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करवा चौथ 2025: जयपुर व राजस्थान में चाँद देखे जाने का समय एवं पूजा मुहूर्त अक्तू॰, 11 2025

जब करवा चौथ 2025 का ति‍हार 10 अक्टूबर, 2025 को शुक्रवार को आया, तो उत्तर भारत की विवाहित महिलाएँ सुबह 6:12 ए.एम. से लेकर चाँद देखे जाने तक निरजल व्रत रख रही थीं। इस साल के पूजा मुहूर्त और शहर‑विशिष्ट चाँद के उदय के समय लेकर इंटरनेट पर दबदबा जानकारी मिल रही है, जिसमें जयपुर (राजस्थान) प्रमुख केंद्र बन गया।

करवा चौथ का इतिहास और 2025 की तिथि

करवा चौथ का जड़ें हिन्दू पौराणिक कथा में मिलती हैं, जहाँ राणि वीरावती ने अपने पति की जान बचाने की दृढ़ता से व्रत रखा था। यह कथा आज भी विवाहित महिला‑समुदाय को एकजुट करती है। 2025 में यह त्‍वहार कार्तिक के चतुर्थी तिथि पर पड़ता है, जो 10 ओक्टूबर को 6:34 ए.एम. से शुरू होकर 11 ओक्टूबर को 5:55 ए.एम. तक चलता है, जैसा कि खगोलशास्त्रीय गणनाएं बताती हैं।

पूजा मुहूर्त और सूर्य उदय

व्रत का आरम्भ सूर्योदय से होता है, यानी जयपुर में 6:12 ए.एम. IST। फिर महिलाएँ सर्गी (भोजन) ग्रहण करती हैं, मेहँदी और आभूषण से सजीं होती हैं, और दोपहर के बाद करवा (मिट्टी के बर्तन) सजाकर पूजा करती हैं। पूजा का मुख्य मुहूर्त ड्रिकपंचांग.कॉम के अनुसार 6:04 पी.एम. से 7:18 पी.एम. तक है, जबकि एनडीटीवी 5:57 पी.एम. – 7:11 पी.एम. बताता है। दोनों स्रोतों में एक‑एक घंटे के अंतर के बावजूद, अधिकांश महिलाएँ इस अंतराल के भीतर अपने पति के साथ चाँद देखती हैं।

राजस्थान के प्रमुख शहरों में चाँद के उदय का समय

सही समय पर चाँद देखना फास्ट तोड़ने के लिए अनिवार्य है। नीचे बुकमायपूजाऑनलाइन.कॉम और यूट्यूब विश्लेषण (ID: m_Uba5ox9bs) से प्राप्त शहर‑वार टाइमिंग दी गई है:

  • जयपुर – 8:20 पी.एम. IST
  • जोधपूर – 8:22 पी.एम. IST
  • उदयपुर – 8:24 पी.एम. IST
  • बीकानेर – 8:23 पी.एम. IST
  • जैसलमेर – 8:25 पी.एम. IST

इन समयों में थोड़ा‑बहुत अंतर स्थानीय अंशुगी (अक्षांश‑देशांतर) के कारण है, पर सभी शहरों में चाँद देखे जाने का अंतिम क्षण 8:30 पी.एम. से पहले ही हो जाता है।

विभिन्न माध्यमों की तुलना

विभिन्न माध्यमों की तुलना

जब इकोनॉमिक टाईम्स ने मध्य प्रदेश के शहरों के टाइमिंग प्रकाशित किए – उज्जैन 8:33 पी.एम., ग्वालियर 8:15 पी.एम., इंदौर 8:34 पी.एम. – तो यह स्पष्ट हो गया कि उत्तर भारत में चाँद का उदय लगभग 8 पी.एम. के आसपास है, जबकि उत्राखण्ड में 7:10 पी.एम. तक दिख सकता है। दिल्ली‑एनसीआर में टाइम्स नाउ ने 8:12 पी.एम. (गाज़ियाबाद) और 8:14 पी.एम. (गुड़गांव) दर्ज किया। इन सभी आँकड़ों को मिलाकर एक सामान्य पैटर्न निकलता है: जितना पश्चिमी दिशा (राजस्थान) होगा, उतना ही चाँद देर से उगेगा।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

करवा चौथ केवल व्रत नहीं, बल्कि एक सामाजिक बंधन है। महिलाएँ सुबह-सुबह अपने सास‑बहू के बीच मिलकर सर्गी तैयार करती हैं, जिससे परिवार में सौहार्द का माहौल बनता है। आज के युवा वर्ग में इस त्योहार को सोशल मीडिया पर #KarwaChauth2025 जैसे हैशटैग से साझा किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण‑शहरी अंतर कम हो रहा है।

आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो कपड़े, ज्वेलरी, मीठे सामान की बिक्री में 15‑20 % की बढ़ोतरी देखी गई, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने कहा। साथ ही, वैध सिंगल‑प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे बुकमायपूजाऑनलाइन.कॉम ने पूजा‑किट्स की बुकिंग में रिकॉर्ड आकार के आदेश प्राप्त किए।

भविष्य की संभावनाएँ और 2026 का अनुमान

भविष्य की संभावनाएँ और 2026 का अनुमान

जैसे‑जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लोकप्रिय हो रहे हैं, करवा चौथ की सूचना साझा करने की गति भी तेज़ हो रही है। 2026 में करवा चौथ 8 ऑक्टूबर को पड़ने की संभावना है, पर सही तिथि अभी तय नहीं हुई है। विशेषज्ञ अनुमान देते हैं कि अगले साल भी शहर‑वार चाँद के उदय के समय ऑनलाइन ट्रैक किए जाएंगे, जिससे महिलाओं को सटीक समय पर फास्ट तोड़ने में मदद मिलेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

करवा चौथ 2025 में रिवाजों में कोई नया बदलाव है क्या?

2025 में रिवाज मूल रूप से वही हैं—सर्गी, करवा पूजा, चाँद देखना—लेकिन कुछ शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन पूजा किट्स और वर्चुअल धूप का इस्तेमाल बढ़ा है, जो कोविड‑19 के बाद से आम हो गया है।

ज्यादातर महिलाएँ किस समय चाँद देखती हैं?

राजस्थान में 8:20 PM‑8:25 PM, दिल्ली‑एनसीआर में 8:12 PM‑8:14 PM, और उत्तराखण्ड में 7:10 PM के आस‑पास चाँद दिखाई देता है, इसलिए महिलाएँ इन समयों के भीतर अपने पति के साथ चाँद देखती हैं।

करवा चौथ के व्रत को निरजल रखने का क्या महत्व है?

निरजल व्रत का अर्थ है पूरी दिन केवल जल नहीं, बल्कि भोजन भी न लेना। यह आत्म‑संयम और पति के प्रति अडिग devotion को दर्शाता है, जिसे पौराणिक कथा में राणि वीरावती ने प्रमाणित किया था।

क्या करवा चौथ पर आर्थिक लाभ भी होता है?

हाँ। रीटेलर्स कई प्रकार के साज‑सज्जा, ज्वेलरी और मिठाइयों की बिक्री में 15‑20 % की वृद्धि दर्ज करते हैं। साथ ही ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे बुकमायपूजाऑनलाइन.कॉम पर पूजा‑किट्स के ऑर्डर रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचते हैं।

अगले साल, 2026 में करवा चौथ कब पड़ेगा?

वर्तमान पंचांग के अनुसार, करवा चौथ 8 अक्टूबर, 2026 को पड़ने की सम्भावना है, पर सटीक तिथि विद्वानों द्वारा अंतिम पुष्टि के बाद ही घोषित की जाएगी।

7 टिप्पणि

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    Hrishikesh Kesarkar

    अक्तूबर 11, 2025 AT 03:30

    करवा चौथ का समय दिल्ली‑एनसीआर में 8:12 PM है, बाकी शहर लगभग समान हैं।

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    MANOJ SINGH

    अक्तूबर 11, 2025 AT 04:53

    सभी टाइमिंग देख कर पता चलता है कि राजस्थान में चाँद 8:20 PM के आसपास उगता है। यह डेटा ड्रिकपंचांग और अन्य साइटों के बीच थोड़ा फरक दिखाता है। लोगों को फास्ट तोड़ने के लिये सही समय पर नज़र रखनी चाहिए। नहीं तो व्रत का फायदा ही नहीं रहता।

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    Vaibhav Singh

    अक्तूबर 11, 2025 AT 06:17

    रिवाज वही हैं, ऑनलाइन किट्स बस समय बचाते हैं।

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    harshit malhotra

    अक्तूबर 11, 2025 AT 09:03

    करवा चौथ का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक बंधन को मजबूत करने में है।
    राजस्थान के शहरों में चाँद का उदय समय कुछ ही मिनटों के अंतर से तय होता है, इसलिए हर घर में टाइमर सेट कर रखा जाता है।
    जयपुर में 8:20 PM का समय आधिकारिक माना गया है, लेकिन छोटे गाँवों में अक्सर लगभग 8:22 PM पर देखा जाता है।
    इस साल की पूजा के मुहूर्त ड्रिकपंचांग के अनुसार शाम 6:04 से 7:18 तक विस्तृत है, जिससे महिलाओं को लचीलापन मिलता है।
    कई युवा महिलाएं अब वर्चुअल धूप और ऑनलाइन किट्स का उपयोग करती हैं, जिससे महामारी के बाद की आदतें स्थायी हो गई हैं।
    आर्थिक रूप से देखें तो कपड़े‑ज्वेलरी का बाजार इस अवसर पर 20 % तक बढ़ता है, जो छोटे व्यापारियों के लिए राहत का इंतज़ाम बनता है।
    सोशल मीडिया पर #KarwaChauth2025 टैग पर पोस्टों की संख्या पिछले साल से दो गुना तक बढ़ी है, जिससे पारम्परिक जानकारी तेजी से फैलती है।
    हालांकि, कुछ क्षेत्रों में समय के अंतर के कारण महिलाएं जल्दी या देर से चाँद देख लेती हैं, जिससे व्रत फास्ट नहीं टूटता।
    मौसम विज्ञान के अनुसार अक्टूबर में मौसम साफ रहता है, इसलिए क्लाउड कवर कम होने की संभावना है, जिससे साफ़ चाँद देखना आसान रहता है।
    दिल्ली‑एनसीआर में 8:12 PM के आसपास चाँद दिखाई देता है, लेकिन उत्तराखण्ड में यह 7:10 PM पर ही दिख जाता है।
    यह भौगोलिक अंतर कई बार परिवारों को अलग‑अलग समय पर मिलना पड़ता है, लेकिन आधुनिक संचार इसे आसान बनाता है।
    ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे बुकमायपूजाऑनलाइन ने पिछले साल रजिस्टर्ड यूज़र की संख्या में 30 % की वृद्धि दर्ज की है।
    इस डिजिटल युग में सूचना की सटीकता बहुत जरूरी है, नहीं तो व्रत का अनुष्ठान बिगड़ सकता है।
    कुछ पारिवारिक झगड़े अब भी समय के भेद के कारण पैदा होते हैं, इसलिए सामंजस्य बनाने में कनेक्शन की भूमिका अहम है।
    अंत में, करवा चौथ सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि महिलाएं अपने पति और परिवार के साथ एकजुटता का प्रतीक है।
    इसलिए हम सबको चाहिए कि सही समय की जानकारी फैलाते रहें और इस पु ऋष्करता के साथ त्योहार को मनाएँ।

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    Ankit Intodia

    अक्तूबर 11, 2025 AT 10:27

    साही बात है, करवा चौथ में समय का सम्मान इंसान‑और‑समय के बीच के संतुलन को दिखाता है। जब हम सही क्षण पर चाँद को देखते हैं, तो खुद को ब्रह्मांड के लय में सामंजस्यित पाते हैं। यही कारण है कि ये त्यौहार पीढ़ी‑दर‑पीढ़ी जीवित रहता है।

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    saurabh waghmare

    अक्तूबर 11, 2025 AT 11:50

    समय की सटीकता को लेकर कई गुरुओं ने बताया है कि स्थानीय पंचांग के साथ डिजिटल एपीआई को मिलाकर बेहतर परिणाम मिलते हैं। इस तरह महिला मित्रों को बिना किसी भ्रम के व्रत तोड़ने में मदद मिलती है।

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    Madhav Kumthekar

    अक्तूबर 11, 2025 AT 13:13

    अगर आप टाइमिंग को सेंट्रल ऐप में सेव कर ले तो अपडेट्स आप तक तुरंत आ जाएँगे। इससे कवनो देर नहीं होती और फास्ट भी सही समय पर टूटता है।

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