नवंबर 2024 में अमेरिका का बड़ा चुनाव होने वाला है। इस बार दो बड़े नेता फिर से लड़े जा रहे हैं – मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। दोनों की टीमें अब तक कई रैलियाँ, विज्ञापन और बहसें कर चुकी हैं। अगर आप भारत में रहते हुए भी अमेरिकी राजनीति को समझना चाहते हैं तो नीचे पढ़िए मुख्य जानकारी.
जो बाइडेन 2020 के चुनाव से राष्ट्रपति पद पर हैं और अब दूसरी बार जीतने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी पार्टी (डेमोक्रेटिक) का कहना है कि उनका फोकस आर्थिक स्थिरता, जलवायु बदलाव और स्वास्थ्य सुधार पर रहेगा। उनके साथी वाइस‑प्रेजिडेंट कमला हैरिस भी इस अभियान में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं.
दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रम्प फिर से उम्मीदवार बने हैं। उनका मुख्य संदेश ‘अमेरिका फर्स्ट’ और इमीग्रेशन, कर राहत तथा विदेशी नीतियों पर कठोर रुख है। उनके समर्थक मानते हैं कि उन्होंने पहले भी देश को आर्थिक उछाल दिया था.
इन दो के अलावा कुछ छोटे उम्मीदवार भी लड़ेगा, जैसे कि ली बर्न्स (इंडिपेंडेंट) और डेमोक्रेटिक पार्टी में संभावित प्रतिस्पर्धी वॉरेन बफ़े। परन्तु वोटों की संख्या देखते हुए मुख्य मुकाबला बाइडेन‑हैरिस बनाम ट्रम्प ही रहेगा.
अमेरिका का चुनाव भारत की विदेश नीति, व्यापार और सुरक्षा को सीधे प्रभावित करता है। अगर बाइडेन जीते तो यू‑एस‑इंडिया रणनीतिक साझेदारी जारी रहने की संभावना है – जैसे क्वाड (QUAD) फ़्रेमवर्क में मिलकर चीन के प्रभाव को कम करना.
ट्रम्प जीतने पर संभावित बदलावों में भारत के लिए वीज़ा नियम, एटीएफ/एसबीआई‑कंप्लायंस और टेक कंपनियों की नियामक नीतियां शामिल हो सकती हैं। ट्रम्प ने पहले भी व्यापार समझौतों को पुन: वार्ता करने का कहा था, जिससे भारतीय निर्यात पर असर पड़ सकता है.
दूसरी तरफ़ जलवायु नीति में अंतर आएगा। बाइडेन administration ने पेरिस एग्रीमेंट के तहत हरित ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दिया है; ट्रम्प की सरकार इस दिशा में कम उत्साह दिखा सकती है, जिससे भारत की नवीकरणीय ऊर्जा निवेश योजना पर असर पड़ेगा.
वोटिंग प्रक्रिया भी समझनी आसान है – अमेरिकी नागरिक 18 साल से ऊपर के हैं और वे अपने राज्य के चुनावी बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्टर कर सकते हैं। विदेश में रहने वाले भारतीय छात्रों को अक्सर US embassy या consulate के माध्यम से वोट देने का विकल्प मिलता है, लेकिन यह मुख्य रूप से अमेरिकी मतदाताओं के लिए है.
नतीजतन, अगर आप राजनीति में रुचि रखते हैं तो लाइव टेलीविजन चैनलों, आधिकारिक चुनाव साइट और सोशल मीडिया पर अपडेट देख सकते हैं। प्रमुख समाचार पोर्टल्स जैसे CNN, BBC और भारत की खुद की बड़ी समाचार एजेंसियां रोज़ाना विश्लेषण देती रहती हैं.
संक्षेप में, अमेरिका का 2024 चुनाव दो स्पष्ट विकल्प पेश करता है – बाइडेन के साथ मौजूदा सहयोगी रणनीति या ट्रम्प के साथ नई दिशा। दोनों ही परिदृश्य भारत की आर्थिक, सुरक्षा और पर्यावरणीय नीतियों को अलग‑अलग ढंग से प्रभावित करेंगे. इसलिए इस चुनाव को नजरंदाज नहीं करना चाहिए, खासकर अगर आप विदेश नीति या व्यापार में जुड़े हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 का समापन करीब है, जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस ने युद्धभूमि राज्यों में अंतिम धक्का देने की तैयारी कर ली है। दोनों उम्मीदवारों के बीच की प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी है, जिसमें कई राज्य अब भी झूला राज्य माने जाते हैं। परिणाम क्या होगा यह तो वक्त बताएगा।
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