
पावरप्ले में स्पिन का दांव, 22 गेंदों में 4 विकेट और मैच पर पाकिस्तान की पकड़
पार्ल के बोलैंड पार्क में पहले ODI में कहानी पलटी तो एक ही ओवर में—और किरदार बने सलमान आगा। ऑफ-स्पिनर ने पावरप्ले में आते ही 3.2 ओवर के भीतर 4 विकेट उखाड़ दिए और दक्षिण अफ्रीका की मजबूत शुरुआत को ध्वस्त कर दिया। 22 गेंदों में चार स्ट्राइक ने स्कोरबोर्ड रोक दिया और पाकिस्तान ने तुरंत मैच की कमान थाम ली।
दक्षिण अफ्रीका ने टॉनी डी ज़ॉर्जी (33) और रयान रिकलेटन (36) की 70 रन की साझेदारी से ठोस शुरुआत कर ली थी। गेंद थोड़ा रुककर आ रही थी, पर नई गेंद से सीमर्स को उतनी मदद नहीं मिल रही थी। ऐसे में कप्तान मोहम्मद रिज़वान ने पावरप्ले के बीच स्पिन आजमाई—जो आम तौर पर रिस्की मानी जाती है—और यह दांव सटीक बैठा।
दिलचस्प मोड़ यह रहा कि अपने दूसरे ओवर में सलमान तीन लगातार चौके खा गए। चौथी गेंद पर उन्होंने लय और लेंथ बदली—डी ज़ॉर्जी आगे बढ़कर खेलना चाहते थे, गेंद हवा में घूमी और कैच निकल गया। बस यहीं से टूटन शुरू हुई। अगले ओवर में रिकलेटन, फिर रस्सी वैन डर डूसन (8) और ट्रिस्टन स्टब्स (1)—चार ओवर से भी कम में टॉप-ऑर्डर ढह गया।
इन स्ट्राइक्स के बाद दक्षिण अफ्रीका का रनरेट गिर गया। स्ट्राइकरोटेशन रुक गया, बीच के ओवरों में सिंगल्स मिलना बंद हुए और पाकिस्तान ने फील्ड फैलाकर दबाव बढ़ा दिया। ऐसी पिच पर जहां गेंद पकड़ रही हो, लगातार डॉट बॉल्स बल्लेबाजों को बड़े शॉट्स के लिए मजबूर करती हैं—और वही हुआ।
बोलैंड पार्क की खासियत है सूखी सतह और तेज धूप में धीरे-धीरे बढ़ती पकड़। नई गेंद थोड़ी फिसलती है, लेकिन स्पिनर को उंगली में ग्रिप मिल जाए तो फ्लाइट और टप्पे की ऊंचाई से तुरंत फर्क दिखता है। सलमान ने गति में विविधता रखी—कभी पैड पर स्किड, कभी ऑफ-स्टंप से बाहर गिराकर अंदर आती हुई गेंद—और बल्लेबाज़ों की लय तोड़ी।
सलमान ने सिर्फ गेंद से नहीं, फील्डिंग से भी मैच का टोन तय किया। उनका एक हाथ से हवा में लपक कर लिया कैच सोशल मीडिया पर “2025 का कैच” कहकर वायरल हो गया। ऐसी एथलेटिक फील्डिंग गेंदबाज को अतिरिक्त हिम्मत देती है और बल्लेबाजों पर मानसिक दबाव बनाती है कि जरा सी गलती भी महंगी पड़ेगी।
रणनीति के स्तर पर पाकिस्तान की सोच साफ दिखी—हर पांच ओवर के माइक्रो-टारगेट, बीच-बीच में बाएं-दाएं हाथ के बल्लेबाजों पर अलग-अलग फील्ड सेट और पावरप्ले में स्पिन का अनोखा इस्तेमाल। सलमान ने पोस्ट-मैच बातचीत में भी यही रेखांकित किया था कि टीम छोटे-छोटे लक्ष्यों के हिसाब से खेल की रफ्तार सेट करती है, ताकि एक खराब ओवर की भरपाई अगले दो ओवर में हो सके।
यह प्रदर्शन कोई एक-दिवसीय चमक नहीं। त्रिकोणीय सीरीज के एक अन्य मैच में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच मिला, जहां उन्होंने साफ कहा कि वे तीनों विभागों—बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग—में असर छोड़ना चाहते हैं। ODI सेटअप में उनकी भूमिका “पार्टनरशिप ब्रेकर” की बनती दिख रही है: जब तेज गेंदबाज रास्ता नहीं खोल पाते, वे आकर ताल ठोकते हैं और किसी एक प्रमुख बल्लेबाज को निकालकर खेल की दिशा बदल देते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के लिए मसला यह रहा कि टॉप-ऑर्डर के बाद मध्यक्रम—खासकर वैन डर डूसन और स्टब्स—सलमान की टर्न और फ्लाइट पढ़ नहीं पाए। दबाव में शॉट-चयन गलत हुए और सिंगल्स भी नहीं निकले। एक-के-बाद-एक विकेट गिरने से बैक-एंड में फिनिशिंग की गुंजाइश कम होती गई।
पाकिस्तान के नजरिए से इस मैच का बड़ा संदेश संतुलन है—सीमर आपको नई गेंद में शुरुआत दिलाते हैं, लेकिन स्पिनर आपको बीच के ओवरों में खेल जिताते हैं। सलमान जैसे ऑफ-स्पिनर की मौजूदगी से टीम के पास पावरप्ले से मिडल-ओवर्स तक अलग-अलग तरह के हथियार हैं। अगली भिड़ंतों में विपक्ष भी इस दांव को पढ़ने की कोशिश करेगा, पर जब तक लाइन-लेंथ ऐसी सटीक रही, उनसे पार पाना आसान नहीं होगा।

मैच के टर्निंग पॉइंट और आगे की तस्वीर
- 70 रन की ओपनिंग साझेदारी के बाद पावरप्ले में स्पिन—गेम-चेंजर।
- सलमान की 22 गेंदों में 4 स्ट्राइक—डी ज़ॉर्जी, रिकलेटन, वैन डर डूसन, स्टब्स आउट।
- शानदार एकहाथी कैच से फील्डिंग का टोन सेट; दबाव लगातार बना रहा।
- हर पांच ओवर का माइक्रो-टारगेट—रनरेट कंट्रोल और विकेट-हंट साथ-साथ।
- बोलैंड पार्क की सूखी सतह पर स्पिन की पकड़—लेंथ और फ्लाइट ने बाजी मारी।
पहला ODI पाकिस्तान बनाम दक्षिण अफ्रीका में यह स्पेल याद रखा जाएगा—क्योंकि इसमें सिर्फ विकेट नहीं, सोच का दम था। पार्ल की सतह, समय पर लिया गया जोखिम और निष्पादन—इन तीन चीजों ने मिलकर मेज़बान की शुरुआत को नतीजों में नहीं बदलने दिया। सीरीज लंबी है, मगर आज की रात सलमान और पाकिस्तान के गेंदबाजों की रही।