मौसम चेतावनी: दिल्ली‑उ.प्र‑बिहार में साफ़ आकाश, महाराष्ट्र व केरल में भारी बारिश सित॰, 27 2025

उत्तर भारत में धूप और ताप बढ़ता

अगस्त के अंत से कमेटर के घनघोर मौसम के बाद, 26 सितंबर को उत्तर भारत के प्रमुख शहरों में साफ़ आकाश वाला दिन रहेगा। दिल्ली में अधिकतम तापमान 36 °C तक पहुंचने की संभावना है, जबकि न्यूनतम 26 °C रहेगा। नजदीकी इलाकों में नमी बढ़ी हुई है, जिससे गर्मी का असर और स्पष्ट महसूस हो सकता है। इस गर्मी के साथ वायुमार्ग में धुंध की संभावना कम है, इसलिए एयर क्वालिटी संबंधी चेतावनियां नहीं जारी की गई हैं।

उत्तरी प्रदेशों की राजधानी इलाहाबाद से लेकर बिहार के सभी जिलों तक, मौसम विभाग ने मौसम चेतावनी को हरे रंग में वर्गीकृत किया है, जिसका अर्थ है बारिश नहीं, लेकिन गर्मी और धूप से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। स्थानीय लोगों को पर्याप्त जल सेवन, हल्के कपड़े और दोपहर की तीव्र धूप में बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है।

दिल्ली‑एनसीआर में चालू गर्मी के कारण इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि देखी जा सकती है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने सर्दियों के एलर्जी वाले लोगों को मास्क पहनने और धूप से बचने के सुझाव दिये हैं। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में खेती के लिए जल की कमी का खतरा बढ़ा है, जिससे कुओं और जलाशयों पर दबाव बढ़ सकता है।

पश्चिम व दक्षिण में भारी बारिश और तूफ़ानी हवाएं

पश्चिम व दक्षिण में भारी बारिश और तूफ़ानी हवाएं

विभिन्न पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में, इस सप्ताह एक तीव्र लव-प्रेशर एरिया बन रहा है, जो पश्चिम भारत के कोकण और मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश लाएगा। महाराष्ट्र में विशेषकर कोकण, माराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई हिस्सों में 26 से 30 सितंबर तक भारी‑बहुत भारी वर्षा की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में 100 mm से अधिक बारिश का अनुमान है।

केरल, गुजरात और पश्चिम बंगाल भी इस मौसम के असर में हैं। केरल के तटीय क्षेत्रों में निरंतर बूँदाबाँदी के साथ कभी‑कभी तेज़ बवंडर के संकेत मिल रहे हैं। गुजरात के कपड़ॉन और कच्छ में भी बाढ़ की संभावना बढ़ी है, क्योंकि बैंगाली समुद्र की ओर से आ रही नमी का दबाव इस क्षेत्र में संकुचित हो रहा है।

महाराष्ट्र में इस अवधि में आँधियों, बिजली गिरने और 30‑40 km/h तक की तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। इन हवाओं में अचानक झटके भी आ सकते हैं, जिससे कुछ इलाकों में वृक्ष गिरने और बिजली के कटौती की रिपोर्टें मिल सकती हैं। इसके अलावा, उत्तर महाराष्ट्र समुद्र तट पर 40‑50 km/h तक की तेज़ हवाओं की संभावना है, जिसमें गुस्ट 60 km/h तक पहुंच सकती है। इसलिए मछुआरों को समुद्र में नौकायन से बचाने के लिए विशेष संकेत जारी किया गया है।

  • कोकण (महाराष्ट्र) – भारी‑बहुत भारी बारिश, जलस्तर में अचानक वृद्धि
  • माराठवाड़ा – जगह‑जहाँ तीव्र बौछार, संभावित बाढ़
  • केरल – निरंतर बूँदाबाँदी, छोटी बवंडर
  • गुजरात – पश्चिमी तट पर बाढ़ का खतरा
  • पश्चिम बंगाल – दक्षिण‑पूर्वी भाग में भीषण वर्षा

इन क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है। जल निकासी की समस्याओं से बचने के लिए नालियों और जलाशयों को खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। स्कूल और कॉलेजों के कुछ ज़ोन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, ताकि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

मौसम विभाग का कहना है कि इस लव‑प्रेशर एरिया का प्रभाव 30 सितंबर तक जारी रह सकता है, उसके बाद धीरे‑धीरे मोनसून का पँछा पश्चिम ओर हटेगा। परन्तु इसके बाद भी कुछ क्षेत्रों में स्थानीय तौर पर छोटी‑छोटी बरसात की संभावना बनी रहेगी, इसलिए लोगों को निरंतर अपडेटेड मौसम रिपोर्ट देखनी चाहिए।

7 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Pooja Prabhakar

    सितंबर 29, 2025 AT 02:13
    ये सब तो बस रिपोर्ट है, लेकिन असल में दिल्ली में तो हर साल यही होता है। गर्मी बढ़ रही है, तो लोग बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन सरकार कहती है 'मास्क पहनो'। क्या ये इलाज है या बस दिखावा? और जब बारिश होती है तो महाराष्ट्र में स्कूल बंद, लेकिन दिल्ली में बच्चे स्कूल जा रहे हैं जहाँ हवा में धूल और धुंध है। ये दोहरा चरित्र क्यों?
  • Image placeholder

    Anadi Gupta

    सितंबर 29, 2025 AT 12:18
    मौसम विज्ञान के अनुसार लव-प्रेशर सिस्टम का विकास पश्चिमी बंगाल के उपोष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र में उत्तरी अरब सागर की नमी और बंगाल की खाड़ी के उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संयोग से होता है जिसका प्रभाव दक्षिणी भारत के तटीय भागों में अत्यधिक वर्षा के रूप में दिखाई देता है जबकि उत्तरी भारत में उच्च दबाव क्षेत्र के कारण वायु अवरोधन के कारण वर्षा नहीं होती और यही कारण है कि दिल्ली में तापमान बढ़ रहा है और नमी भी अधिक है जिससे असली ताप अनुभव अधिक होता है
  • Image placeholder

    shivani Rajput

    सितंबर 30, 2025 AT 04:57
    कोकण में 100mm बारिश और माराठवाड़ा में जलस्तर अचानक बढ़ना ये सिर्फ मौसम नहीं ये जलवायु असंतुलन है। बाढ़ के बाद भी नालियाँ नहीं साफ की जातीं। जल निकासी का कोई योजना नहीं। जनता को बस बारिश में भीगने को कहा जाता है। ये लोग जिन्होंने ये रिपोर्ट लिखी है क्या उन्होंने कभी गाँव में बारिश के बाद जाना है?
  • Image placeholder

    Jaiveer Singh

    अक्तूबर 1, 2025 AT 03:22
    हमारे देश में ये सब जानकारी देना बहुत अच्छी बात है लेकिन ये बारिश के बाद जो बाढ़ आती है वो हमारे लोगों की लापरवाही की वजह से होती है। जब हमारे लोग गंदगी नालियों में फेंकते हैं तो ये बाढ़ आती है। दिल्ली में गर्मी बढ़ रही है तो लोग मास्क पहन लें। ये छोटी बातें हैं लेकिन इन्हीं से देश बदलता है।
  • Image placeholder

    Arushi Singh

    अक्तूबर 1, 2025 AT 09:16
    मैं तो सोच रही थी कि इतनी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग मौसम हो रहा है तो शायद ये एक अच्छा संकेत है कि हमारी धरती अभी भी जीवित है। बस अगर हम इसे नहीं तोड़ेंगे तो ये अपने आप संतुलित रहेगा। महाराष्ट्र में बारिश हो रही है तो दिल्ली में धूप है - ये अलग नहीं बल्कि एक ही चक्र है। बस हमें इसकी वजह समझनी होगी न कि बस भयभीत होना।
  • Image placeholder

    Rajiv Kumar Sharma

    अक्तूबर 2, 2025 AT 17:47
    ये सब तो बस एक चक्र है। बारिश हो रही है तो गर्मी भी है। ये दुनिया नहीं बदल रही है, हम बदल रहे हैं। जब हम नदियों को बंद कर देते हैं, जंगल काट देते हैं, तो ये मौसम भी अपना रास्ता बदल लेता है। तुम्हारी बारिश नहीं बदली, तुम्हारी सोच बदल गई। तुम्हारी ज़मीन तुम्हारे लिए बोल रही है। सुनो तो बच जाओ।
  • Image placeholder

    Jagdish Lakhara

    अक्तूबर 3, 2025 AT 21:12
    मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर तटीय क्षेत्रों में मछुआरों के लिए नौकायन से बचना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि तेज़ हवाओं के कारण जीवन के लिए खतरा मंचित हो सकता है। इस प्रकार की जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना आवश्यक है।

एक टिप्पणी लिखें