मलयालम फिल्म जगत को बड़ा नुकसान: कवियोर पोनम्मा का निधन
मलयालम फिल्म जगत की प्रख्यात अभिनेत्री कवियोर पोनम्मा का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कवियोर पोनम्मा अपने समय की बेहद मशहूर और सम्मानित अभिनेत्री रही हैं, जिनका नाम आज भी मलयालम सिनेमा के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। कोच्चि के एक निजी अस्पताल में उनकी मृत्यु ईलाज के दौरान हुई। वे लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं और अस्पताल में भर्ती थीं।
पहचान और प्रारंभिक जीवन
कवियोर पोनम्मा का जन्म 6 जनवरी 1944 को पाथनमथिट्टा जिले के कवियोर गाँव में हुआ था। उन्होंने थिएटर से अपने करियर की शुरुआत की और 1950 के दशक के अंत में फिल्मों की दुनिया में कदम रखा। थिएटर से फिल्मों की इस यात्रा में उन्होंने बड़ी मेहनत, संघर्ष और अपनी अद्वितीय प्रतिभा के बल पर सफलता प्राप्त की।
फिल्मी करियर की बुलंदियाँ
कवियोर पोनम्मा ने 700 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है, जिससे यह साबित होता है कि वे कितनी सक्रिय और मजबूत अभिनेत्री थीं। उन्होंने माताओं और दादियों के किरदार को इतनी सजीवता से निभाया कि लोग उन्हें वास्तविक जीवन में भी उन किरदारों के रूप में देखने लगे थे। उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में 'धूप नजल', 'कुट्टीरल लाँ के कालम', और 'चंद्रिका' शामिल हैं।
उन्होंने मशहूर अभिनेताओं जैसे सथ्यन, प्रेम नजीर, ममूटी, मोहनलाल और सुरेश गोपी के साथ कार्य किया। उनकी ऑन-स्क्रीन कैमिस्ट्री दर्शको के दिलों में आज भी जिंदा है और विमर्श का विषय है। उनकी आखिरी फिल्म 2022 में रिलीज हुई थी जिसके बाद से वे फिल्मों से दूर हो गईं।
निजी जीवन और संघर्ष
निजी जीवन में कवियोर पोनम्मा ने अनेक कठिनाइयों का सामना किया। 2011 में उन्होंने अपने पति को खो दिया जो उनके जीवन का बड़ा आघात था। परंतु, इन सभी दुखों और संघर्षों के बावजूद वे हमेशा मजबूत रहीं और फिल्म जगत में अपने योगदान के लिए हमेशा सम्मानित रहीं।
उनकी मौत से मलयालम सिनेमा जगत में शोक की लहर फैल गई है। उनके योगदान और उनकी यादगार भूमिकाओं को कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा।
अंतिम संस्कार की रस्में
कवियोर पोनम्मा का अंतिम संस्कार अलुवा में उनके निवास स्थान पर होगा। उनके पार्थिव शरीर को आम जनता के दर्शन के लिए सुबह 9 बजे से 12 बजे तक कालामास्सेरी नगर पालिका नगर सभागृह में रखा जाएगा, जिसके बाद अंतिम संस्कार चार बजे किया जाएगा।
उनकी मृत्यु से ना केवल उनके परिवार में, बल्कि पूरे मलयालम फिल्म जगत में शोक का माहौल है। कवियोर पोनम्मा के जाने से एक युग का अंत हो गया है। उनका योगदान हमेशा सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगा।
कवियोर पोनम्मा ने अपनी अदाकारी के माध्यम से हमें अनगिनत यादें दी हैं और उनकी अनुपस्थिति हमेशा खलेगी। उनके द्वारा निभाए गए किरदार और उनके संयम, धैर्य, और मुस्कान को याद करते हुए हम उन्हें अपने नमन प्रस्तुत करते हैं। वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी।