MoSJE ने 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' थीम के साथ 2025 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में 3,400 दिव्यांगजनों को रिकॉर्ड‑तोड़ योग सत्र कराए अक्तू॰, 11 2025

21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) ने ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ थीम के तहत देश‑व्यापी योग कार्यक्रम शुरू किए, जिसमें तेलंगाना के कान्हा शांति वन में 3,400 से अधिक दिव्यांगजन भाग लेकर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई। इस पहल ने न सिर्फ शारीरिक‑मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ किया, बल्कि सामाजिक समावेशिता का नया मानक भी स्थापित किया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम और राष्ट्रीय योजना

इस वर्ष की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ का उद्देश्य योग को एकीकृत स्वास्थ्य‑पर्यावरण मंच बनाना था। MoSJE ने यह योजना पहली बार भारत‑भरीय स्तर पर लागू की, जिसमें केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, “योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन शैली का एक अभिन्न भाग है, जो सभी को एकजुट कर सकता है।”

नेपाल में थापाथली रोटरी क्लब हल में आयोजित सत्र

एक साथ, नेपाल‑भारत मैत्री समाज ने काठमांडू के थापाथली स्थित रोटरी क्लब हल में 90‑मिनट का योग‑प्राणायाम‑ध्यान शिविर आयोजित किया। इस सत्र में दो सौ से अधिक सहभागी शामिल थे, जिनमें शिक्षक, चिकित्सक, युवा, वृद्ध और महिला‑पुरुष सभी थे। योगाचार्य स्वामी श्री ध्रुव, योगाचार्य ने कहा, “योग केवल व्यायाम नहीं, यह आत्म‑अनुशासन, सन्तुलन और चेतना का मार्ग है।”

भारत में रेंगा रेड्डी, कान्हा शांति वन में रिकॉर्ड‑तोड़ कार्यक्रम

तेलंगाना के रेंगा रेड्डी स्थित कान्हा शांति वन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025तेलंगाना, भारत का मुख्य समारोह आयोजित हुआ। यहाँ 21 विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 3,400 से अधिक दिव्यांगजन ने भाग लिया, जिसे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, सचिव राजेश अग्रवाल और संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष उपाध्याय, कार्यकारी निदेशक उपस्थित थे।

दिव्यांगजन के लिए विशेष पहल और सामाजिक समरसता

दिव्यांगजन के लिए विशेष पहल और सामाजिक समरसता

कान्हा शांति वन में आयोजित सत्र के अतिरिक्त, विभिन्न CRC (Centers for Rehabilitation) ने ‘सभी के लिए योग’ का संदेश फैलाया। दावणगेरे, त्रिपुरा, गोरखपुर, नागपुर, गुवाहाटी, छतरपुर, जयपुर, सुंदरनगर आदि स्थानों पर स्थानीय केंद्रों ने सामुदायिक योग सत्र आयोजित किए और दावणगेरे CRC ने 15 दिव्यांगजनों को 30 श्रवण यंत्र वितरित किए। यह कदम सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के साथ‑साथ शारीरिक‑मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।

विशेषज्ञों की राय और योग के स्वास्थ्य लाभ

सत्र में वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डा. गौरीशंकर लाल दास, आयुर्वेद विशेषज्ञ ने कहा, “योग मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और जीवनशैली सुधार में गहरा असर डालता है। आयुर्वेद के साथ मिलकर यह एक संपूर्ण उपचार पद्धति बन जाता है।” उन्होंने यह भी बताया कि नियमित योग से रक्तचाप, हृदय गति, पाचन तंत्र और नींद की क्वालिटी में सुधार होता है।

तभी, डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने बताया, “योग शरीर को आत्मा से, मन को विचार से और बुद्धि को विवेक से जोड़ता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। यह न केवल कार्यक्षमता को बढ़ाता है, बल्कि जीवन में ऊर्जा और उत्साह भी भर देता है।”

भविष्य की दिशा और निरंतरता

भविष्य की दिशा और निरंतरता

अगले साल की योजना में MoSJE ने कहा है कि योग को और अधिक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विस्तारित किया जायेगा, विशेषकर शारीरिक सीमाओं वाले लोगों के लिए अनुकूल तकनीकों के साथ। यह निरंतरता न केवल स्वास्थ्य को सुदृढ़ करेगी, बल्कि सामाजिक बंधनों को भी कम करेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ थीम का क्या अर्थ है?

यह थीम योग को शारीरिक‑मानसिक स्वास्थ्य, पर्यावरणीय जागरूकता और सामाजिक समरसता के मिलन बिंदु के रूप में प्रस्तुत करती है, जिससे सभी आयु व वर्ग के लोगों को एकजुट किया जा सके।

कान्हा शांति वन में कितने दिव्यांगजन भाग ले पाए?

प्रोग्राम में 3,400 से अधिक दिव्यांगजन शामिल हुए, जिनमें 21 विभिन्न विकलांगताओं का प्रतिनिधित्व था, और यह संख्या एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।

क्या इस कार्यक्रम से सामान्य जनता को कोई लाभ मिलेगा?

हां, कार्यक्रम ने योग के व्यापक स्वास्थ्य लाभों को उजागर किया, जिसमें तनाव घटाना, रक्तचाप नियंत्रित करना, बेहतर नींद और ऊर्जा स्तर बढ़ाना शामिल है, जो सभी प्रतिभागियों के लिए फायदेमंद है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ ने योग के बारे में क्या कहा?

डा. गौरीशंकर लाल दास ने बताया कि योग मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और जीवनशैली सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और आयुर्वेद के साथ मिलकर यह समग्र उपचार पद्धति बन जाता है।

भविष्य में MoSJE की किन पहलों की उम्मीद है?

विभिन्न ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनुकूलित योग कार्यक्रम शुरू करने की योजना है, विशेषकर शारीरिक सीमाओं वाले लोग और वरिष्ठ नागरिक, ताकि स्वास्थ्य में सुधार के साथ सामाजिक समावेशिता बढ़े।

11 टिप्पणि

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    MANOJ SINGH

    अक्तूबर 11, 2025 AT 01:19

    3400 दिव्यांगजन ने योग करके रिकॉर्ड तोड़ दिया, बहुत खुशी है!

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    harshit malhotra

    अक्तूबर 14, 2025 AT 12:39

    भारत ने फिर से दिखा दिया कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अपने संघर्षशील नागरिकों को कैसे सशक्त बनाता है।
    'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' थीम केवल एक नारा नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की समग्र स्वास्थ्य नीतियों का प्रतिबिंब है।
    इस साल 3400 से अधिक दिव्यांगजन ने एक साथ योग किया, जो एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होने लायक उपलब्धि है।
    ऐसी घटनाएँ हमारे देश की विविधता और एकता को उजागर करती हैं, जहाँ हर वर्ग को समान मंच मिलता है।
    हालांकि कुछ लोग इसका राजनीतिक उपयोग करके भाजपा का जश्न मनाने की कोशिश कर सकते हैं, पर वास्तविक उद्देश्य सामाजिक समावेशन ही है।
    इस कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञों ने योग के स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला, जिससे जनता को वैज्ञानिक आधार मिला।
    विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ चिकित्सा सुविधाएँ कम हैं, योग एक सस्ती और प्रभावी उपचार का रूप बन सकता है।
    सरकार ने भविष्य में और अधिक ग्रामीण इलाकों में इस तरह के कार्यक्रम विस्तार करने की योजना बनाई है, यह कदम सराहनीय है।
    लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन आयोजनों में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी कभी-कभी देखी गई, जैसे कि साज‑सज्जा और पहुँच‑योग्यता।
    इस कमी को दूर करने के लिए स्थानीय निकायों को अधिक जिम्मेदारी लेना आवश्यक है, ताकि सभी प्रतिभागियों को सहज अनुभव हो।
    साथ ही, मीडिया को भी इन पहलुओं को सही रूप में प्रस्तुत करना चाहिए, न कि केवल सड़कों की चमक‑धमक दिखाना।
    राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की बड़ी संख्या में दिव्यांगजन का भाग लेना हमारे सामाजिक विकास में एक मील का पत्थर है।
    यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करता है, जिससे आत्म‑सम्मान में वृद्धि होती है।
    अंत में, मैं यही कहूँगा कि हमें इस उपलब्धि को आगे भी बनाये रखना चाहिए और हर साल इस स्तर की पहल को बढ़ाना चाहिए।
    यदि सभी राजनैतिक पार्टियाँ मिलकर इस मिशन को सहयोग दें, तो भारत वास्तव में 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' को साकार कर सकता है।
    यही वह दिशा है जिसका हमें अभिमान के साथ पालन करना चाहिए, चाहे वह कोई भी राजनीतिक पृष्ठभूमि हो।

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    akshay sharma

    अक्तूबर 17, 2025 AT 23:59

    आपने जिस चुनौती का जिक्र किया है, वह वास्तव में प्रमुख मुद्दा है; कई राज्य सरकारें अब पहुंच‑सुलभ इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रही हैं।
    वास्तव में, ऐसा डेटा उपलब्ध है कि 2024‑2025 में 20% नए योग केंद्रों में रैंप और ऑडियो‑विज़ुअल मदद जुड़ी है।
    इसके अलावा, आयुर्वेद एवं योग के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि नियमित अभ्यास से स्ट्रेस स्तर 30% तक घटता है।
    इसलिए, केवल आलोचना नहीं, बल्कि ठोस आँकड़े प्रस्तुत करना चाहिए जो प्रगति को प्रमाणित करें।
    आशा है आगे भी ऐसी पहलें वैज्ञानिक आधार पर निर्मित रहें।

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    Harshada Warrier

    अक्तूबर 21, 2025 AT 11:19

    सच कहूँ तो लगता है सरकार इस योग कार्यक्रम से कुछ छुपा रही है, शायद डेटा में हेरफेर।

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    Jyoti Bhuyan

    अक्तूबर 24, 2025 AT 22:39

    ऐसे बड़े कार्यक्रम से हमें प्रेरणा मिलती है कि कोई भी बाधा हमारे सपनों को रोके नहीं सकती!
    दिव्यांगजन ने दिखा दिया कि योग सभी के लिए है, चाहे शारीरिक स्थिति कुछ भी हो।
    आइए हम भी अपनी दिनचर्या में थोड़ी देर योग शामिल करें और स्वास्थ्य को बढ़ावा दें।

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    Sreenivas P Kamath

    अक्तूबर 28, 2025 AT 09:59

    हँसी आती है कि लोग कहते हैं 'थोड़ी देर योग' पर अक्सर वही लोग होते हैं जो खुद जम्पिंग जॅक नहीं कर पाते।
    पर सच में, अगर छोटे‑छोटे कदम उठाएँ तो बड़े परिवर्तन संभव हैं, यही सच्चा कोचिंग है।

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    Chandan kumar

    अक्तूबर 31, 2025 AT 21:19

    देखा तो बस, सारे धूम है पर असली फ़ायद़ा कौन देख रहा है, टाइम पास लगता है ये सब।

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    Swapnil Kapoor

    नवंबर 4, 2025 AT 08:39

    वास्तव में, आप जैसी लापरवाह टिप्पणी से कुछ नहीं बदलता।
    अगर आप डेटा देखेंगे तो समझेंगे कि इस कार्यक्रम ने 3400+ दिव्यांगजन के जीवन में सीधे सकारात्मक बदलाव लाया है।
    साथ ही, विभिन्न सेंटरों ने फॉलो‑अप में निरंतर योग सत्र और स्वास्थ्य निगरानी शुरू की है, जो सतत विकास का संकेत है।
    इसलिए, आलोचना से पहले ठोस जानकारी लें।

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    kuldeep singh

    नवंबर 7, 2025 AT 19:59

    वाह! इतना बड़ा रिकॉर्ड तो जैसे किसी फिल्म की क्लाइमैक्स हो!
    समाज में इतने लोगों को एक साथ देखना दिल को छू जाता है, जैसे खुशियों का महाप्रदर्शन।
    आशा है आगे भी ऐसे इवेंट्स में और भी ड्रामा और ऊर्जा आएगी।

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    Shweta Tiwari

    नवंबर 11, 2025 AT 07:19

    आपके उत्साहित स्वर को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इस पहल ने सामाजिक जागरूकता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
    वास्तव में, इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप सहभागियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार दर्शाया गया है।
    यह विश्लेषण भविष्य में अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों के लिए मॉडल बन सकता है।

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    Anu Deep

    नवंबर 14, 2025 AT 18:39

    इतनी बड़ी उपलब्धि पर हमें गर्व है यह हमारे सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है
    आगे भी ऐसे कार्यक्रमों से सभी को लाभ पहुँचता रहे

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