काउंसलिंग के बुनियादी सिद्धांत: सरल टिप्स और अभ्यास

जब कोई दोस्त या परिवार वाला परेशान हो, अक्सर हमें नहीं पता कि क्या कहना है। काउंसलिंग का मकसद सिर्फ सलाह देना नहीं, बल्कि सामने वाले को समझना और उसके विचारों को साफ़ करने में मदद करना है। इस लेख में हम कुछ आसान कदम बताएंगे जो आप रोजमर्रा की बातचीत में इस्तेमाल कर सकते हैं।

1. सक्रिय सुनने की कला

सबसे पहला काम – पूरी तरह से सुनना। यह मतलब नहीं कि सिर हिलाते‑हिलाते जवाब देना, बल्कि सामने वाले के शब्दों, स्वर और शरीर भाषा को ध्यान से देखना है। जब आप आँखें मिलाकर, बिना टकटकी लगाए बात करते हैं तो दूसरा व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करता है। छोटे‑छोटे संकेत जैसे "मैं समझ रहा हूँ" या "वो वाकई कठिन था" आपके इरादे को साफ़ करते हैं और बातचीत को आगे बढ़ाते हैं।

2. सही सवाल पूछें, जवाब नहीं दें

ज्यादा सलाह देने से पहले, खुली प्रश्नों के ज़रिये बात को गहरा करें। जैसे "आपको इस स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती क्या लगती है?" या "क्या चीज़ आपको अभी तक परेशान कर रही है?" ऐसे सवाल सामने वाले को अपनी भावनाओं को शब्दों में बदलने का मौका देते हैं। जब आप केवल हाँ‑ना वाले प्रश्न पूछते हैं तो बात जल्दी बंद हो जाती है और गहराई नहीं मिल पाती।

एक बार जब व्यक्ति अपने विचार स्पष्ट कर ले, तब आप धीरे‑धीरे विकल्प पेश कर सकते हैं। लेकिन याद रखें – विकल्प को हल्के शब्दों में बताएं, जैसे "आप इस तरह भी देख सकते हैं..." ताकि वह महसूस न करे कि आप उसकी दिशा तय कर रहे हैं।

3. भावनाओं को मान्यता दें

किसी का दुःख या गुस्सा सुनते‑समय अक्सर हम तुरंत समाधान ढूँढने की कोशिश करते हैं। लेकिन पहले यह बताना ज़रूरी है कि उसकी भावना वैध है। "मैं समझता हूँ, आप इस बात से नाराज़ हों तो स्वाभाविक है" कहकर आप उसकी भावनाओं को स्वीकार कर रहे होते हैं। इससे वह खुल कर आगे बातें साझा करता है और तनाव कम होता है।

अगर व्यक्ति बहुत तेज़ी से बोल रहा हो, तो थोड़ी देर रुकें, गहरी सांस लें और फिर जवाब दें। यह आपको शांत रखेगा और बातचीत को नियंत्रित करने में मदद करेगा।

4. व्यावहारिक कदम सुझाएँ

समझाने के बाद कुछ छोटे‑छोटे कार्य‑योजनाएं बनाना उपयोगी रहता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई तनाव से जूझ रहा है तो रोज़ 10‑15 मिनट की सैर या गहरी साँस लेना सुझाव दें। महत्वपूर्ण बात यह है कि कदम सरल और लागू करने योग्य हों, ताकि व्यक्ति उन्हें आसानी से अपनाए।

एक और तरीका – "अगर इस हफ़्ते में दो बार यह काम किया, तो आप कैसे महसूस करेंगे?" पूछना। इससे लक्ष्य स्पष्ट होता है और प्रेरणा बढ़ती है।

5. गोपनीयता और भरोसा बनाना

काउंसलिंग का सबसे बड़ा आधार भरोसा है। जब आप कहें "मैं इस बात को बाहर नहीं बताऊँगा" तो सामने वाला आपको अपना विश्वास देगा। यह वादा हमेशा रखें, क्योंकि भरोसे की कमी से बातचीत बंद हो सकती है।

यदि आप पेशेवर काउंसलर नहीं हैं, तो यह स्पष्ट करना भी ज़रूरी है – "मैं डॉक्टर नहीं हूँ, लेकिन मैं आपकी सुन रहा हूँ और मदद करने की कोशिश करूँगा"। इससे गलतफ़हमी नहीं बनेगी और व्यक्ति को सही दिशा में ले जाना आसान होगा।

इन सरल टिप्स को अपनाकर आप अपने रिश्तों में गहराई ला सकते हैं, परिवार और दोस्तों के साथ बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं, और उनके मन की बातों को हल्का बना सकते हैं। काउंसलिंग सिर्फ़ बड़े पेशेवरों का काम नहीं – यह हर किसी की ज़िम्मेदारी है कि वह जरूरतमंद की मदद करे, समझे और साथ दे।

WBJEE 2024 परिणाम कैसे देखें: रैंक कार्ड, कट-ऑफ और काउंसलिंग अपडेट्स
जून, 6 2024

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WBJEEB ने 6 जून 2024 को WBJEE 2024 के परिणामों की घोषणा की। उम्मीदवार अपने परिणाम wbjeeb.nic.in और wbjeeb.in पर लॉग इन करके देख सकते हैं। परीक्षा 28 अप्रैल को आयोजित की गई थी। परिणाम घोषणा के बाद, WBJEEB विभिन्न संस्थानों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित करेगा।

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