दैनिक देहरादून गूंज
नरायण जगदीशान को मिला पहला टेस्ट कॉल‑अप, पेंट की जगह सित॰, 26 2025

पृष्ठभूमि और घरेलू प्रदर्शन

नरायण जगदीशान, जिन्हें उनके मित्र "जैगी" कहते हैं, 24 दिसंबर 1995 को जन्मे एक टैलेंटेड विकेटकीपर‑बल्लेबाज़ हैं। तमिलनाडु की साइड से वह रणजी ट्रॉफी, विक्टोरिया सीरीज और रैनिना तुंगाप्पा ट्रॉफी जैसे प्रमुख घरेलू टूर्नामेंटों में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके कई सत्रों में 500 से अधिक रन और कई महत्वपूर्ण स्टम्पिंग्स शामिल हैं, जो उनके बहुमुखी कौशल को दर्शाते हैं।

डोमेस्टिक करियर के दौरान उनके कुछ उल्लेखनीय आँकड़े:

  • पहले सत्र में 450+ रन, औसत 45.0 के साथ
  • 2022‑23 में ट्रॉफी में 8 स्टम्पिंग्स और 3 कैच
  • देसर वर्कशॉप में युवा सितारा के रूप में मान्यता

इन उपलब्धियों ने भारतीय टीम के स्काउट्स का ध्यान आकर्षित किया, जिससे उन्हें कई राष्ट्रीय कैंप में बुलाया गया, पर अभी तक अंतरराष्ट्रीय डेब्यू नहीं मिला था।

टेस्ट कॉल‑अप और टीम में भूमिका

टेस्ट कॉल‑अप और टीम में भूमिका

जुलाई 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ पाँचवाँ टेस्ट सुर्खियों में रहा, क्योंकि भारतीय टीम ने रिषभ पेंट को फ्रैक्चर की वजह से हटा दिया था। पेंट, जो पहले से ही तीसरे टेस्ट में फिंगर इन्ज़री से जूझ रहे थे, ने मैनचेस्टर टेस्ट में अपने दायाँ पैर तोड़ लिया। इस आकस्मिक घाव ने भारतीय को एक विश्वसनीय बैक‑अप की जरूरत में धकेल दिया।

इसी क्रम में नरायण जगदीशान को टेस्ट स्क्वॉड में बुलाया गया, जहाँ ध्रुव जुरेल को मुख्य विकेटकीपर के रूप में चुना गया। जगदीशान का काम होगा—जुरेल को किसी भी टूट‑फूट के समय समर्थन देना और बॉलिंग साइड में अतिरिक्त विकल्प देना। उनकी लचीलापन और शॉट‑मेकिंग क्षमता को देखते हुए कोचिंग स्टाफ ने कहा है कि वे जल्द ही ज़ेन में फिट हो सकते हैं।

जागदीशान को 29 जुलाई को लंदन पहुंचने का प्रोग्राम बनाया गया है, जिससे उन्हें टीम की प्री‑मैच प्रिपरेशन में शामिल किया जा सके। यह कॉल‑अप न सिर्फ उनके व्यक्तिगत करियर के लिये बल्कि भारतीय विकेटकीपर गहराई के लिये भी रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

यदि उन्हें मैदान पर मौका मिलता है, तो उनकी डेब्यूinnings में वे दो मुख्य चीज़ों पर ध्यान देंगे—पहली, स्टम्पिंग्स में न्यूनतम चूक और दूसरी, बीच‑ऑर्डर में स्थिरता से रन बनाना। उनके पिछले डोमेस्टिक इन्स्टेंस में यह साफ दिखा है कि वे दबाव में भी शांत रहते हैं और जोखिम भरे शॉट्स खेलने से नहीं डरते।

अंत में, यह मौका जगदीशान के लिये अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करने का सुअवसर है, जबकि टीम के लिये पेंट की अनुपस्थिति में बैक‑अप की निरंतरता बनी रहेगी। आगे के कुछ दिनों में उनकी फिटनेस रिपोर्ट और प्रिपरेटरी ट्रेनिंग का असर देखना दिलचस्प रहेगा।