पुणे-रेलवे भाग के बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की संभावनाओं पर मुरलीधर मोहोळ की चर्चा नव॰, 30 2024

पुणे-दिल्ली के बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन: रेल यात्रियों को सुगमता देने की पहल

पुणे के सांसद एवं राज्य के सिविल विमानन और सहकारिता मंत्री, मुरलीधर मोहोळ, ने हाल ही में रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ मुलाकात की, जिसमें उन्होंने पुणे-दिल्ली के बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के परिचालन की संभावना पर चर्चा की। इस मुलाकात का उद्देश्य यात्रियों को स्वतंत्र और आरामदायक रेल यात्रा का एक नया अनुभव प्रदान करना था। मोहोळ ने इस सेवा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि **यात्रियों की बढ़ती संख्या** और उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए यह सेवा अत्यंत आवश्यक है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की विशेषताएँ

प्रस्तावित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। **आरामदायक सीटिंग और मूक यात्रा** के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। यात्रियों के लिए अधिक स्पेस और बेहतरीन सुरक्षा उपाय इस ट्रेन की खासियत होंगे। वर्तमान ट्रेनों से अलग, यह सेवा न सिर्फ सुखद होगी, बल्कि यात्रा का समय भी कम कर देगी।

महत्वपूर्ण मार्गों पर वंदे भारत मेट्रो सेवा

रेल मंत्री से बातचीत करते हुए, मोहोळ ने महाराष्ट्र के मुख्य शहरों जैसे पुणे-सोलापुर, पुणे-नाशिक, और पुणे-कोल्हापुर के बीच वंदे भारत मेट्रो सेवा के लिए भी प्रस्ताव रखा। इन सेवाओं का उद्देश्य राज्य के प्रमुख मार्गों पर यातायात के नए मापदंड स्थापित करना है। मेट्रो सेवा से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि यात्री सुविधाओं का स्तर मौजूद समयानुसार उचित है।

पुणे से जोधपुर यात्रा की बढ़ती मांग

पुणे-जोधपुर मार्ग पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, मोहोळ ने इस मार्ग पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की भी सिफारिश की। यात्रियों की मांगों को पूरा करते हुए, यह पहल न केवल सफर को सरल बनाएगी बल्कि रेलवे नेटवर्क की दक्षता भी बढ़ाएगी।

पुणे का संचार क्षेत्र: अपग्रेडेशन और मॉडर्नाइजेशन

संचार क्षेत्र के महत्व को समझते हुए, मोहोळ ने हाल के समय में **पुणे दूरदर्शन केंद्र के आधुनिकीकरण** और पुणे आकाशवाणी के तकनीकी उन्नयन की भी ज़रूरत पर जोर दिया। इन बदलावों के तहत नए उपकरणों की स्थापना के साथ, मौजूदा खाली पदों की भरपाई भी की जाएगी। मोहोळ का दावा है कि यह कदम संचार की गुणवत्ता में सुधार लाएगा और तकनीकी उन्नति की दिशा में प्रेरित करेगा।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

इन सभी प्रस्तावों के साथ, मोहोळ का उद्देश्य न केवल पुणे के यातायात और संचार ढांचे को सुदृढ़ करना है, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन प्रस्तावों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा और उनकी शीघ्रता से कार्यान्वयन के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए। यह पहल पुणेवासियों और राज्य के लिए एक नई राह खोलने का काम करेगी।

10 टिप्पणि

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    Piyush Kumar

    दिसंबर 1, 2024 AT 06:10

    ये वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बस एक नाम नहीं, एक जिंदगी बदलने वाली शुरुआत है! जब तक हम यात्रा को आराम का हिस्सा नहीं बनाएंगे, तब तक हमारा देश आगे नहीं बढ़ेगा। ये ट्रेन सिर्फ लोगों को ले जाएगी, बल्कि उनकी उम्मीदों को भी ले जाएगी।

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    Srinivas Goteti

    दिसंबर 1, 2024 AT 11:33

    पुणे से जोधपुर के लिए ट्रेन बढ़ाने का विचार अच्छा है, लेकिन इससे पहले बुनियादी ढांचे को सुधारना जरूरी है। अभी भी बहुत सारी ट्रेनें देर से चलती हैं, और स्टेशनों पर स्वच्छता भी बहुत खराब है।

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    Rin In

    दिसंबर 2, 2024 AT 11:47

    वाह!! ये तो बहुत बढ़िया हो गया!!! वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के साथ वाई-फाई, एसी, और डिजिटल बुकिंग सब कुछ चाहिए!! अब तो हमें लगता है कि हम अमेरिका में हैं!! जल्दी करो रेल मंत्री जी, हम इंतज़ार कर रहे हैं!! 😍

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    michel john

    दिसंबर 3, 2024 AT 20:38

    अरे भाई, ये सब बकवास है! ये ट्रेनें तो अमेरिका और चीन के लिए बनाई गई हैं, हम जैसे देश को इनकी जरूरत क्यों? ये सब बैंकरों की चाल है जो हमारे पैसे चुराना चाहते हैं! और फिर बोलते हैं 'वंदे भारत'... बस नाम बदल दिया, सब कुछ वैसा ही है!

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    shagunthala ravi

    दिसंबर 3, 2024 AT 23:51

    मुरलीधर मोहोळ जी का ये प्रयास असली देशभक्ति का नमूना है। यात्री की सुविधा और सुरक्षा को लेकर जो ध्यान दिया जा रहा है, वो बहुत कम लोग करते हैं। ये सिर्फ ट्रेन नहीं, ये एक नई सोच है। और हाँ, ये बदलाव धीरे-धीरे होंगे, लेकिन वो होंगे।

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    Urvashi Dutta

    दिसंबर 4, 2024 AT 19:38

    पुणे के संचार ढांचे का आधुनिकीकरण तो बहुत जरूरी है, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि आकाशवाणी के लिए बच्चों के लिए भी नए प्रोग्राम बनाए जाएं? जैसे कि बच्चों को राष्ट्रीय गीत, इतिहास, और सांस्कृतिक कथाओं के बारे में सुनाया जाए? ये टेक्नोलॉजी के साथ-साथ सांस्कृतिक जागरूकता भी लाती है। अगर हम बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ दें, तो भविष्य का देश बेहतर होगा।

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    Rahul Alandkar

    दिसंबर 5, 2024 AT 04:01

    मैं इस प्रस्ताव को समर्थन देता हूँ, लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि छोटे शहरों और गांवों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें। बस बड़े शहरों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए ये योजना होनी चाहिए।

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    Jai Ram

    दिसंबर 6, 2024 AT 14:00

    मैंने पुणे-दिल्ली की ट्रेन में यात्रा की है, और अगर ये स्लीपर वर्जन आ जाए तो ये बहुत बड़ा कदम होगा। मैं एक ट्रेन चालक हूँ, और ये ट्रेन न केवल यात्रियों के लिए बल्कि हम लोगों के लिए भी काम करने में आसानी लाएगी। बस इसमें एक अच्छा एसी और एक अच्छी ब्रेक सिस्टम होना चाहिए। 😊

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    Vishal Kalawatia

    दिसंबर 7, 2024 AT 10:17

    अरे ये सब बकवास है! वंदे भारत? बस नाम बदल दिया! असली ट्रेनें तो अभी भी गंदी हैं, टॉयलेट बंद हैं, और आपको बैठने के लिए लड़ना पड़ता है! ये नए ट्रेनों के लिए पैसे खर्च करने से पहले अभी की ट्रेनों को ठीक करो! ये सब बस लोगों को भ्रमित करने के लिए है!

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    Kirandeep Bhullar

    दिसंबर 7, 2024 AT 17:17

    इस तरह की ट्रेनों का जिक्र करना बहुत आसान है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इनकी रखरखाव लागत कितनी होगी? ये ट्रेनें बनाने में लाखों खर्च होते हैं, और फिर उनका उपयोग कम होता है। ये सब एक शो-पीस है, जो चुनाव से पहले बनाया जाता है। असली समस्याएं तो अभी भी वही हैं - गरीबों के लिए टिकट नहीं मिलना, और ट्रेनों का देर से आना।

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