हिंडेनबर्ग विवाद: कौन हैं जॉर्ज सोरोस और बीजेपी क्यों कांग्रेस को उनसे जोड़ती है? अग॰, 13 2024

हिंडेनबर्ग विवाद: कौन हैं जॉर्ज सोरोस और बीजेपी क्यों कांग्रेस को उनसे जोड़ती है?

बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रहे राजनीतिक विवाद ने फिर से तुल पकड़ी है जब बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में स्टॉक मार्केट को अस्थिर करने और छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। यह आरोप एक रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें हंगरी में जन्मे अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस को मुख्य निवेशक बताया गया है। यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने सोरोस को कांग्रेस से जोड़ा हो; पिछले साल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे के दौरान सोरोस के करीबी सहयोगियों से मिलने का आरोप लगाया था।

जॉर्ज सोरोस कौन हैं?

जॉर्ज सोरोस का जन्म 1930 में हंगरी में हुआ था और वह यहूदी थे जिन्होंने नाजी कब्जे के समय जीवित रहने के लिए संघर्ष किया। 1947 में वे ब्रिटेन चले गए और वहाँ लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में अपनी पढ़ाई के लिए रेलवे कुली और वेटर के रूप में काम किया। 1969 में उन्होंने अपना पहला हेज फंड, डबल ईगल, स्थापित किया और 1970 में सोरोस फंड मैनेजमेंट की स्थापना की। 1979 और 2011 के बीच सोरोस ने विभिन्न परोपकारी प्रयासों में $11 बिलियन से अधिक का योगदान दिया और 1984 में ओपन सोसाइटी फाउंडेशंस की स्थापना की जो 120 से अधिक देशों में न्याय, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।

हिंडेनबर्ग रिपोर्ट और बीजेपी का कांग्रेस पर आरोप

2023 में हिंडेनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें अदानी समूह के गौतम अदानी पर टैक्स हेवन का अनुचित उपयोग करने और उच्च ऋण स्तर को चिन्हित करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद सोरोस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक भाषण में प्रधान मंत्री मोदी को 'लोकतंत्रवादी नहीं' कहकर भारतीय लोकतंत्र के पुनरुत्थान की संभावना व्यक्त की। बीजेपी ने सोरोस के इस बयान की कड़ी आलोचना की और उन पर भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करने का आरोप लगाया।

हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद यह विवाद तब और बढ़ गया जब आरोप लगाया गया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने भी उन विदेशी फंडों में निवेश किया था जिनका उपयोग अदानी समूह द्वारा किया गया था। इस आरोप के बाद बीजेपी ने कांग्रेस और सोरोस के खिलाफ अपने आरोपों को और तेज कर दिया।

इस राजनीतिक विवाद के पीछे की मुख्य वजह यह है कि बीजेपी का मानना है कि मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए बाहरी शक्तियों का उपयोग किया जा रहा है और कांग्रेस इस साजिश में शामिल है। दूसरी ओर, कांग्रेस इस आरोप को खारिज करते हुए इसे सरकार की आलोचनाओं को दबाने का प्रयास कहती है।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप

बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रहे इस प्रतिद्वंद्विता में जॉर्ज सोरोस का नाम मुख्य रूप से सीमा पार से हस्तक्षेप और व्यवधान के रूप में आया है। बीजेपी का मानना है कि विपक्ष की आलोचना और दबाव में विदेशी ताकतें शामिल हैं जो भारतीय लोकतंत्र को स्थिर करने का प्रयास कर रही हैं।

देश में राजनीतिक पार्टियों के बीच इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं बढ़ रही हैं। इस संघर्ष ने भारतीय लोकतंत्र की पारदर्शिता और स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कुल मिलाकर, यह विवाद बना हुआ है कि क्या वास्तव में जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के बीच किसी प्रकार का संबंध है या नहीं, लेकिन एक चीज स्पष्ट है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच की इस खींचतान से भारतीय राजनीति में आशंका का माहौल जरूर बन गया है।