NSE का IPO अभी नहीं, लेकिन इक्सेलसॉफ्ट और सुदीप फार्मा का IPO चल रहा है नव॰, 20 2025

19 नवंबर, 2025 तक, राष्ट्रीय आर्थिक बोर्ड (NSE) ने अपने स्वयं के आरंभिक जन सामूहिक निवेश (IPO) के लिए कोई ड्राफ्ट रेड हैरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) दायर नहीं किया है। कोई ऑफिशियल तारीख, कीमत बैंड या लॉट साइज़ नहीं है। फिर भी, सोशल मीडिया पर और व्हाट्सएप ग्रुप्स में चल रही खबरें — जैसे ‘NSE का IPO 25 नवंबर को होगा’ — सिर्फ अंदाज़ा है, असली जानकारी नहीं। बुलस्मार्ट.इन की रिपोर्ट कहती है: ‘जब तक SEBI के पास आधिकारिक दस्तावेज़ नहीं आता, तब तक कोई तारीख बस अफवाह है।’

SEBI ने दिया हरी झंडी, लेकिन NSE अभी नहीं बढ़ा रहा पैर

सेबी की अध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि नियामक के पास NSE के IPO के लिए कोई बड़ी बाधा नहीं बची है। ‘हमारी तरफ से कुछ नहीं रुका है,’ उन्होंने कहा, ‘अब गेम NSE और उसके शेयरधारकों के हाथ में है।’ ये बयान 2025 के अंत तक सामने आया, लेकिन इसके बावजूद NSE ने कोई दस्तावेज़ नहीं भेजा। ये बात अजीब है — क्योंकि ये IPO तब से चर्चा में है जब 2016 में को-लोकेशन स्कैंडल के बाद NSE पर जांच शुरू हुई थी। उसके बाद कई साल तक नियमों की समीक्षा, नए गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स और अंतर्निहित समझौतों के जरिए NSE ने अपनी छवि सुधारी। लेकिन अभी तक, उसने आधिकारिक कदम नहीं उठाया।

असली IPO चल रहे हैं: इक्सेलसॉफ्ट और सुदीप फार्मा

जबकि NSE का IPO टाला जा रहा है, निवेशकों के लिए अन्य अवसर खुले हैं। इक्सेलसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (EXCELSOFT) का IPO 19 से 21 नवंबर, 2025 तक चल रहा है। प्रति शेयर ₹114–₹120 के बीच, इसमें 3,07,01,754 शेयर जारी किए गए हैं, और 3,21,49,000 बिड्स आए हैं — यानी यह लगभग 1.05 गुना सब्सक्राइब हुआ है। इसकी सूची 26 नवंबर को होगी। इसी तरह, गलार्ड स्टील (GSL SME) का IPO भी इन्हीं तारीखों में है, ₹142–₹150 प्रति शेयर के दायरे में।

और फिर आता है सुदीप फार्मा (SUDEEPPHRM)। ये दवा कंपनी 21 से 25 नवंबर तक IPO खोलेगी, प्रति शेयर ₹563–₹593 के बीच। ये कीमत देखकर लगता है कि ये एक बड़ा निवेश हो सकता है — खासकर जब इसके फार्मास्यूटिकल बिजनेस मॉडल को देखा जाए। ज़ेरोधा के अनुसार, इसकी सूची 28 नवंबर को होगी।

NSE शेयर खरीदने का अफवाह: क्यों ये गलत है

यहाँ एक बहुत बड़ी गलतफहमी है: कुछ लोग कह रहे हैं कि ‘NSE के शेयर अभी खरीद सकते हैं, IPO से पहले।’ ये बिल्कुल गलत है। राष्ट्रीय आर्थिक बोर्ड एक स्टॉक एक्सचेंज है — जैसे कि एक सड़क जिस पर दूसरी कंपनियों के शेयर चलते हैं। ये खुद अपने शेयर्स को अपने ही प्लेटफॉर्म पर लिस्ट नहीं कर सकता। ये ऐसा है जैसे बैंक खुद की नोट की छपाई करने की कोशिश करे। इसलिए, ‘NSE के शेयर अभी उपलब्ध हैं’ जैसे दावे बिल्कुल गलत हैं।

2026 में बड़े IPO की उम्मीद

एंजल वन की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में भारत में बड़े IPO की लहर आने की उम्मीद है। ओयो, फ्लिपकार्ट, और शैडोफैक्स जैसी कंपनियाँ इस सूची में हैं। लेकिन ये सब 2026 की बात है। नवंबर 2025 का असली फोकस छोटी-मोटी कंपनियों पर है — जैसे इक्सेलसॉफ्ट, गलार्ड स्टील और सुदीप फार्मा। ये निवेशकों के लिए अच्छा मौका है, लेकिन NSE के लिए अभी बस इंतजार है।

अगला कदम क्या होगा?

अगर NSE अगले 2-3 महीनों में DRHP दायर करता है, तो ये भारतीय शेयर बाजार का एक ऐतिहासिक क्षण होगा। लेकिन अगर ये देर करता है, तो शेयरधारकों के बीच तनाव बढ़ सकता है — खासकर जब विदेशी निवेशक और सार्वजनिक निवेश निधियाँ पूछने लगें कि ‘क्यों नहीं?’ सेबी ने अपना हिस्सा पूरा कर दिया है। अब NSE के बोर्ड के सदस्यों की बारी है। उन्हें फैसला करना है: कितना हिस्सा बेचना है? किस कीमत पर? और कब?

FAQ

NSE का IPO कब होगा?

19 नवंबर, 2025 तक, NSE ने कोई DRHP या RHP दायर नहीं किया है। SEBI ने रेगुलेटरी बाधाएँ हटा दी हैं, लेकिन अब ये फैसला NSE और उसके शेयरधारकों पर निर्भर करता है। कोई आधिकारिक तारीख नहीं है। जो भी टेलीग्राम या व्हाट्सएप पर ‘अंतिम तारीख’ बता रहा है, वो अफवाह है।

क्या NSE के शेयर अभी खरीदे जा सकते हैं?

नहीं। NSE एक स्टॉक एक्सचेंज है, जो खुद के शेयर्स को अपने ही प्लेटफॉर्म पर लिस्ट नहीं कर सकता। कोई भी कहे कि आप NSE के शेयर अभी खरीद सकते हैं, वो भ्रमित है या धोखेबाज़। जब तक आधिकारिक IPO नहीं आता, तब तक ये शेयर बाजार में उपलब्ध नहीं हैं।

इक्सेलसॉफ्ट और सुदीप फार्मा का IPO क्यों महत्वपूर्ण है?

इक्सेलसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज एक छोटी लेकिन मजबूत टेक कंपनी है जिसके फाइनेंशियल सॉफ्टवेयर का उपयोग बैंकों और ब्रोकरेज फर्म्स में होता है। सुदीप फार्मा एक जेनेरिक दवा निर्माता है जिसकी बिक्री बढ़ रही है। दोनों के IPO निवेशकों के लिए बाजार के छोटे सेगमेंट में अच्छा अवसर हैं — खासकर जब NSE का IPO अभी टाला जा रहा है।

SEBI ने NSE के लिए क्या किया है?

SEBI ने 2017-2020 के बीच को-लोकेशन स्कैंडल के बाद NSE पर कड़ी जांच की, जिसमें 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा। बाद में नए गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स लाए गए, और अब SEBI के अनुसार, सभी नियामक शर्तें पूरी हो चुकी हैं। अब केवल एक कदम बाकी है — NSE का DRHP दायर करना।

2026 में ओयो और फ्लिपकार्ट का IPO क्यों बड़ा है?

ओयो और फ्लिपकार्ट दोनों कंपनियाँ अपने-अपने क्षेत्र में अब लाभ कमा रही हैं — ओयो ने हॉस्टल और होटल बिजनेस में सुधार किया है, और फ्लिपकार्ट ने डिस्काउंटिंग से निकलकर प्रोफिटेबल मॉडल अपनाया है। अगर ये IPO देते हैं, तो ये भारत के सबसे बड़े टेक IPO होंगे — शायद 2021 के आर्क और ज़ोमैटो के बाद सबसे बड़ा।