जून, 26 2024
अरविंद केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शराब नीति मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा सीबीआई को केजरीवाल से पूछताछ करने की अनुमति मिलने के बाद हुई। इसके बाद, केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनकी जमानत को रोक दिया गया था।
सुर्खियों में रही गिरफ्तारी, राजनीतिक तापमान उच्च
अरविंद केजरीवाल की यह गिरफ्तारी उनके समर्थकों और विपक्षी दलों के बीच एक बड़ा मुद्दा बन गई है। केजरीवाल के अनुयायी इसे एक राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे कानून के शासन की स्थापना के रूप में बता रहा है। इससे पहले, 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उन्हें गिरफ्तार किया था और तब से वे तिहाड़ जेल में बंद हैं।
सीबीआई के अनुसार, वे केजरीवाल की हिरासत में लेकर उनसे दोबारा सवाल-जवाब करना चाहती थी, जिसे केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने विरोध करते हुए कहा कि उन्हें सीबीआई के इस अनुरोध के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी। सीबीआई का तर्क था कि जांच उनकी प्राथमिकता है और उन्हें आरोपियों को सूचित करने की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे ने न्यायपालिका और विधायपीता के मध्य किस तरह की शक्ति संतुलन है, इस पर भी नया विवाद छेड़ दिया है।
कानूनी मुद्दे और आपत्ति
केजरीवाल के वकील ने यह भी बहस किया कि कोई भी 41 नोटिस नहीं दी गई थी, जो कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत किसी भी व्यक्ति को पूछताछ के लिए समक्ष आने के लिए दिया जाता है। इस मामले में कोर्ट और विधायिका के बीच कई सावाल खड़े हो गए हैं कि कानूनी प्रक्रियाएं कितनी सही तरीके से पालन की जा रही हैं। कोर्ट में दी गई दलीलों से यह स्पष्ट हुआ कि यह मामला सिर्फ कानूनी मसला नहीं है बल्कि राजनीतिक और नैतिक सवाल भी उठाता है।
राजनीतिक ध्रुवीकरण और कानूनी पेंच
राजनीतिक ध्रुवीकरण और कानूनी पेंच इस समय केजरीवाल के मामले में स्पष्ट रूप से देखे जा रहे हैं। जहां एक ओर यह मुद्दा दिल्ली की राजनीति में हॉट टॉपिक बन चुका है, वहीं दूसरी ओर यह सीबीआई और ईडी की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रहा है। केजरीवाल की गिरफ्तारी और उसके पीछे की राजनीति को समझने के लिए हमें दिल्ली की राजनीति के पुरानी घटनाओं पर भी दृष्टि डालनी होगी।
यह घटना केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह सत्ता संघर्ष, राजनीतिक प्रतिद्वंदिता, और कानूनी पेचों की जटिलता को भी उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर दिल्ली की राजनीति पर कितना गहरा पड़ता है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।
sameer mulla
जून 28, 2024 AT 02:45Prakash Sachwani
जून 29, 2024 AT 13:16Pooja Raghu
जून 30, 2024 AT 11:41Pooja Yadav
जुलाई 1, 2024 AT 13:55Pooja Prabhakar
जुलाई 3, 2024 AT 09:05Anadi Gupta
जुलाई 4, 2024 AT 08:39shivani Rajput
जुलाई 5, 2024 AT 06:33