
आदमपुर एयरबेस पर पीएम मोदी की दस्तक
13 मई 2025 की सुबह कुछ अलग थी। पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर अचानक सुरक्षा और ऊर्जा का नया माहौल देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद वहाँ पहुंच गए। पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में हुए हमलों के दावों और फेल स्ट्राइक के महज़ चार दिन बाद पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं रहा। उन्होंने भारतीय वायुसेना और थलसेना के जवानों से बात की, उनके साथ समय बिताया और उनकी बहादुरी की तारीफ की।
आदमपुर एयरबेस, जो जालंधर के पास स्थित है, उत्तर भारत का सबसे अहम् फॉरवर्ड एयरबेस माना जाता है। पाकिस्तान की कोशिशें इसी बेस को नुकसान पहुँचाने की थीं, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उन हमलों को नाकाम कर दिया। मोदी की यह विजिट पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा पर भी सख्त जवाब थी—यह दिखाने के लिए कि भारत न सिर्फ तैयार है, बल्कि सैनिकों के साथ खड़ा भी है।

सैन्य प्रतिष्ठान की अहमियत और जवानों का जज्बा
पिछले हफ्ते भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, जिसमें आदमपुर एयरबेस भी निशाने पर था। हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से किए गए नुकसानों के दावे महज प्रचार साबित हुए। एयरबेस पर अभी भी रुटीन ऑपरेशन्स चालू हैं और मजबूत सुरक्षा बनी हुई है। पीएम मोदी का दौरा जवानों के हौसले को आदमपुर एयरबेस पर और ऊंचा करने वाला साबित हुआ। वह खुद रणभूमि के करीब पहुंचे, जवानों से आमने-सामने बोले और यकीन दिलाया कि देश को उन पर गर्व है।
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री ने तस्वीरें भी साझा कीं, जहाँ वे फाइटर जेट्स और सैनिकों के साथ बातचीत करते नज़र आए। उन्होंने लिखा, "भारत अपने सैन्य बलों का हमेशा आभार मानता रहेगा।" ऐसे सीधे संवाद से सरकार ने सैनिकों के आत्मविश्वास को नया जोश दिया है। आर्मी और एयरफोर्स के लिए यह दौरा न सिर्फ प्रतीकात्मक था बल्कि मैदान में उतरी सरकार की एक साफ तस्वीर भी पेश करता है। ऐसे वक्त में, जब सीमा पर हालात तनातनी वाले हैं, यह दौरा देश के हौसले, तैयारी और एकता की मिसाल बन गया।
अब आदमपुर एयरबेस देश की सुरक्षा में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। इस घटना के बाद सीमा पार से अफवाहें और दावे भले ही उड़ाए जा रहे हों, देश ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारतीय जवानों का जज्बा और सरकार की प्रतिबद्धता अडिग है। सैनिकों की बहादुरी को सम्मान मिलता दिख रहा है, और यह साफ हो गया है कि भारत सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी मजबूती से खड़ा है।