सेंसक्स और निफ्टी में गिरावट: ट्रेडिंग पर टैक्स वृद्धि के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव जुल॰, 23 2024

शेयर बाजार में गिरावट और उतार-चढ़ाव

मंगलवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार में संतुलन का माहौल था। सरकार द्वारा 2024 के बजट में इक्विटी ट्रेडिंग पर टैक्स वृद्धि की घोषणा के बाद बाजार में अचानक बदलाव देखा गया। सेंसक्स और निफ्टी ने इस घोषणा के बाद उम्मीदों के विपरीत प्रतिक्रिया दी। सेंसक्स 73.04 अंक गिरकर 80,429.04 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी50 30.20 अंक गिरकर 24,479.05 पर बंद हुआ। यह गिरावट एक अस्थिर ट्रेडिंग सेशन के बाद देखने को मिली, जो स्पष्ट रूप से बाज़ार के भाव को प्रभावित कर रही थी।

टैक्स वृद्धि का असर

टैक्स वृद्धि का असर

सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ेक्शन टैक्स (एसटीटी) और कैपिटल गेन टैक्स दरों की बढ़ोतरी ने बाजार को हिलाकर रख दिया। इस निर्णय का असर दोपहर के ट्रेडिंग पर विशेष रूप से देखा गया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब टैक्स बढ़ोत्तरी के फैसलों ने व्यापार को प्रभावित किया है, लेकिन इस बार निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हुई है।

विभिन्न सेक्टर पर प्रभाव

बाजार के विभिन्न सेक्टरों ने अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया दी। सबसे ज्यादा मजबूती एफएमसीजी और आईटी सेक्टर में देखने को मिली। यह सेक्टर अपने स्थायित्व और निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने में सफल रहे। वहीं, रियल एस्टेट, मेटल्स, और बैंकिंग सेक्टर इस दौरान दबाव में दिखाई दिए। रियल एस्टेट सेक्टर पर विशेष रूप से तब असर पड़ा जब सरकार ने प्रॉपर्टी सेल्स पर इंडेक्सेशन बेनिफिट्स को हटाने का फैसला लिया।

निवेशकों के लिए सुझाव

निवेशकों के लिए सुझाव

विभिन्न सेक्टरों की प्रतिक्रिया को देखते हुए रिलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अनुसंधान वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि निफ्टी को सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए 24,200 के स्तर से ऊपर बने रहना आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि निवेशकों को एफएमसीजी, फार्मा और आईटी जैसे डिफेंसिव सेक्टरों में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए और नुकसान वाली ट्रेड्स में एक्सपोज़र कम करना चाहिए।

प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

कंपनीवृद्धि/गिरावट
आईटीसी+5.5%
लार्सन एंड टुब्रो-3.1%
रियल्टी सेक्टर-2.3%

अर्थव्यवस्था और बाजार के इन परिवर्तनों के साथ, सरकार का निर्णय और निवेशकों की प्रतिक्रियाएं ध्यान देने योग्य हैं। सभी को विभिन्न आर्थिक नीतियों और बाजार संकेतकों को ध्यान में रखकर अपने निवेश योजना को समझदारी से लागू करना चाहिए।

5 टिप्पणि

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    Rinku Kumar

    जुलाई 23, 2024 AT 21:50
    अरे भाई, टैक्स बढ़ाया तो बाजार गिर गया? ये तो बहुत पुरानी कहानी है। जब तक सरकार को लगता है कि शेयर बाजार एक निःशुल्क ATM है, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। निवेशकों को तो अब सिर्फ बचत करनी है, नहीं तो टैक्स भरने के बाद बचेगा क्या? 😏
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    Pramod Lodha

    जुलाई 24, 2024 AT 22:52
    ये गिरावट तो बस एक शॉर्ट-टर्म कॉर्रेक्शन है। देखो आईटीसी +5.5% ग्रो कर रहा है, ये बात बताती है कि अच्छी कंपनियाँ अभी भी मजबूत हैं। डिफेंसिव सेक्टर्स में डाल दो पैसे, और शांत रहो। बाजार हमेशा उसी को रिवॉर्ड करता है जो धैर्य रखता है। तुम बस ट्रेंड को फॉलो करो, भावनाओं को नहीं। 💪
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    Neha Kulkarni

    जुलाई 26, 2024 AT 21:44
    इस टैक्स रीफॉर्म को समझने के लिए हमें फिस्कल डिफिसिट कंट्रोल और रेवेन्यू जनरेशन मॉडल के लेवल पर विचार करना होगा। एसटीटी की वृद्धि एक लंबी अवधि के लिए निवेशक व्यवहार के स्ट्रक्चरल शिफ्ट को इंगित करती है-यह एक डायनामिक इक्विटी डिमांड सिग्नल है। जब ट्रेडिंग कॉस्ट बढ़ता है, तो इन्स्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स फ्लिप्स कम करते हैं, जिससे मार्केट वॉलेटिलिटी घटती है। इसलिए, ये गिरावट एक अस्थायी असंगति है, न कि एक ट्रेंड।
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    Sini Balachandran

    जुलाई 27, 2024 AT 20:28
    क्या हम वाकई इतने अहंकारी हैं कि सोचते हैं बाजार हमारे लिए बना है? जब हम ट्रेड करते हैं, तो हम अपने भावों को बेच रहे होते हैं... और अब उन भावों पर टैक्स भी लग गया। शायद ये बाजार हमें एक शिक्षा दे रहा है-कि असली निवेश तो अपने अंदर है।
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    Sanjay Mishra

    जुलाई 29, 2024 AT 13:48
    बाजार ने बस एक चिल्लाहट की थी-और सरकार ने उसे एक टैक्स बिल के रूप में जवाब दे दिया! रियल एस्टेट तो अब बिल्कुल नंगा हो गया, जैसे कोई बिना चादर के बर्फ पर नाच रहा हो। लेकिन आईटीसी तो जैसे बारिश में भी फूल खिल रहा हो! भाई, ये बाजार एक बॉलीवुड फिल्म है-कभी ड्रामा, कभी डांस, और हर बार एक नया टैक्स बिल आता है जैसे नया गाना! 🎬💸

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