घर का प्रदूषण – क्या कारण हैं और कैसे बचें?

आपके घर की हवा बाहर जैसी नहीं रहती। अक्सर हमें लगता है कि खुला स्थान ही सुरक्षित है, लेकिन बंद कमरे में जमा धूल, रसायन और धुएँ कई बार असल खतरा बन जाते हैं। अगर आप भी सांस लेने में हल्की तकलीफ़ या लगातार खाँसी महसूस करते हैं, तो घर के अंदर की वायु गुणवत्ता पर नजर डालें। नीचे हम बताते हैं कि कौन‑कौन से स्रोत प्रदूषण लाते हैं और रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी कोशिशों से हवा को साफ़ कैसे रखें।

मुख्य स्रोत: धुएँ, रसायन और नमी

पहला कारण है धुएँ. खाना बनाते समय तेल या गैस के धुंआ, सिगरेट का धुआँ, और कभी‑कभी लकड़ी की चूल्हे से निकलने वाला कार्बन मोनोऑक्साइड घर में तेज़ी से जमा हो जाता है। दूसरा आम स्रोत है रासायनिक सफाई सामग्री. बाजार में मिलने वाले क्लीनिंग एजेंट, ब्लीच और पॉलिश में मौजूद फॉर्मैल्डिहाइड या वैपर वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (VOCs) लगातार सांस के साथ शरीर में प्रवेश करते हैं। तीसरा, अक्सर अनदेखा किया जाने वाला, है नमी और फफूंद. बाथरूम या किचन की दीवारों पर जमा नमी से फंगस उग आता है, जिससे एलर्जी और दमा जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इन तीन मुख्य कारणों को समझना समाधान का पहला कदम है।

प्रभाव और आसान समाधान

घर के अंदर की गंदगी आपके स्वास्थ्य पर कई तरह से असर डालती है – लगातार खाँसी, सांस लेने में तकलीफ़, सिर दर्द, यहाँ तक कि नींद में रुकावट भी हो सकती है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और दमा वाले लोगों को यह ज्यादा प्रभावित करता है। लेकिन बड़े खर्चे या जटिल तकनीक की जरूरत नहीं है; कुछ साधारण उपाय तुरंत फर्क लाते हैं:

  • वेंटिलेशन बढ़ाएँ: हर दिन कम से कम 15‑20 मिनट खिड़की खोलकर ताज़ी हवा अंदर आने दें। अगर मौसम ठंडा हो तो सुबह या शाम के समय छोटा वाक्य करें।
  • धुएँ को बाहर रखें: खाना बनाते समय एग्जॉस्ट फैन चलाएँ, और सिगरेट पीने वाले घर से बाहर निकलें। चूल्हे पर अगर लकड़ी इस्तेमाल कर रहे हैं तो गैस या इलेक्ट्रिक विकल्प अपनाएँ।
  • कम रासायनिक सफाई वाला सामान चुनें: नींबू, सिरका और बेकिंग सोडा जैसी घरेलू सामग्री से साफ़‑सफ़ाई करें। मार्केट में ‘नो‑वॉटर’ लेबल वाले उत्पाद भी उपलब्ध हैं – इन्हें प्राथमिकता दें।
  • नमी नियंत्रण: किचन और बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन लगाएँ, या डिह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें। फफूंद दिखे तो तुरंत सफ़ाई के लिए 1 भाग सिरका और 2 भाग पानी का घोल लगाएँ और सतह को सुखा दें।
  • इंटीरियर प्लांट्स जोड़ें: स्पाइडर प्लांट, एलोवेरा या स्नेक प्लांट जैसी पत्तियों वाले पौधे हवा में मौजूद VOCs को कम करने में मदद करते हैं। सिर्फ एक दो गमले भी फर्क लाते हैं।

इन छोटे‑छोटे कदमों से आप अपने घर की वायु गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं। यदि आप देहरादून में रहते हैं, तो धुंध वाले मौसम में विशेष ध्यान रखें – बाहर का धुआँ अंदर नहीं लाने के लिए दरवाज़ा‑खिड़की बंद रखनी चाहिए और एयर प्यूरीफायर उपयोगी हो सकता है। याद रखें, साफ़ हवा आपके परिवार की खुशी भी बढ़ाती है।

अगली बार जब आप घर में साँस लें, तो सोचें कि कौन‑से स्रोत अभी तक छूट गये हैं और उन्हें कैसे हटाया जा सकता है। थोड़ी सी जागरूकता और रोज़मर्रा की आदतों में बदलाव से आपके घर का वातावरण स्वस्थ और आरामदायक बन जाएगा।

दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता: घर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए श्रेष्ठ एयर प्यूरीफायर
नव॰, 18 2024

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 490 के पार पहुँच गया है, जो गंभीर प्रदूषण स्तर दर्शाता है। इस स्थिति में घर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का चयन आवश्यक है। इस लेख में विभिन्न जरूरतों और बजट के लिए उपयुक्त शीर्ष रेटेड एयर प्यूरीफायर के बारे में बताया गया है जो आपके लिए स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।

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