जुल॰, 2 2024
पुणे में ज़िका वायरस का खतरा
पुणे में ज़िका वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जनवरी 2022 से अब तक शहर में 51 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुणे नगर निगम (पीएमसी) के अनुसार, पिछले दो महीनों, अगस्त और सितंबर में ही 31 मामले सामने आए हैं। यह संक्रमण तेजी से फैलता हुआ दिखाई दे रहा है, और नागरिकों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है।
उच्च जोखिम वाले क्षेत्र
पीएमसी ने शहर के 15 इलाकों को ज़िका वायरस के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया है। इनमें येरवाद, कस्बा पेठ, और औंध जैसे इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपाय किए जा रहे हैं। पीएमसी ने एक डोर-टू-डोर सर्विलांस प्रोग्राम शुरू किया है, जिसके तहत हर घर में जाकर लोगों की जांच की जा रही है और उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
डॉ. संजीव वावेरे का बयान
डॉ. संजीव वावेरे, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, पीएमसी ने बताया कि ज़िका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निगम द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में फॉगिंग और कीटनाशकों का छिड़काव शामिल है। इसके अलावा, निगम ने नागरिकों से मच्छरों की पैदावार को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने और ज़िका के किसी भी लक्षण को तुरंत संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करने की अपील की है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) का अध्ययन
इस बीच, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की है कि पुणे में पाए गए ज़िका वायरस का स्ट्रेन ब्राजील में पाए गए वायरस के समान है। यह स्ट्रेन जन्मजात विकृति उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है। NIV की निदेशक, डॉ. प्रिया अब्राहम ने बताया कि संस्थान पीएमसी के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी कर रहा है और रोकथाम के उपायों पर मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है।
जनता की भूमिका
पीएमसी और जिला प्रशासन ने ज़िका वायरस के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा की है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने आसपास सफाई रखें, पानी जमा न होने दें, और किसी भी असामान्य लक्षण को तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी विभागों के साथ समन्वय के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।
सावधानियां
- अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
- किसी भी असामान्य लक्षण की रिपोर्ट तुरंत PMC को दें।
ज़िका वायरस का यह प्रसार न केवल पुणे के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यह समय की मांग है कि हम सभी इसके खिलाफ मिलकर लड़ें और अपने शहर को सुरक्षित रखें।
Sini Balachandran
जुलाई 4, 2024 AT 18:33हम डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन खुद को नहीं।
Sanjay Mishra
जुलाई 6, 2024 AT 00:10मैंने तो अपने बेटे को एक मच्छरदानी दी है, जिस पर टॉय स्टोरी के किरदार बने हैं। अब वो उसे लेकर सोता है जैसे कोई शील्ड हो।
Ashish Perchani
जुलाई 6, 2024 AT 23:59फॉगिंग? हमारे इलाके में तो फॉगिंग के बाद मच्छर बढ़ जाते हैं। क्योंकि वो बच जाते हैं और नए जन्म लेते हैं।
हमें बस ये बताओ कि अगर मैं घर पर पानी नहीं रखूंगा, तो मेरी बाल्टी चली जाएगी? क्या अब हमारे घर की चीज़ें भी सरकार की हो गईं?
Dr Dharmendra Singh
जुलाई 7, 2024 AT 20:27थोड़ी सी मेहनत, थोड़ी सी सावधानी... और देखो, हमारा शहर फिर से सुरक्षित हो जाएगा।
आपका एक कदम, हजारों की जान बचा सकता है।
sameer mulla
जुलाई 9, 2024 AT 05:46मैंने तो अपने घर पर 12 घंटे का फॉगिंग करवा दिया। अब मच्छर नहीं, बल्कि जीवन भी नहीं बचा।
और अब तुम बोल रहे हो कि 'अपने आसपास साफ़ रखो'? भाई, ये तो बच्चों की कहानी है।
Prakash Sachwani
जुलाई 11, 2024 AT 05:33Pooja Raghu
जुलाई 12, 2024 AT 14:34मैंने अपने बेटे को एक चारपाई पर लटका दिया है, जिस पर नमक और लाल मिर्च लगी है। वो मच्छर नहीं आते।
Pooja Yadav
जुलाई 13, 2024 AT 23:04अगर हम सब थोड़ा ध्यान दें तो ये सब ठीक हो जाएगा।
हम एक दूसरे के लिए जिम्मेदार हैं।
Pooja Prabhakar
जुलाई 14, 2024 AT 10:12पुणे में 80% इमारतें अपूर्ण हैं। निर्माण के बाद पानी जमा हो जाता है। ये नियमित निरीक्षण का अभाव है।
और फिर डॉक्टर और सरकार जिम्मेदार ठहराई जाती है।
ये वायरस तो एक संकेत है कि हमारी शहरी योजनाएं बेकार हैं।
हम लोग बस बीमारियों के लक्षण देख रहे हैं, न कि उनके मूल कारण।
तुम लोग अपने घरों में बारिश के पानी को जमा कर रहे हो।
और फिर बोल रहे हो कि 'ये वायरस ब्राजील से आया'।
ब्राजील तो बस एक नाम है।
हमारी गलतियां ही वायरस का घर हैं।
Anadi Gupta
जुलाई 14, 2024 AT 19:21जब तक हम नागरिकों को एक जागरूक नागरिक के रूप में नहीं देखेंगे, तब तक ये बीमारियां लगातार फैलती रहेंगी।
मैं एक विशेषज्ञ के रूप में यह अनुशंसा करता हूं कि एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान शुरू किया जाए जिसमें स्कूलों, मंदिरों और मस्जिदों को शामिल किया जाए।
अन्यथा ये बस एक चक्र बना रहेगा।
और जब तक हम अपने नागरिकों को शिक्षित नहीं करेंगे, तब तक इसका कोई उत्तर नहीं होगा।
क्या आपने कभी सोचा कि एक छोटी सी बाल्टी में जमा पानी एक वायरस के लिए एक पूरा जीवन चक्र प्रदान कर सकता है?
shivani Rajput
जुलाई 16, 2024 AT 06:19ये वायरस निर्माण अनुसार टेराइन और डीएनए स्ट्रक्चर में विशिष्ट बिंदु रखता है।
आपको ये नहीं पता कि ये स्ट्रेन किस रिप्लिकेशन मैकेनिज्म से बढ़ता है?
आप बस फॉगिंग के बारे में बात कर रहे हैं।
क्या आप जानते हैं कि वायरल लोड और इम्यूनोरेस्पॉन्स के बीच का संबंध क्या है?
Jaiveer Singh
जुलाई 17, 2024 AT 22:42किसी भी विदेशी वायरस को हमारी जमीन पर जगह नहीं देंगे।
हमारी सांस्कृतिक शक्ति, हमारी साफ़-सफाई की परंपरा - ये सब हमारी ताकत है।
हम डरेंगे नहीं।
Arushi Singh
जुलाई 19, 2024 AT 18:33वो उसे अपने बालों पर लगाता है।
मैंने सोचा कि अगर हम सब थोड़ा अपने आसपास की चीजों को बदल दें, तो शायद ये सब थोड़ा आसान हो जाए।
मैं बस ये चाहती हूं कि हम सब एक दूसरे के लिए थोड़ा अधिक समय निकालें।
Rajiv Kumar Sharma
जुलाई 20, 2024 AT 23:29अगर तुम नहीं करते, तो तुम बस एक अतिथि हो।
हमारे शहर का भविष्य हमारे छोटे-छोटे फैसलों पर निर्भर करता है।
क्या तुम एक नागरिक हो या सिर्फ एक रहने वाला?
Jagdish Lakhara
जुलाई 22, 2024 AT 16:28मैंने अपने इलाके में एक नागरिक समूह बनाया है जो हर सप्ताह एक बार सफाई करता है।
हमने अपने बच्चों को भी शामिल किया है।
इससे न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक एकता भी बढ़ती है।
Sini Balachandran
जुलाई 24, 2024 AT 07:36हम लोग अपने बच्चों को भी शिक्षित कर रहे हैं।
लेकिन अब तक कोई सरकारी अधिकारी हमसे बात नहीं किया।
क्या हम बस खुद के लिए ही काम कर रहे हैं?