अमेरिकी स्टॉक मार्केट का परिचय और भारतीय निवेशकों के लिए उपयोगी जानकारी

अगर आप अक्सर न्यूज़ में ‘डॉव जोन्स’, ‘एस एंड पी 500’ या ‘NASDAQ’ सुनते हैं तो समझिए, ये सब अमेरिकी शेयर बाजार से जुड़े हुए शब्द हैं। मूल बात यह है कि अमेरिका की कंपनियों के स्टॉक यहाँ खरीदे‑बेचे जाते हैं और इनके प्रदर्शन का असर दुनियाभर के निवेशकों पर पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि अमेरिकी मार्केट कैसे काम करता है, कौन‑से मुख्य इंडेक्स होते हैं, और भारत से इसे आसान तरीके से कैसे एक्सेस किया जा सकता है।

मुख्य सूचकांक – क्या देखते हैं?

अमेरिकी शेयर बाजार के तीन प्रमुख बेंचमार्क हैं:

  • डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरज (DJIA): 30 बड़ी कंपनियों का औसत, अक्सर ‘अमेरिका की अर्थव्यवस्था’ को मापने वाला माना जाता है।
  • S&P 500: 500 बड़े‑मध्यम आकार के स्टॉक्स का मिश्रण, अधिक व्यापक नजरिया देता है।
  • NASDAQ कॉम्पोजिट: टेक‑फोकस्ड इंडेक्स, जहाँ Apple, Amazon, Google जैसी कंपनियां प्रमुख हैं।

इनमें से किसी एक में गिरावट या उछाल अक्सर बाजार के मूड को बदल देता है, इसलिए निवेशक रोज़ इनके समाचार देखते हैं।

भारत से अमेरिकी शेयर कैसे खरीदें?

बिना विदेश जाकर आप भी अमेरिकी स्टॉक्स में पैसा लगा सकते हैं. दो मुख्य रास्ते हैं:

  1. इंटरनेशनल ब्रोकर्स: Zerodha, Upstox जैसे प्लेटफ़ॉर्म अब ‘US‑Equity’ खाता खोलते हैं। आपको पैन और बेसिक KYC पूरा करना होता है, फिर आप डॉलर में ट्रांसफर करके शेयर खरीद सकते हैं।
  2. डायरेक्ट डिपॉज़िट (DD) या LRS (Liberalised Remittance Scheme): RBI की अनुमति से सालाना 2 लाख रुपये तक विदेशी निवेश किया जा सकता है। इस लिमिट के भीतर आप US‑based ETFs, म्यूचुअल फंड्स या सीधे स्टॉक भी खरीद सकते हैं।

ध्यान रखें, ब्रोकरेज फीस और डॉलर‑रुपया कन्वर्ज़न चार्ज अलग‑अलग होते हैं, इसलिए लागत को पहले से ही कैलकुलेट कर लें।

एक बार खाता खोल लिया तो सबसे आसान तरीका है ‘ड्रॉप‑डाउन’ में ‘US Stocks’ चुनना और टिकर (जैसे AAPL, MSFT) लिखकर शेयर खरीदना। कई प्लेटफ़ॉर्म रियल‑टाइम डेटा, चार्ट और अलर्ट भी देते हैं जिससे आप कीमतें ट्रैक कर सकते हैं।

निवेश करने से पहले कुछ बेसिक बातों पर ध्यान दें: कंपनी की कमाई रिपोर्ट, उद्योग का भविष्य, और वैश्विक आर्थिक स्थिति। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के ब्याज दर निर्णय या जियो‑पॉलिटिकल इवेंट्स (जैसे ट्रेड वार) भी स्टॉक कीमतों को तेज़ी से बदल सकते हैं।

आखिर में यह याद रखें कि विदेशी मार्केट में निवेश करने का मतलब है जोखिम और रिवॉर्ड दोनों को समझना। छोटी रकम से शुरू करें, पोर्टफ़ोलियो को विविध बनाएं, और नियमित रूप से अपने लक्ष्य की समीक्षा करें। अगर आप इन बुनियादी कदमों को फॉलो करेंगे तो अमेरिकी स्टॉक मार्केट आपके पैसे को बढ़ाने का एक मजबूत विकल्प बन सकता है।

प्रौद्योगिकी स्टॉक्स से निवेशकों के दूरी बनाने पर Nasdaq में गिरावट
जुल॰, 18 2024

प्रौद्योगिकी स्टॉक्स से निवेशकों के दूरी बनाने पर Nasdaq में गिरावट

बुधवार, 17 जुलाई 2024 को अमेरिकी स्टॉक मार्केट में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जिसमें Nasdaq Composite 2.8% गिर गया, जो दिसंबर 2022 के बाद से सबसे बड़ा गिरावट है। इस गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों का उच्च प्रौद्योगिकी स्टॉक्स से दूरी बनाना था। इसके विपरीत, Dow Jones Industrial Average 243.6 अंक या 0.6% बढ़ा और 41,000 के ऊपर एक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

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