
संयुक्त राज्य अमेरिका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने Sun Pharmaceutical Industries Limited की गुजरात‑स्थित Halol फ़ैक्टरी को ‘Official Action Indicated’ (OAI) की श्रेणी में रखा है। इस वर्गीकरण का मतलब है कि फ़ैक्टरी के उत्पादन प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं और वह CGMP (Current Good Manufacturing Practices) मानकों पर खरा नहीं उतरती। OAI के बाद Halol प्लांट पर आयात अलर्ट लगा दिया गया, जिससे अब इस फ़ैक्टरी से बने दवाओं को सीधे यू.एस. बाजार में भेजना रोक दिया गया है।
जाँच की अवधि में सामने आए प्रमुख मुद्दे
जाँच 2 से 13 जून 2025 तक चली, लगभग दो हफ़्ते की विस्तृत निरीक्षण प्रक्रिया के दौरान निरीक्षकों ने कम से कम आठ गंभीर उल्लंघन दर्ज किए। प्रमुख समस्याओं में शामिल थे:
- कंटैमिनेशन (दूषित) से जुड़ी चिंताएं – उत्पादन क्षेत्रों में माइक्रोबायोलॉजिकल कंटैमिनेशन के संकेत मिले।
- स्टेरिलिटी उपायों में कमी – एयरोसोल और लिक्विड फॉर्मुलेशन पर पर्याप्त स्टेराइल सर्टिफ़िकेशन नहीं था।
- पर्यावरण नियंत्रण का अभाव – एयर फ़्लो और दबाव अंतर को बनाए रखने में कमी पाई गई।
- सफ़ाई प्रोटोकॉल में लापरवाही – उपकरण और कार्यस्थल की सफ़ाई रिकॉर्ड में अंतराल और अनियमितता दिखी।
इन मुद्दों ने FDA को यह मानने पर मजबूर किया कि Halol फैक्ट्री अभी भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार उत्पादन नहीं कर पा रही है। इस कारण आयात प्रतिबंध लगाया गया, सिवाय उन दवाओं के जो यू.एस. में गंभीर कमी से जूझ रही हों और वैकल्पिक सप्लाय नहीं मिल सके। ऐसी स्थितियों में FDA कुछ अपवाद दे सकता है, पर यह प्रक्रिया भी कड़ी निगरानी में रहती है।

पिछले दस वर्षों में निरंतर समस्याएँ और राजनीतिक प्रतिक्रिया
Halol प्लांट पर यह पहली बार नहीं, बल्कि कई बार FDA की नज़र में आया है। 2016 से लेकर आज तक इस फ़ैक्टरी को कई निरीक्षणों में त्रुटियों के लिए रिवाइज़ किया गया। 2022 में भी कंटैमिनेशन और स्टेरिलिटी से जुड़ी कमियों पर नोटिस जारी किया गया था। लगभग दो साल पहले, FDA ने पहले ही इस प्लांट को यू.एस. सप्लाई की सीमित अनुमति दे दी थी, जिससे कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य डेब्बी डिंगेल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “जब तक FDA ऐसे गंभीर खामियों को ठीक नहीं करता, अमेरिकन रोगियों को जोखिम में डालना अस्वीकार्य है।” उन्होंने आयात प्रतिबंध के अपवादों के बारे में पारदर्शिता की मांग की, ताकि कमजोरियों का दुरुपयोग न हो।
Sun Pharma ने इस अवसर पर अपनी ओर से बयान जारी किया। कंपनी ने कहा कि वह FDA के साथ मिलकर सभी आवश्यक सुधार करेगी और गुणवत्ता नियंत्रण को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कंपनी वैश्विक स्तर पर दवाओं की अखंडता बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है।
Halol प्लांट Sun Pharma के लिए एक महत्वपूर्ण उत्पादन केंद्र है। यहाँ पर कंपनी के कई जेनरिक दवाओं का निर्माण होता है, जिनका निर्यात विश्व के कई देशों में होता है। इसलिए इस प्रतिबंध का असर सिर्फ अमेरिकी बाजार तक सीमित नहीं, बल्कि कंपनी की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को भी प्रभावित करेगा।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह बार‑बार होने वाला जोखिम संकेतक एक बड़े सिस्टमिक मुद्दे को दर्शाता है। केवल सतही सुधार नहीं, बल्कि संपूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली में पुनर्गठित परिवर्तन आवश्यक हो सकते हैं। इससे न केवल FDA के साथ अनुपालन बेहतर होगा, बल्कि भविष्य में अन्य अंतर्राष्ट्रीय नियामक संस्थानों के साथ भी कंपनी को कम दिक्कतें होगी।
Sun Pharma को अब जल्दी से जल्दी सभी उल्लंघनों को दूर करना होगा, नहीं तो अमेरिकी बाजार में उसकी हिस्सेदारी घटती रहेगी और विश्वसनीयता पर दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है। इस चुनौती का सामना करने के लिए कंपनी को उत्पादन प्रक्रिया, कर्मी प्रशिक्षण, सफ़ाई प्रोटोकॉल और पर्यावरण नियंत्रण में व्यापक सुधार करना पड़ेगा। यह कदम न केवल नियामक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि कंपनी के ब्रांड को भी मजबूत करेगा।