मारुति फ्रॉन्क्स बनाम बलेनो: कौन सी कार आपके लिए सही है? दिस॰, 7 2025

जब एक ग्राहक ₹7 लाख के बजट में एक नई कार खरीदने का फैसला करता है, तो उसके सामने दो ऐसी कारें आती हैं जो एक जैसी लगती हैं, लेकिन असल में पूरी तरह अलग हैं। मारुति फ्रॉन्क्स और मारुति बलेनो — दोनों का नाम अलग है, दोनों का डिजाइन लगभग एक जैसा है, लेकिन जो अंतर है, वो आपकी जेब और जिंदगी दोनों को बदल सकता है। ये दोनों कारें 2023 में भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा चर्चित थीं, और आज भी ग्राहक इनकी तुलना कर रहे हैं। क्या आप बस एक सस्ती कार चाहते हैं? या फिर एक ऐसी कार जो आपको एसयूवी का अहसास दे? यहां पूरी कहानी है।

कीमत: बलेनो की शुरुआती कीमत फ्रॉन्क्स से ₹86,000 कम

सबसे पहला अंतर बैंक बैलेंस पर दिखता है। मारुति सुजुकी बलेनो की एक्स-शोरूम कीमत ₹5.99 लाख से शुरू होती है — सिग्मा (पेट्रोल) वेरिएंट के लिए। वहीं, मारुति सुजुकी फ्रॉन्क्स की शुरुआती कीमत ₹6.85 लाख है। यानी आप बलेनो को खरीदकर ₹86,000 बचा सकते हैं। ऑन-रोड कीमत देखें तो अंतर और भी बड़ा हो जाता है: बलेनो ₹10.2 लाख के आसपास, जबकि फ्रॉन्क्स ₹13.8 लाख तक पहुंच जाती है। ये ₹3.6 लाख का अंतर कोई छोटी बात नहीं है। ये पैसा किसी के पास एक नया टायर, कुछ सालों के लिए ईंधन, या फिर एक छुट्टी के लिए बच सकता है।

इंजन और पावर: एक ही आकार, अलग ताकत

दोनों कारों में 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन लगा है — ये तो सब जानते हैं। लेकिन यहां चालाकी है। मारुति बलेनो का टॉप मॉडल 88.5 bhp और 113 Nm टॉर्क देता है। वहीं, मारुति फ्रॉन्क्स का बेस वेरिएंट 88 bhp देता है, लेकिन उसका टर्बो वेरिएंट — जो कि ₹7.8 लाख से शुरू होता है — 99 bhp और 148 Nm टॉर्क देता है। यानी अगर आप ज्यादा पावर चाहते हैं, तो फ्रॉन्क्स बेहतर है। लेकिन ये पावर के लिए बढ़ी हुई कीमत के बदले में मिलती है।

माइलेज: बलेनो ने फ्रॉन्क्स को दूर छोड़ दिया

ये वो जगह है जहां बलेनो बिल्कुल निर्विवाद जीतती है। मारुति बलेनो का एआरएसआई माइलेज 30.61 किमी/किलोग्राम (पेट्रोल टॉप मॉडल) है — जो लगभग 22.35 किमी/लीटर के बराबर है। वहीं, मारुति फ्रॉन्क्स का एआरएसआई माइलेज 28.51 किमी/किलोग्राम (21.80 किमी/लीटर) है। असल दुनिया में, जब आप शहर में चलते हैं, तो बलेनो 19-20 किमी/लीटर देती है, जबकि फ्रॉन्क्स 18-19 किमी/लीटर। एक साल में 15,000 किमी चलने वाले ग्राहक के लिए ये अंतर ₹12,000 से ज्यादा की बचत बन सकता है। ये बचत न सिर्फ ईंधन पर है, बल्कि इंजन के जीवनकाल पर भी असर डालती है।

डिजाइन: फ्रॉन्क्स एक छोटी एसयूवी है, बलेनो एक हैचबैक

एक यूट्यूब रिव्यू में एक विशेषज्ञ ने कहा, “फ्रॉन्क्स का स्टैंस बलेनो से अधिक बटच है। यह सामने से अधिक आक्रामक दिखता है, लेकिन आपको लगभग उसी कार के लिए बहुत अधिक अतिरिक्त पैसे चुकाने पड़ते हैं।” ये बात बिल्कुल सही है। मारुति फ्रॉन्क्स को कंपनी ने प्रीमियम हैचबैक और छोटी क्रॉसओवर एसयूवी के बीच की कार के रूप में पेश किया है। इसका बॉडी क्लीयरली ऊंचा है, टायर बड़े हैं, और ग्राउंड क्लीयरेंस 180 मिमी है — जो बलेनो के 165 मिमी से ज्यादा है। बलेनो तो एक साधारण, स्टाइलिश हैचबैक है — जिसका डिजाइन बाजार में बहुत सारी कारों ने नकल की है।

स्पेस और प्रैक्टिकैलिटी: बलेनो का बूट बड़ा है

स्पेस और प्रैक्टिकैलिटी: बलेनो का बूट बड़ा है

अगर आप अक्सर बड़े सूटकेस या बच्चों के खिलौने ले जाते हैं, तो ये डिटेल आपके लिए फैसला करने वाली है। मारुति बलेनो का बूट स्पेस 326 लीटर है। मारुति फ्रॉन्क्स का बूट स्पेस 308 लीटर है। अंतर सिर्फ 18 लीटर है, लेकिन अगर आपके पास एक बड़ा बैग है, तो ये अंतर दिख जाता है। बलेनो के बैक सीट भी थोड़े ज्यादा सीधे हैं, जिससे पीछे बैठने वालों को थोड़ा ज्यादा स्पेस मिलता है।

सुरक्षा और बाजार पोजिशनिंग

दोनों कारों को बीएसएमए ने फोर-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है — जो एक अच्छा रिकॉर्ड है। लेकिन यहां एक बड़ा फर्क है: मारुति फ्रॉन्क्स का सीधा प्रतिद्वंद्वी कोई दूसरी मारुति कार नहीं है। ये हुंडई वेन्यू, महिंद्रा XUV300, स्कोडा कुशाक और टाटा नेक्सन के साथ टकराती है। यानी ये एक एसयूवी की तरह बेची जा रही है। वहीं, मारुति बलेनो टाटा टिगो, हुंडई इंडिका वेक्स और रेनॉल्ट अर्का के साथ टकराती है। ये दोनों अलग-अलग ग्राहकों को टारगेट करती हैं।

कौन खरीदे? आखिरी सलाह

अगर आपका बजट सख्त है, आप शहर में ज्यादा ड्राइव करते हैं, और आपको एक साधारण, स्टाइलिश कार चाहिए — तो मारुति बलेनो आपके लिए है। ये बेहतर माइलेज देती है, सस्ती है, और बूट स्पेस भी ज्यादा है।

लेकिन अगर आपको एक ऐसी कार चाहिए जो आपको थोड़ा बड़ा, थोड़ा अलग, थोड़ा बहादुर महसूस कराए — जिसे आप बाहरी सड़कों पर भी ले जा सकें — तो मारुति फ्रॉन्क्स बेहतर विकल्प है। ये ज्यादा शक्तिशाली है, ज्यादा ऊंची है, और अगर आप टर्बो वेरिएंट लेते हैं, तो ये एक छोटी एसयूवी की तरह चलती है।

अगर आपको लगता है कि दोनों एक जैसी हैं, तो आप गलत हैं। एक तो एक सस्ती हैचबैक है, दूसरी एक अलग तरह की कार है। आपका बजट नहीं, आपकी जरूरतें आपका फैसला करेंगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मारुति बलेनो और फ्रॉन्क्स में कौन सी कार अधिक ईंधन कुशल है?

मारुति बलेनो अधिक ईंधन कुशल है। इसका एआरएसआई माइलेज 30.61 किमी/किलोग्राम (22.35 किमी/लीटर) है, जबकि फ्रॉन्क्स का 28.51 किमी/किलोग्राम (21.80 किमी/लीटर) है। असल ड्राइविंग में भी बलेनो शहरी ट्रैफिक में 19-20 किमी/लीटर देती है, जबकि फ्रॉन्क्स 18-19 किमी/लीटर तक सीमित रहती है। एक साल में 15,000 किमी चलने पर बलेनो से ₹12,000 से अधिक की बचत हो सकती है।

फ्रॉन्क्स की टर्बो वेरिएंट क्यों महंगी है?

फ्रॉन्क्स की टर्बो वेरिएंट में 99 bhp का टर्बोचार्ज्ड इंजन लगा है, जो 148 Nm टॉर्क देता है — ये बलेनो के इंजन से ज्यादा शक्तिशाली है। इसके अलावा, इसमें बेहतर सस्पेंशन, बड़े टायर, और एसयूवी-जैसा डिजाइन है। ये सब जुड़कर इसे ₹7.8 लाख से शुरू होने वाली कार बनाते हैं, जबकि बलेनो का टॉप मॉडल ₹9.10 लाख तक है।

क्या फ्रॉन्क्स ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी है?

हां, फ्रॉन्क्स ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर है। इसकी ग्राउंड क्लीयरेंस 180 मिमी है, जो बलेनो के 165 मिमी से ज्यादा है। यह खुली सड़कों, बर्बर रास्तों और बारिश के बाद के बाढ़ वाले क्षेत्रों में आसानी से चलती है। इसका बड़ा टायर और ऊंचा स्टैंस इसे एक छोटी एसयूवी की तरह बनाता है, जो ग्रामीण ड्राइवरों के लिए बहुत उपयोगी है।

बलेनो के लिए कौन से विकल्प हैं?

बलेनो के सीधे प्रतिद्वंद्वी हैं: टाटा टिगो, हुंडई इंडिका वेक्स, रेनॉल्ट अर्का और टाटा टाइगर। इनमें से टिगो और वेक्स भी बलेनो जितनी ही ईंधन कुशल हैं, लेकिन फ्रॉन्क्स जैसी एसयूवी जैसी बनावट नहीं देतीं। अगर आपको बलेनो जैसी कार चाहिए, तो ये तीन विकल्प सबसे अच्छे हैं।

फ्रॉन्क्स के लिए कौन सी एसयूवी बेहतर है?

फ्रॉन्क्स के लिए सीधे प्रतिद्वंद्वी हैं: हुंडई वेन्यू, महिंद्रा XUV300, स्कोडा कुशाक और टाटा नेक्सन। इनमें से वेन्यू और नेक्सन फ्रॉन्क्स के समान बजट में आते हैं, लेकिन अधिक सुविधाएं और बड़ा इंटीरियर देते हैं। अगर आप बजट के अंदर एक असली एसयूवी चाहते हैं, तो नेक्सन या XUV300 बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

क्या दोनों कारों की रखरखाव लागत एक जैसी है?

हां, रखरखाव लागत लगभग एक जैसी है क्योंकि दोनों में समान इंजन और गियरबॉक्स का इस्तेमाल होता है। मारुति सुजुकी के सेवा सेंटर दोनों कारों के लिए समान भागों का उपयोग करते हैं। लेकिन फ्रॉन्क्स के टर्बो वेरिएंट के लिए थोड़ा ज्यादा ध्यान देना पड़ता है — टर्बोचार्जर की रखरखाव थोड़ी महंगी हो सकती है।