अगर आप फार्मा उद्योग के बारे में थोड़ा‑बहुत जानते हैं तो शायद आपने OneSource Specialty Pharma का नाम सुना होगा. ये कंपनी भारत की बढ़ती फ़ार्मास्यूटिकल दुनिया में एक खास जगह रखती है. लेकिन असली सवाल यह है – इसका काम क्या है और क्यों हम सभी को इसपर नज़र रखनी चाहिए?
सबसे पहले बात करते हैं इसके इतिहास की. OneSource 1990 के दशक में स्थापित हुई, जब भारत में जेनरिक दवाओं का बाजार अभी उभर रहा था. शुरुआती दिनों में कंपनी ने मुख्य रूप से एंटीबायोटिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स बनायीं, लेकिन समय के साथ पोर्टफ़ोलियो को बढ़ाते हुए ऑर्थो‑पेडिक, कार्डियाक और न्यूरोलॉजिकल दवाओं तक पहुंचाया.
आज OneSource की लाइन्स में लगभग 150 से अधिक प्रोडक्ट्स हैं – टेबलेट, कैप्सूल, सस्पेंशन और इंजेक्शन फ़ॉर्मेट में. इनके कुछ सबसे लोकप्रिय ब्रांडों में ‘ओनोविट’ (विटामिन सप्लीमेंट), ‘ऑरोक्लैक्स’ (एंटीबायोटिक) और ‘कार्डोफ्लेक्स’ (हृदय रोगों के लिए) शामिल हैं. इन दवाओं की मांग न सिर्फ भारत में, बल्कि एशिया‑पैसिफ़िक, मध्य पूर्व और अफ्रीका के कुछ देशों में भी बढ़ रही है.
बाजार हिस्सेदारी की बात करें तो OneSource ने पिछले पाँच सालों में 12% से अधिक CAGR (सालाना वृद्धि) दिखायी है. इसका कारण सिर्फ प्रोडक्ट क्वालिटी नहीं, बल्कि कंपनी का सस्ते दाम पर भरोसेमंद सप्लाई चेन मॉडल भी है. छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बहुत मजबूत है, इसलिए जब किसी को डॉक्टर की लिखी दवा चाहिए तो अक्सर यही ब्रांड मिलता है.
अभी-अभी OneSource ने दो नई बायोटेक्नोलॉजी‑आधारित दवाओं को लॉन्च किया – एक कैंसर थैरेपी के लिए और दूसरा टाइप‑2 डायबिटीज़ नियंत्रण में मददगार. ये दोनों ही प्रोजेक्ट्स भारत की मेडिकल रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने का बड़ा कदम माना जा रहा है.
साथ ही, कंपनी ने हाल ही में अपना नया उत्पादन प्लांट उत्तराखंड के देहरादून पास स्थित किया. इसका मतलब है कि यहाँ से न सिर्फ स्थानीय बाजार बल्कि पूरे उत्तरी भारत में तेज़ सप्लाई होगी. अगर आप स्वास्थ्य संबंधी खबरें पढ़ते हैं तो इस तरह की विकास योजनाओं को ट्रैक करना फायदेमंद रहता है, क्योंकि इससे दवाओं की कीमत और उपलब्धता दोनों पर असर पड़ सकता है.
OneSource अक्सर अपने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) प्रोजेक्ट्स के तहत मुफ्त स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता अभियान चलाता है. अगर आपके आसपास ऐसे इवेंट होते हैं तो भाग लेना न भूलें – ये सीधे लोगों को सही जानकारी देते हैं, जिससे अनावश्यक दवा खर्च बचाया जा सकता है.
संक्षेप में, OneSource Specialty Pharma सिर्फ एक औद्योगिक नाम नहीं, बल्कि वह कंपनी है जो रोज़मर्रा की दवाओं से लेकर हाई‑एंड बायोथेरेपी तक सब कुछ किफ़ायती बनाने की कोशिश कर रही है. इस टैग पेज को फॉलो करके आप उनकी नई लॉन्च, प्राइस चेंज और हेल्थ इवेंट्स के बारे में तुरंत अपडेट रह सकते हैं.
अगर आपके पास कोई सवाल या अनुभव है OneSource की दवा लेकर, तो नीचे कमेंट सेक्शन में लिखिए. हम कोशिश करेंगे कि आपकी बात को आगे बढ़ाया जाए और सही जानकारी पहुंचाई जा सके.
मोटिलाल ओसवाल म्यूच्युअल फंड ने 31 जनवरी 2025 को वनसोर्स स्पेशियालिटी फार्मा में 0.92% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। यह बड़ी डील कंपनी के प्रवर्तकों और अन्य संस्थाओं द्वारा 6.8% हिस्सेदारी के विक्रय का हिस्सा है, जिसका मूल्य 1,202 करोड़ रुपये था। बीएसई के डेटा के अनुसार शेयरों की बिक्री औसत मूल्य 1,770 रुपये पर की गई। इसके बाद, एनएसई पर शेयर मूल्य 1,710 रुपये देखा गया।
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