आपने सैम ऑल्टमन के नाम से कई बार सुना होगा, खासकर जब बात चैटजीपीटी या बड़े भाषा मॉडल की आती है। वह ओपनएआई के सीईओ हैं और उनके फैसले सीधे हमारे रोज़मर्रा की तकनीक को बदलते हैं। इस लेख में हम उनकी हालिया खबरें, कंपनी की नई पहलें और भारत में AI के उपयोग पर उनका असर समझेंगे।
पिछले महीने सैम ने घोषणा की कि ओपनएआई GPT‑4 Turbo को सार्वजनिक प्रयोग के लिए खोल रहा है। यह संस्करण तेज़, कम लागत वाला और बेहतर कंटेक्स्ट मैनेजमेंट देता है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य हर व्यक्ति को AI टूल्स से लाभ पहुंचाना है, चाहे वह छात्र हो या छोटे व्यापार मालिक। साथ ही, नई सुरक्षा फीचरें जो गलत जानकारी फैलाने को रोकती हैं, अब डिफ़ॉल्ट रूप में चालू हैं।
एक और बड़ा कदम यह था कि उन्होंने “सहयोगी मोड” पेश किया, जिससे डेवलपर्स अपने एप्लिकेशन में AI को आसान इंटीग्रेशन कर सकते हैं। इस मोड से छोटे स्टार्ट‑अप भी बड़ी कंपनियों की तरह कस्टम मॉडल बना पाएंगे। सैम ने कहा कि यह कदम टेक इकोसिस्टम को लोकतांत्रिक बनाता है, यानी बड़े बजट वाले ही नहीं, बल्कि सीमित संसाधन वाले लोग भी AI का इस्तेमाल कर सकेंगे।
सैम ऑल्टमन ने कई बार भारत के टेक स्टार्ट‑अप्स और शिक्षा संस्थानों को अपनी योजना में शामिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में मॉडल ट्रेन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे बड़ी जनसंख्या को AI का फायदा मिलेगा। ओपनएआई अब स्थानीय डेटा पार्टनरशिप पर काम कर रहा है ताकि भाषा मॉडल अधिक सटीक हों।
भारत की सरकारी योजनाओं में भी AI को शामिल किया जा रहा है, जैसे कि डिजिटल भारत और स्वास्थ्य मिशन। सैम ने सुझाव दिया कि एआई‑संचालित चैटबॉट्स से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि सलाह या स्वास्थ्य जानकारी देना आसान होगा। इसके लिए उन्होंने स्थानीय डेवलपर्स को ओपनएआई के टूलकिट मुफ्त में उपलब्ध कराने की योजना बताई है।
व्यवसायिक दृष्टि से देखे तो सैम का लक्ष्य भारत जैसे बड़े बाजार में AI‑सेवा की लागत कम करके छोटे उद्यमियों को प्रतिस्पर्धा में आगे लाना है। उन्होंने कहा कि अगर छोटे रिटेलर्स या डॉक्टर ऑनलाइन एआई‑सहायता वाले सिस्टम इस्तेमाल करेंगे, तो सेवा क्वालिटी बढ़ेगी और खर्च घटेगा।
सारांश में, सैम ऑल्टमन की हर नई घोषणा सिर्फ टेक समाचार नहीं है; यह हमारे काम करने के तरीके को बदलने का एक कदम है। चाहे आप छात्र हों, उद्यमी या सरकारी अधिकारी, उनके फैसले आपके लिए नए टूल्स और अवसर लाते हैं। ओपनएआई के विकास को समझना अब जरूरी है, क्योंकि AI हमारी दैनिक ज़िन्दगी में धीरे‑धीरे जगह बना रहा है।
OpenAI ने अपने उन्नत तर्कशीलता मॉडल o3 की स्वतंत्र रिलीज़ को रद्द कर दिया है और इसके बजाय इसे एकीकृत कर नेक्स्ट-जेनरेशन सिस्टम GPT-5 में शामिल करने का फैसला किया है। यह निर्णय उपयोगकर्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कंपनी के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा कि यह रणनीति उपयोगकर्ताओं को मॉडलों की चयन प्रक्रिया में संभावित उलझनों से बचाएगी।
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