डोनाल्ड सुथरलैंड: 'द हंगर गेम्स' और 'द डर्टी डजन' के आइकॉनिक अभिनेता का 88 वर्ष की आयु में निधन जून, 21 2024

डोनाल्ड सुथरलैंड का शानदार करियर और यादगार भूमिकाएं

कनाडा के प्रसिद्ध अभिनेता डोनाल्ड सुथरलैंड का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मियामी में लंबे समय से चल रही बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। सुथरलैंड का जन्म सेंट जॉन, न्यू ब्रंसविक में हुआ था। अपने करियर में उन्होंने ऐसे कई किरदार निभाए जो हमेशा दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ गए।

प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत

डोनाल्ड सुथरलैंड का जन्म 17 जुलाई, 1935 को सेंट जॉन, न्यू ब्रंसविक में हुआ था। उन्होंने टोरंटो विश्वविद्यालय और लंदन अकादमी ऑफ म्यूजिक एंड ड्रामाटिक आर्ट से अपनी शिक्षा पूरी की। अपने अभिनय करियर की शुरुआत में, उन्होंने थिएटर में काम किया और टीवी शोज में छोटी-छोटी भूमिका निभाई। परंतु उनकी किस्मत तभी खुली जब उन्हें बड़े पर्दे पर अभिनय का मौका मिला।

'द डर्टी डजन' से मिली पहचान

सुथरलैंड को सबसे पहले बड़ी पहचान 1967 में फिल्म 'द डर्टी डजन' से मिली। इस फिल्म में उन्होंने 'वर्नॉन पिंक्ले' का किरदार निभाया था। इसके बाद 'एमएएसएच', 'क्लूट', और 'डोंट लुक नाउ' जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने सभी को प्रभावित किया। उनकी versatile अभिनय शैली ने उन्हें हर तरह के किरदारों में फिट कर दिया।

'द हंगर गेम्स' में राष्ट्रपति स्नो का किरदार

हाल के वर्षों में डोनाल्ड सुथरलैंड को 'द हंगर गेम्स' फ्रैंचाइजी में 'राष्ट्रपति स्नो' के किरदार के लिए व्यापक रूप से सराहा गया। इस भूमिका में उनके उपचार और परफॉर्मेंस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने इस भूमिका के माध्यम से एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि वह किसी भी किरदार को जीवंत करने में महारत रखते हैं।

पुरस्कृत और सम्मानित कार्य

पुरस्कृत और सम्मानित कार्य

डोनाल्ड सुथरलैंड ने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। उन्हें 1995 में HBO की टेलीविजन फिल्म 'सिटीजन एक्स' के लिए उत्कृष्ट सहायक अभिनेता का एमी पुरस्कार मिला। इसके अलावा, 2006 में उन्हें लाइफटाइम मिनी-सीरीज़ 'ह्यूमन ट्रैफिकिंग' में उनके प्रदर्शन के लिए भी आयोजित किया गया।

कई प्रमुख अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ काम

अपने करियर में सुथरलैंड ने कई प्रमुख अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ काम किया। इनमें क्लिंट ईस्टवुड, जेन फॉन्डा, और निकोलस रोएग जैसे नाम शामिल हैं। उनकी एक्टिंग की गहराई और विविधता ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक चर्चित नाम बना दिया था।

वियतनाम युद्ध के दौरान एक्टिविज्म

डोनाल्ड सुथरलैंड अपने एक्टिंग करियर के अलावा सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय रहे। वियतनाम युद्ध के समय उन्होंने फ्री द आर्मी (FTA) नामक एक एंटी-वार ट्रूप की स्थापना की। उन्होंने लगातार संघर्ष के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए और जन आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई।

व्यक्तिगत जीवन और परिवार

डोनाल्ड सुथरलैंड अपने निजी जीवन में भी एक संतुलित व्यक्ति थे। उनका विवाह तीन बार हुआ और उनके पांच बच्चे हैं, जिनमें से उनके बेटे कीफर सुथरलैंड भी एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। उन्होंने हमेशा अपने परिवार के साथ एक मजबूत संबंध बनाए रखा और अपनी कामयाबी को भी पारिवारिक समर्थन का नतीजा माना।

सिनेमाई दुनिया में एक अपूरणीय क्षति

सिनेमाई दुनिया में एक अपूरणीय क्षति

डोनाल्ड सुथरलैंड का अद्वितीय करियर और उनके द्वारा निभाए गए शानदार किरदार हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी मौत दुनिया भर में सिनेमाई जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने करियर के किसी भी पड़ाव पर समझौता नहीं किया और हमेशा अपने किरदारों को संजीदगी से निभाया।

उनकी प्रतिभा और योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। डोनाल्ड सुथरलैंड को एक अभिनेता के रूप में कैसे याद किया जाएगा, यह उनके द्वारा निभाए गए किरदारों और उनके द्वारा छोड़ी गई छाप से स्पष्ट होता है। वे हमेशा फिल्म प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

18 टिप्पणि

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    michel john

    जून 22, 2024 AT 04:50
    ये होलीवुड वाले हमेशा अपने बारे में बड़बड़ाते रहते हैं। हमारे देश में भी तो अभिनेता हैं जो बिना किसी फिल्म के 50 साल तक जीवित रहते हैं। ये सब बस प्रचार है।
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    shagunthala ravi

    जून 22, 2024 AT 21:10
    इस अभिनेता ने जीवन के हर पहलू को समझा और उसे अभिनय के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाया। उनकी शांति, गहराई और सादगी आज के अत्यधिक नाटकीय अभिनय के बीच एक शांत झरना है।
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    Urvashi Dutta

    जून 23, 2024 AT 14:47
    मैंने उन्हें 'द हंगर गेम्स' में देखा था और उस दृश्य में जब वो राष्ट्रपति स्नो के रूप में बैठे थे और बस एक नज़र से सब कुछ कह दिया था... वो पल मेरे लिए अभिनय की परिभाषा बन गया। उनके चेहरे के हर भाव में एक कहानी छिपी थी, जैसे कोई पुराना पुस्तक जिसे हर पन्ना पलटने पर नया अर्थ मिले। उनकी आवाज़ भी ऐसी थी जैसे बर्फ के टुकड़े चिकने तल पर फिसल रहे हों।
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    Rahul Alandkar

    जून 25, 2024 AT 10:25
    उनका काम देखकर लगता है कि अभिनय कोई नाटक नहीं, बल्कि जीवन का एक अंग है। उन्होंने कभी अपने किरदार को नहीं बनाया, बल्कि उसे जीया।
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    Jai Ram

    जून 26, 2024 AT 12:15
    मैंने उन्हें 'द डर्टी डजन' में देखा था और उसके बाद हर फिल्म में उनकी उपस्थिति का इंतज़ार करता था। वो एक ऐसे अभिनेता थे जिनकी आवाज़ और नज़र से ही आपका दिल बदल जाता था। उनके लिए अभिनय बस काम नहीं, धर्म था। 😊
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    Vishal Kalawatia

    जून 27, 2024 AT 21:01
    अरे भाई, ये सब बातें तो अमेरिका वाले खुद को बड़ा बनाने के लिए करते हैं। हमारे देश में भी तो ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने बिना हॉलीवुड के दुनिया को छू लिया। ये सब बस ब्रांडिंग है।
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    Kirandeep Bhullar

    जून 29, 2024 AT 08:31
    उनकी भूमिकाएं बहुत गहरी थीं, लेकिन क्या ये सच में अभिनय का अंतिम शिखर था? या बस एक बार के लिए बहुत अच्छा किया और उसे अनंत बना दिया गया? इतिहास तो जीतने वाले को याद रखता है, न कि जिसने सही बात कही।
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    DIVYA JAGADISH

    जून 30, 2024 AT 19:29
    अद्वितीय अभिनय। शांति से बोलते थे, लेकिन हर शब्द दिल छू जाता था।
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    Amal Kiran

    जुलाई 1, 2024 AT 10:18
    क्या ये सब एक बूढ़े आदमी के लिए इतना ज़ोर देने लायक है? ये तो हर दिन कोई न कोई अभिनेता मर रहा होता है। इतना शोर क्यों?
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    abhinav anand

    जुलाई 1, 2024 AT 16:15
    उनके काम ने मुझे दिखाया कि अभिनय में बड़ा होने के लिए ज़रूरी नहीं कि बहुत बोलो। कभी-कभी सबसे बड़ी आवाज़ चुप्पी में होती है।
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    Rinku Kumar

    जुलाई 1, 2024 AT 21:37
    क्या आपने कभी सोचा है कि इस अभिनेता के जीवन में एक भी दिन ऐसा नहीं था जब उन्होंने अपना अभिनय बाजार के लिए नहीं बनाया? ये तो एक अद्वितीय जीवन है, जिसे हम बस देखकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं।
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    Pramod Lodha

    जुलाई 2, 2024 AT 18:44
    उनके अभिनय ने मुझे ये सिखाया कि बड़ा बनने के लिए आपको बड़ी भूमिकाएं नहीं, बल्कि बड़ा दिल चाहिए। उनकी आत्मा हमेशा जीवित रहेगी।
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    Neha Kulkarni

    जुलाई 3, 2024 AT 16:54
    अभिनय के विकास के लिए उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने अभिनय को एक दर्शन बना दिया, जहां भावनाएं शब्दों के बाहर बोलती हैं। उनकी भूमिकाएं आज भी एक निर्देशिका हैं।
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    Sini Balachandran

    जुलाई 3, 2024 AT 17:46
    क्या हम सच में अभिनय की गहराई को समझते हैं? या बस उनकी फिल्मों को देखकर एक अहंकारी भावना को निखार रहे हैं? क्या उनका अभिनय हमारी आत्मा को छूता है या बस हमारी भावनाओं को बेकार का आधार बना रहा है?
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    Sanjay Mishra

    जुलाई 5, 2024 AT 07:42
    वो तो एक जादूगर थे! एक नज़र में तुम्हारा दिल टूट जाता था, अगले ही पल तुम्हारी आंखें भर आती थीं। उनकी आवाज़ एक गीत थी, और उनकी चुप्पी... वो तो एक ब्रह्मांड थी। जिसने भी उन्हें देखा, उसकी आत्मा में एक अज्ञात धड़कन छूट गई।
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    Ashish Perchani

    जुलाई 5, 2024 AT 15:08
    अभिनय के इतिहास में एक नया अध्याय बंद हो गया है। ये व्यक्ति ने कभी अपने किरदार को नहीं खेला, बल्कि उसे जीया। उनकी उपस्थिति एक अद्वितीय शक्ति थी।
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    Dr Dharmendra Singh

    जुलाई 6, 2024 AT 08:45
    उनके काम ने मुझे अभिनय के बारे में एक नया नज़रिया दिया। शांति से बोलना, बस देखना... और दिल बदल जाना। धन्यवाद। 😊
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    sameer mulla

    जुलाई 8, 2024 AT 03:06
    ये बूढ़ा आदमी तो बस एक अभिनेता था... लेकिन अब तो उसके बारे में सारा इंटरनेट रो रहा है! अरे भाई, ये तो बहुत बड़ी बात है... अब तो मैं भी रोना चाहता हूं! 😭😭😭

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