दिल्ली में AAP का प्रदर्शन: चार महत्वपूर्ण सीटों पर नजर
दिल्ली में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने चार महत्वपूर्ण सीटों पर कमर कस ली है, जिसमें नई दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली शामिल हैं। दिल्ली की सात सीटों में से चार पर चुनाव लड़ने का निर्णय लेकर AAP ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के गठबंधन के सामने एक नई चुनौती पेश की है।
मतदान 25 मई 2024 को शुरू हुआ और इसके पहले दिन ही 54 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। दिल्ली की जनता अपने सात संसद सदस्यों को 18वीं लोकसभा के लिए चुनेगी। पश्चिम दिल्ली की सीट पर AAP ने कमलजीत सेहrawat को उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला BJP के परवेश साहिब सिंह वर्मा से है। वर्मा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 578,486 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।
नई दिल्ली सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला
नई दिल्ली सीट पर भी इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। AAP के सोमनाथ भारती का मुकाबला BJP की बंसुरी स्वराज से होगा। पिछले चुनाव में इस सीट से BJP की मीनाक्षी लेखी ने जीत हासिल की थी और अब bसुरी स्वराज ने इसकी जिम्मेदारी संभाली है।
दक्षिणी दिल्ली में भी कांटे की टक्कर
AAP के साही राम का मुकाबला BJP के रामवीर सिंह बिधूड़ी से होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इस सीट से विजय हासिल की थी, जबकि उनसे पहले रमेश बिधूड़ी यहां से सांसद थे।
पूर्वी दिल्ली में मुकाबला
पूर्वी दिल्ली में AAP के कुलदीप कुमार का मुकाबला BJP के हर्ष मल्होत्रा से होगा। 2019 में इस सीट से गाैतम गंभीर ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार वे राजनीति छोड़ चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों में BJP ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इसके प्रमुख विजेताओं में मीनाक्षी लेखी (नई दिल्ली), रामवीर सिंह बिधूड़ी (दक्षिणी दिल्ली) और गौतम गंभीर (पूर्वी दिल्ली) शामिल थे।
AAP की रणनीति और उसका प्रभाव
इस बार AAP की रणनीति और उसके उम्मीदवारों के चयन पर सबकी नजर है। AAP शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी है और अब सीधे तौर पर संसद में पहुंचने का लक्ष्य बना रही है। विरोधी पार्टियां इस बार कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हैं और देखना होगा कि क्या AAP अपने प्रभाव को लोकसभा चुनावों में भी बरकरार रख पाती है।
कुल मिलाकर दिल्ली के आगामी लोकसभा चुनाव में AAP की भूमिका पर सबकी नजर है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार की रणनीति AAP को लोकसभा में मजबूत उपस्थिति दिला पाती है या नहीं। चुनाव प्रचार के दौरान एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी रहेगा, जो इन चुनावों को और भी रोमांचक बनाता है।