अक्तू॰, 1 2024
सेबी का एनएसई डेटा और एनालिटिक्स पर 12 लाख रुपये का जुर्माना
भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनएसई डेटा और एनालिटिक्स लिमिटेड पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कई नियामकीय उल्लंघनों के कारण लगाया गया है, जिनमें आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और जनशक्ति के अनुचित संचालन, बैकअप रिकॉर्ड में अनियमितता, और साइबर सुरक्षा ऑडिट में खामियां शामिल हैं।
सेबी ने 6-7 सितंबर, 2023 को एक निरीक्षण किया, जिसमें 1 अप्रैल, 2022 से 31 जुलाई, 2023 की अवधि को कवर किया गया। इस निरीक्षण में इन उल्लंघनों का खुलासा हुआ। प्रमुख उल्लंघनों में से एक था एनएसई डेटा और एनालिटिक्स और इसके मूल कंपनी एनएसई के बीच आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और जनशक्ति का अलग न होना। यह उल्लंघन नियामकीय मानकों के विपरीत था।
मुल्यांकनों और योजनाओं में खामियां
सेबी की जांच में पाया गया कि एनएसई डेटा और एनालिटिक्स ने अपने रिकॉर्ड के बैकअप और बिजनेस कंटिन्यूटी प्लान/डिसास्टर रीकवरी नीति में अनियमितता बरती थी। इसके साथ ही, निवेशकों को स्वीकृति पत्र भेजने में भी देरी हुई, जो 13 से 178 दिनों तक की थी। 61 मामलों में स्वीकृति पत्र भेजने में महत्वपूर्ण देरी पाई गई।
कंपनी ने साइबर सुरक्षा ऑडिट में भी खामियां बरतीं और इस बारे में सही रिपोर्ट नहीं दी। ऑडिट रिपोर्टों में आवश्यक संवेदनशीलताएं भी दर्ज नहीं की गईं। इसे सेबी ने गंभीर उल्लंघन माना और इसके लिए जुर्माना लगाया।
कंपनी की दलीलें और सेबी का रुख
सेबी की ओर से जारी शोकॉज नोटिस का जवाब देते हुए, एनएसई डेटा और एनालिटिक्स ने कहा कि उल्लंघन सिर्फ प्रक्रियात्मक या मैन्युअल कार्यों में देरी के कारण हुए थे और किसी भी महत्वपूर्ण वित्तीय नुक्सान नहीं हुआ था। कंपनी ने यह भी बताया कि उसने जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए थे।
इसपर, सेबी ने यह स्पष्ट किया कि भले ही वित्तीय नुक्सान न हुआ हो, परन्तु इन उल्लंघनों का गंभीर प्रभाव हो सकता है और इसके लिए नियामकीय अनुशासनात्मक कार्रवाई आवश्यक है। एनएसई डेटा और एनालिटिक्स, एक पंजीकृत बिचौलिये होने के नाते, सेबी के नियमों का पालन करने और एक उच्च स्तरीय व्यवहार बनाए रखने के लिए बाध्य था।
जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश
सेबी ने एनएसई डेटा और एनालिटिक्स को यह निर्देश दिया है कि वह यह जुर्माना 45 दिनों के भीतर जमा करे। इस निर्णय ने कारोबार जगत को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि नियामकीय मानकों का पालन न करना गंभीर परिणाम ला सकता है।
कुल मिलाकर, यह घटना दर्शाती है कि वित्तीय संस्थानों को अपने ऑपरेशनों में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बनाए रखना होगा। सेबी के इस कदम से वित्तीय बाजार में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने की महत्वपूर्ण दिशा में एक और कदम बढ़ा है।
Lakshmi Rajeswari
अक्तूबर 2, 2024 AT 21:33Piyush Kumar
अक्तूबर 3, 2024 AT 20:34Srinivas Goteti
अक्तूबर 4, 2024 AT 13:53Rin In
अक्तूबर 6, 2024 AT 03:28michel john
अक्तूबर 6, 2024 AT 10:51shagunthala ravi
अक्तूबर 7, 2024 AT 17:49