित्व का मतलब है। और आज, उसने अपना अस्तित्व साबित कर दिया।
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    DIVYA JAGADISH

    अगस्त 7, 2024 AT 11:38
    मनु भाकर ने अच्छा किया। लक्ष्य सेन भी। हॉकी टीम बहुत अच्छी लग रही है।
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    Amal Kiran

    अगस्त 7, 2024 AT 20:03
    इतना बड़ा देश, इतने लोग, और तीन कांस्य? ये तो एक बच्चे की बात है। कोई भी बात नहीं, बस एक चीज़ बताओ - खेल के लिए कितना पैसा खर्च हुआ? और कितना चोरी हुआ?
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    abhinav anand

    अगस्त 8, 2024 AT 22:43
    हॉकी टीम का खेल देखकर लगा जैसे कोई नए जमाने का नारा लगा रहा हो। बिना झंडा लहराए, बिना गाने गाए, बस गेंद को आगे बढ़ाया।

    इस टीम के खिलाड़ियों को शायद कोई नहीं जानता, लेकिन आज उन्होंने पूरे देश को एक नया नाम दे दिया।
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    Rinku Kumar

    अगस्त 9, 2024 AT 12:08
    अरे भाई, ये तो बहुत बढ़िया है! असली भारतीय शक्ति यही है - जब एक आम लड़का, बिना किसी फिल्मी स्टाइल के, बस अपनी मेहनत से दुनिया को दिखा दे कि हम भी कर सकते हैं।

    सिर्फ एक बात - अब इन खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा घर बनवाना भी जरूरी है। नहीं तो अगली बार तो वो खुद अपने घर के छत पर ट्रेनिंग करेंगे। 😅
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    Pramod Lodha

    अगस्त 10, 2024 AT 21:33
    मनु भाकर का फाइनल में जाना तो बहुत बड़ी बात है, लेकिन अगर वो गोल्ड ले आए, तो ये इतिहास बन जाएगा।

    अगर तुम लोगों को लगता है कि ये बस एक खेल है, तो तुम गलत हो। ये तो एक छोटे से गांव के बच्चे का सपना है जो अब दुनिया के सामने खड़ा है।

    हर शूट के बाद जो शांति है - वो तो बस एक खिलाड़ी की नहीं, पूरे देश की उम्मीद है।
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    Neha Kulkarni

    अगस्त 11, 2024 AT 11:36
    हम जिस विकास की बात करते हैं, वो तो बैंक बैलेंस या जीडीपी नहीं, वो तो एक लड़की का वो शूट है जो दुनिया को बता रही है कि उसका दिल भी दौड़ सकता है।

    हॉकी टीम का खेल एक जीवित रूप है उस सामूहिक चेतना का जो हमने खो दिया - एकता, अनुशासन, और विश्वास।
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    Sini Balachandran

    अगस्त 11, 2024 AT 21:58
    क्या ये सच है कि हम तीन कांस्य पदक के लिए गर्व कर रहे हैं? या हम अपने अंदर के दर्द को बस एक जीत के रूप में ढक रहे हैं?

    जब तक हम खेल को एक व्यवसाय नहीं बनाएंगे, तब तक ये सिर्फ भावनाएं रहेंगी।
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    Sanjay Mishra

    अगस्त 12, 2024 AT 01:55
    मनु भाकर ने तो बस एक गोल्डन बुलेट फायर किया - और पूरी दुनिया रुक गई।

    लक्ष्य सेन का बैडमिंटन? वो तो एक तूफान था जो बिना आवाज़ के आया और जब उसने गेंद को जमीन पर गिराया, तो भारत का दिल धड़क गया।

    हॉकी टीम? वो तो एक जंगली घोड़े की तरह दौड़ी - बिना रोपे, बिना सांस लिए, बस आगे बढ़ी।

    अब तो इनकी कहानियां बच्चों के स्कूल के बुक्स में छप जाएंगी। और हम फिर से याद करेंगे - ये वो दिन था जब हम ने अपने खिलाड़ियों को असली नाम दिया।
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    Ashish Perchani

    अगस्त 12, 2024 AT 07:10
    एक अच्छी बात - हमने अपने खिलाड़ियों को देखा। एक बुरी बात - हमने अभी तक उनके लिए कुछ नहीं किया।

    इन्हें एक अच्छा ट्रेनिंग सेंटर चाहिए। इन्हें एक अच्छा डॉक्टर चाहिए। इन्हें एक अच्छा नाम चाहिए।

    और अगर हम अभी नहीं करेंगे, तो अगली बार ये सब कहानियां बस एक फोटो के रूप में रह जाएंगी - और कोई नहीं याद रखेगा।

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