अगर आप अक्सर न्यूज़ में ‘डॉव जोन्स’, ‘एस एंड पी 500’ या ‘NASDAQ’ सुनते हैं तो समझिए, ये सब अमेरिकी शेयर बाजार से जुड़े हुए शब्द हैं। मूल बात यह है कि अमेरिका की कंपनियों के स्टॉक यहाँ खरीदे‑बेचे जाते हैं और इनके प्रदर्शन का असर दुनियाभर के निवेशकों पर पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि अमेरिकी मार्केट कैसे काम करता है, कौन‑से मुख्य इंडेक्स होते हैं, और भारत से इसे आसान तरीके से कैसे एक्सेस किया जा सकता है।
अमेरिकी शेयर बाजार के तीन प्रमुख बेंचमार्क हैं:
इनमें से किसी एक में गिरावट या उछाल अक्सर बाजार के मूड को बदल देता है, इसलिए निवेशक रोज़ इनके समाचार देखते हैं।
बिना विदेश जाकर आप भी अमेरिकी स्टॉक्स में पैसा लगा सकते हैं. दो मुख्य रास्ते हैं:
ध्यान रखें, ब्रोकरेज फीस और डॉलर‑रुपया कन्वर्ज़न चार्ज अलग‑अलग होते हैं, इसलिए लागत को पहले से ही कैलकुलेट कर लें।
एक बार खाता खोल लिया तो सबसे आसान तरीका है ‘ड्रॉप‑डाउन’ में ‘US Stocks’ चुनना और टिकर (जैसे AAPL, MSFT) लिखकर शेयर खरीदना। कई प्लेटफ़ॉर्म रियल‑टाइम डेटा, चार्ट और अलर्ट भी देते हैं जिससे आप कीमतें ट्रैक कर सकते हैं।
निवेश करने से पहले कुछ बेसिक बातों पर ध्यान दें: कंपनी की कमाई रिपोर्ट, उद्योग का भविष्य, और वैश्विक आर्थिक स्थिति। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के ब्याज दर निर्णय या जियो‑पॉलिटिकल इवेंट्स (जैसे ट्रेड वार) भी स्टॉक कीमतों को तेज़ी से बदल सकते हैं।
आखिर में यह याद रखें कि विदेशी मार्केट में निवेश करने का मतलब है जोखिम और रिवॉर्ड दोनों को समझना। छोटी रकम से शुरू करें, पोर्टफ़ोलियो को विविध बनाएं, और नियमित रूप से अपने लक्ष्य की समीक्षा करें। अगर आप इन बुनियादी कदमों को फॉलो करेंगे तो अमेरिकी स्टॉक मार्केट आपके पैसे को बढ़ाने का एक मजबूत विकल्प बन सकता है।
बुधवार, 17 जुलाई 2024 को अमेरिकी स्टॉक मार्केट में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जिसमें Nasdaq Composite 2.8% गिर गया, जो दिसंबर 2022 के बाद से सबसे बड़ा गिरावट है। इस गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों का उच्च प्रौद्योगिकी स्टॉक्स से दूरी बनाना था। इसके विपरीत, Dow Jones Industrial Average 243.6 अंक या 0.6% बढ़ा और 41,000 के ऊपर एक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
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