होली – भारत का सबसे रंगीन त्योहार

हर साल मार्च में जब बसंत हवा चलने लगता है, तो गली‑गली में एक ही आवाज़ सुनाई देती है – ‘रंग लगाओ!’ होली सिर्फ पानी और पाउडर नहीं, यह खुशी, दोस्ती और नई शुरुआत का जश्न है। देहरादून की ठंडी वादियों से लेकर उत्तराखंड के पहाड़ी कस्बों तक इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

होलि की परंपराएँ और रीति‑रिवाज़

होलि का मूल कथा द्रौपदी‑पंचाली के रंग में छुपा है, जहाँ कृष्ण ने अपनी लीला से रंगों को जीवन दिया। आज लोग दो दिन में इसे मनाते हैं – पहला ‘होले की होली’ या ‘छेड़ना’, जब एक दूसरे पर हल्दी‑बुंदी और गुलाल फेंका जाता है; दूसरा ‘धुलंडी’ जिसमें सभी गीले‑सुखे कपड़े बदलकर नई शुरुआत करते हैं। कुछ जगहों में ‘बिरहा’ गीत, डांडी नाच और दही‑भल्ला का ठेला भी होता है जो माहौल को और मज़ेदार बनाता है।

होलि के दौरान सुरक्षा टिप्स

रंगों की धूम में कभी‑कभी अति उत्साह से चोटें लग जाती हैं, इसलिए कुछ आसान बातों का ध्यान रखें: प्राकृतिक रंग (हल्दी, गुलाब, कंकड़) चुनें, आँखों और त्वचा को पानी से धोएँ, बच्चों को बिना देखरेख के न छोड़ें, और शराब या तेज़ मादक पेय से दूर रहें। यदि आप बाहर खेल रहे हैं तो अपने घर की सीमा में ही रखें, ताकि ट्रैफ़िक जाम या गड़बड़ी न हो।

देहरादून में इस साल भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं – सरकारी पार्कों में संगीत मंच, स्थानीय कलाकारों के साथ रंगीन रैलियाँ और सामाजिक संदेश देने वाले कार्यशालाएँ। इन इवेंट्स को सोशल मीडिया पर फॉलो करके आप नवीनतम अपडेट पा सकते हैं और अपने परिवार के साथ सुरक्षित ढंग से भाग ले सकते हैं।

होलि का मतलब सिर्फ रंग नहीं, बल्कि एकजुटता भी है। कई बार इस मौके पर दान‑धर्म की पहलें शुरू होती हैं – गरीब बच्चों को कपड़े व किताबें बाँटना, वृद्धाश्रमों में मिठाई वितरित करना आदि। अगर आप कुछ देना चाहते हैं तो अपने स्थानीय एनजीओ या सामुदायिक समूह से संपर्क कर सकते हैं; यह छोटे कदम बड़े बदलाव का हिस्सा बनते हैं।

भविष्य की होली को और भी बेहतर बनाने के लिए कई शहरों में ‘सफ़ाई अभियान’ चलाया जा रहा है, जहाँ रंग लगाने के बाद गली‑गली की साफ़-सफाई पर ध्यान दिया जाता है। इससे न केवल पर्यावरण बचता है बल्कि अगले दिन की धूल‑धूप से राहत मिलती है।

अंत में, होली का असली मकसद मन को हल्का करना और पुराने गिले‑शिकवे छोड़ कर आगे बढ़ना है। चाहे आप घर में हों या बाहर, इस रंगीन उत्सव को अपने दिल की खुशी के साथ जिएँ, पर हमेशा सुरक्षा को प्राथमिकता दें। दैनिक देहरादून गूँज पर आपको होली से जुड़ी ताज़ा खबरें और उपयोगी टिप्स मिलते रहेंगे – पढ़ते रहें, खुश रहें!

उत्तर प्रदेश में तेज हवाएँ: 30 किमी/घंटा की गति से बहेंगी हवाएँ, होली पर कई जिलों में बारिश की संभावना
मार्च, 17 2025

उत्तर प्रदेश में तेज हवाएँ: 30 किमी/घंटा की गति से बहेंगी हवाएँ, होली पर कई जिलों में बारिश की संभावना

मार्च 12, 2025 से उत्तर प्रदेश में 30 किमी/घंटा की गति से तेज हवाएँ चलेंगी। होली के समय, 18-19 मार्च, 2025 के दौरान, राज्य के कुछ जिलों में बारिश की संभावना भी है। मार्च के मौसमी परिवर्तनों के बीच यह परिवर्तन सामान्य है।

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