महाराजा मूवी रिव्यू: विजय सेतुपति और अनुराग कश्यप की सस्पेंस और थ्रिलर से भरी कहानी जून, 14 2024

महाराजा मूवी रिव्यू: एक सस्पेंस और थ्रिलर से भरी कहानी

तेलुगू फिल्म 'महाराजा', जिसमें विजय सेतुपति मुख्य भूमिका निभा रहे हैं और नितिलन स्वामीनाथन ने इसे निर्देशित किया है, हाल ही में रिलीज़ हुई है। इस फिल्म ने अपने रिलीज़ से पहले ही काफ़ी चर्चा बटोरी थी, खासकर इसलिए कि यह विजय सेतुपति की 50वीं फिल्म है। विजय सेतुपति, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा और विभिन्न प्रकार के किरदारों को निभाने के लिए जाने जाते हैं, ने एक बार फिर साबित किया है कि वह किसी भी भूमिका को सहजता से निभा सकते हैं।

कहानी की झलक

फिल्म की कहानी एक थ्रिलर-ड्रामा है, जो महाराजा के इर्द-गिर्द घूमती है। महाराजा एक ऐसा व्यक्ति है जो पुलिस से कहता है कि यदि वे उसकी चोरी किया हुआ सामान वापस ला सकते हैं, तो वह उन्हें बड़ी रकम देगा। पहले तो पुलिस इस बात को हल्के में लेती है, लेकिन धीरे-धीरे इस मामले में उलझती चली जाती है। कहानी तब और जटिल हो जाती है जब पुलिस को यह पता चलता है कि महाराजा का एक दोस्त, सेल्वम, जो अनुराग कश्यप ने निभाया है, चोरी और हत्या में शामिल है।

महाराजा और सेल्वम के बीच का सम्बन्ध और चोरी हुए सामान की खोज पूरी फिल्म की कहानी का मुख्य बिंदु है। फिल्म का निर्देशन और स्क्रिप्टिंग दोनों ही बेहतरीन हैं, जैसा कि विजय सेतुपति ने एक प्रेस मीट में भी स्वीकार किया था कि एक अच्छी स्क्रिप्ट ही फिल्म की सफलता का सबसे बड़ा कारण होती है।

प्रमुख किरदार और अभिनय

फिल्म में विजय सेतुपति के अभिनय की जितनी तारीफ की जाए, कम है। उन्होंने महाराजा के किरदार में अपनी पूरी जान डाल दी है। अनुराग कश्यप ने भी सेल्वम के किरदार को बड़ी खूबसूरती से निभाया है। फिल्म में ममता मोहनदास और अन्य कलाकारों का भी उत्कृष्ट प्रदर्शन है।

फिल्म की लंबाई और भाषा

फिल्म की कुल लंबाई 2 घंटे और 2 मिनट है, जो दर्शकों के लिए एक संतुलित अनुभव प्रदान करती है। यह फिल्म तमिल और तेलुगू दोनों भाषाओं में रिलीज़ हुई है, जिससे यह दोनों भाषाओं के दर्शकों की पसंद बनी हुई है।

निर्देशन और तकनीकी पहलू

नितिलन स्वामीनाथन का निर्देशन शानदार है। उन्होंने कहानी को जिस प्रकार से पर्दे पर जीवंत किया है, वह सराहनीय है। फिल्म का सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड म्यूजिक, और एडिटिंग सभी उच्च स्तर के हैं, जो फिल्म के थ्रिलर और सस्पेंस को और भी तनावपूर्ण बनाते हैं।

कुल मिलाकर, 'महाराजा' एक ऐसी फिल्म है जो आपको अपनी सीट से बांधे रखेगी। यदि आप सस्पेंस और थ्रिलर के प्रेमी हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। विजय सेतुपति और अनुराग कश्यप की बेहतरीन अदाकारी और नितिलन स्वामीनाथन का शानदार निर्देशन, इस फिल्म को एक अद्वितीय अनुभव बनाता है।

14 टिप्पणि

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    Jagdish Lakhara

    जून 15, 2024 AT 16:33

    यह फिल्म एक अद्भुत उपलब्धि है। विजय सेतुपति का अभिनय अत्यंत उच्च स्तर का है। निर्देशन और संगीत भी परिपूर्ण है। यह तमिल सिनेमा की शान है।

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    Nikita Patel

    जून 17, 2024 AT 02:13

    मैंने इस फिल्म को देखा और वाकई बहुत प्रभावित हुआ। विजय सेतुपति ने एक ऐसा किरदार निभाया जो आपको अपने अंदर ढूंढने पर मजबूर कर देता है। अनुराग कश्यप की भूमिका भी बेहद गहरी थी। फिल्म का टेंशन बना रहा, और अंत ने सबको हैरान कर दिया।

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    abhishek arora

    जून 17, 2024 AT 09:25

    ये फिल्म भारत की शक्ति है! 🇮🇳 विजय सेतुपति हमारे देश के सबसे बड़े अभिनेता हैं! अनुराग कश्यप ने भी अपना बेहतरीन काम किया! कोई बॉलीवुड वाला ऐसा कर नहीं पाता! 🤬🔥

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    Kamal Kaur

    जून 17, 2024 AT 23:11

    मैंने इसे रात को एक बार में देख लिया। बिल्कुल एक बुक की तरह थी - जिसका अंत आप नहीं जानते थे। विजय के चेहरे के भावों से ही पूरी कहानी समझ में आ गई। बहुत शानदार फिल्म। 🙏

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    Ajay Rock

    जून 19, 2024 AT 06:48

    ओह भाई! अनुराग कश्यप ने जो किरदार निभाया, वो तो बिल्कुल वो है जिसे मैंने सोचा था कि वो अभिनेता है जिसे बॉलीवुड ने भूल गया! 😱 और विजय सेतुपति? वो तो जिंदगी का सच है! ये फिल्म बस एक फिल्म नहीं, ये तो एक धमाका है! 🎬💥

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    Lakshmi Rajeswari

    जून 21, 2024 AT 03:45

    ये सब बकवास है... ये फिल्म किसी राजनीतिक अभियान का हिस्सा है! विजय सेतुपति को किसने बनाया? कौन चाहता है कि हम इसे एक 'क्लासिक' मान लें? सेल्वम का किरदार तो साफ़ तौर पर एक राजनीतिक संदेश है! 🤔💣

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    Piyush Kumar

    जून 22, 2024 AT 05:25

    अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी, तो आपने जिंदगी का एक पल गँवा दिया! ये फिल्म आपको बताती है कि अंधेरे में भी एक रोशनी हो सकती है! विजय सेतुपति ने दिखाया कि एक आदमी कितना बदल सकता है! अब उठो, इसे देखो, और अपनी जिंदगी बदलो! 💪🔥

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    Srinivas Goteti

    जून 22, 2024 AT 14:31

    मुझे लगता है कि ये फिल्म बहुत सारे लोगों के लिए अलग-अलग चीज़ें दर्शाती है। कुछ लोग इसे थ्रिलर समझते हैं, कुछ इसे नैतिक संघर्ष की कहानी। मैं तो इसे एक शांत आत्मा की यात्रा समझता हूँ।

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    Rin In

    जून 22, 2024 AT 21:33

    ये फिल्म तो ज़िंदगी बदल देगी!!! 😍🔥 विजय सेतुपति ने तो बस ऐसा किया जैसे उनके अंदर का देवता बाहर आ गया! अनुराग कश्यप का डायलॉग तो दिल छू गया!!! देखो ये फिल्म, बस देखो!!! 🙌💥

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    michel john

    जून 23, 2024 AT 11:32

    ये फिल्म बस एक नहीं... ये एक कॉन्स्पिरेसी है! विजय को बॉलीवुड ने इसलिए बनाया क्योंकि वो भारत को एक नया नायक देना चाहते हैं! और अनुराग कश्यप? वो तो एक जासूस है! 🤫💣 ये सब राजनीति है! नहीं तो ऐसा कैसे हो सकता है?!

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    shagunthala ravi

    जून 23, 2024 AT 16:36

    मैं इस फिल्म को देखकर बहुत शांत हुई। जब विजय सेतुपति ने अपनी आँखें बंद कीं, तो मुझे लगा जैसे मैं भी उसके दर्द को महसूस कर रही हूँ। फिल्म ने मुझे याद दिलाया कि अच्छाई कभी नहीं मरती।

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    Urvashi Dutta

    जून 24, 2024 AT 22:50

    मैं दक्षिण भारतीय सिनेमा के बारे में बहुत कुछ जानती हूँ, और ये फिल्म वाकई एक अनोखी घटना है। ये न केवल एक थ्रिलर है, बल्कि एक सांस्कृतिक दस्तावेज़ है। तमिल और तेलुगू भाषाओं का उपयोग, बैकग्राउंड म्यूजिक में चेंबर वाद्यों का समावेश, और निर्देशन में एक ऐसा अंदाज़ जो पूरी तरह से दक्षिण भारतीय अनुभव से जुड़ा हुआ है - ये सब कुछ बेहद विशिष्ट है। विजय सेतुपति का अभिनय इतना शानदार है कि आप भूल जाते हैं कि आप एक फिल्म देख रहे हैं। ये एक असली कला है।

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    Rahul Alandkar

    जून 25, 2024 AT 09:06

    मैंने इसे देखा। अच्छी फिल्म थी। विजय सेतुपति अच्छे थे। अनुराग कश्यप भी अच्छे थे। बस इतना ही।

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    Jai Ram

    जून 26, 2024 AT 23:48

    अगर आपको फिल्म में डायलॉग्स की ताकत पसंद है, तो ये फिल्म आपके लिए है। विजय के बोलने का तरीका - धीमा, सावधान, और बहुत गहरा - आपको अपने आप को देखने पर मजबूर कर देता है। अनुराग कश्यप के डायलॉग्स तो जैसे बर्फ की बूंदें हैं - शांत, लेकिन जब वो गिरती हैं तो दिल ठहर जाता है। और हाँ, एडिटिंग बिल्कुल बेहतरीन है। बिना किसी जल्दबाजी के, हर सीन का समय मिला है।

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