छत्तीसगढ़ के कबड्डी टूर्नामेंट में हाई वोल्टेज लाइन गिरने से 3 मृत, 3 घायल सित॰, 26 2025

घटना के क्षण

शनि रात को कंदागांव के बडेराजपुर विकास ब्लॉक के रावासवही गांव में स्थानीय कबड्डी टूर्नामेंट चल रहा था। अचानक एक तेज बौछार के साथ ही 11 kV की एक हाई वोल्टेज लाइन नीचे लटकते हुए तंबू के सपोर्ट आयरन पोल से टकरा गई। हाई वोल्टेज लाइन ने विद्युत धारा को तंबू की धातु फ्रेम में प्रवाहित कर दिया, जिससे उसके भीतर मौजूद दर्शक तुरंत शॉक हो गये।

स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल और मृत व्यक्तियों को निकाला और 6 पीड़ितों को निकटवर्ती विष्रमपुर अस्पताल ले गया। डॉक्टरों ने तीन मृत लोगों को मौके पर ही पहचाना, जबकि दो गंभीर जलन वाले मरीजों को उन्नत उपचार के लिये जिला अस्पताल भेजा गया।

  • सतीश नेतम (कबड्डी खिलाड़ी)
  • श्यमलाल नेतम
  • सुनील शोरी

इन तीनों की उम्र 30‑35 वर्ष के बीच बताई गयी है और वे सभी आस‑पास के गाँवों के निवासी थे। बची हुई तीन घायल महिलाओं ने हल्की जलन की शिकायत की, परंतु उनका जीवनसंकट अभी भी गंभीर माना जा रहा है।

जांच और भविष्य की सुरक्षा उपाय

जांच और भविष्य की सुरक्षा उपाय

घटना के बाद कंदागांव की जिला प्रशासन ने चोटिलों की मेडिकल सहायता का प्रबंध किया और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता एवं सामाजिक समर्थन का आश्वासन दिया। साथ ही, स्थानीय पुलिस ने घटना स्थल की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बिजली लाइन का गिरना मौसम‑संबंधी अटकलों के कारण हुआ या ढाँचे की खराबी के कारण।

प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि तंबू स्थापित करने वाली आयरन पोल के पास बिजली लाइन की मैन्टेनेंस में कमी थी। ग्रामीण इलाकों में अक्सर मौसमी तूफानों के कारण एसी घटनाएँ घटती रहती हैं, परन्तु सुरक्षा मानकों की अनुपस्थिति इस जोखिम को बड़ा बनाती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि खुले‑आकाश में आयोजित खेल आयोजनों में इलेक्ट्रिकल सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। इसमें शामिल होते हैं:

  1. बिजली लाइनों के निकट किसी भी धातु संरचना का प्रयोग न करना।
  2. मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान देते हुए तेज बारिश या तूफान की संभावना में कार्यक्रम को स्थगित करना।
  3. स्थानीय विद्युत विभाग से समय‑समय पर लाइन की जाँच कराना।
  4. आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा एवं निकासी योजना का पहले से तैयार रखना।

केंद्र एवं राज्य सरकारों को भी ग्रामीण खेल आयोजनों के लिए एक मानक सुरक्षा ढांचा तैयार करना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी रीढ़‑भेदक त्रासदियाँ दोबारा न हों।

9 टिप्पणि

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    Prakash Sachwani

    सितंबर 26, 2025 AT 15:17
    ये हो गया फिर से बिजली का तार गिरा और लोग मर गए बस यही होता है गांव में
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    Jagdish Lakhara

    सितंबर 28, 2025 AT 07:34
    इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए विद्युत सुरक्षा नियमों का कठोरता से पालन किया जाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी आधुनिक सुरक्षा मानकों को लागू करना अपरिहार्य है।
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    sameer mulla

    सितंबर 30, 2025 AT 02:54
    फिर से ये गांव वाले बेकार के खेल में जान गंवा रहे हैं 😭 बिजली के तार के पास तंबू क्यों लगाते हो? बेवकूफी का नाम है ये! 💀
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    Sanjay Mishra

    अक्तूबर 1, 2025 AT 17:08
    ये तो सिर्फ एक खेल नहीं... ये एक बर्बरता है! 🎭 तंबू के नीचे बैठे लोग बिजली के शिकार बन गए... जब तक हम इन गांवों के जीवन को अपनी तरह से नहीं समझेंगे, ऐसी त्रासदियां दोहराएंगी। बस एक ट्वीट नहीं, एक अंतर्दृष्टि चाहिए!
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    Neha Kulkarni

    अक्तूबर 3, 2025 AT 02:03
    इस घटना के पीछे का सिस्टमिक फेलियर बहुत गहरा है। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इंफ्रास्ट्रक्चर असेसमेंट और रिस्क मिटिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। राज्य स्तर पर एक ग्रामीण सुरक्षा फ्रेमवर्क की आवश्यकता है, जो न केवल टेक्निकल स्टैंडर्ड्स को शामिल करे बल्कि कम्युनिटी एजुकेशन और एमर्जेंसी रिस्पॉन्स को भी इंगेज करे।
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    Pooja Raghu

    अक्तूबर 3, 2025 AT 08:30
    ये सब बिजली वालों की साजिश है... वो लोगों को मारकर नया ट्रांसफॉर्मर बेचना चाहते हैं। आप नहीं जानते कि बिजली कंपनी रात में तार गिराती है ताकि नए पैसे आएं। 🕵️‍♀️
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    Dr Dharmendra Singh

    अक्तूबर 5, 2025 AT 05:54
    दुखद बात है... लेकिन अब हमें एक साथ आकर इसे बदलना होगा 💪🙏 सुरक्षा के लिए छोटे कदम भी बड़े होते हैं
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    Sini Balachandran

    अक्तूबर 7, 2025 AT 02:04
    क्या हम वाकई जीवन के इतने मूल्य को इतनी आसानी से भूल जाते हैं? क्या यही हमारी सभ्यता का अंतिम रूप है - खेल के नाम पर जीवन का व्यापार? हम सब इसके साक्षी हैं... और शायद, सभी दोषी।
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    Ashish Perchani

    अक्तूबर 7, 2025 AT 16:41
    ये तो बस एक ट्रेजडी नहीं है... ये एक अपराध है। जिन लोगों ने बिना सुरक्षा के तंबू लगाया, वो अपराधी हैं। और जिन लोगों ने इसे अनुमति दी, वो भी। अब बस बातें करने का समय नहीं... जिम्मेदारों को जेल भेजो।

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