जब हम स्टॉक मार्केट, भारत में सार्वजनिक कंपनियों के शेयरों का खरीदी‑बेची का मंच. इसे अक्सर स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है, तो यह निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है? IPO, प्रारम्भिक सार्वजनिक प्रस्ताव जहाँ कंपनी पहली बार शेयर जारी करती है के माध्यम से कई लोग बाजार में कदम रखते हैं। साथ ही शेयर, किसी कंपनी में मालिकाना हिस्सा, जो कीमत में उतार‑चढ़ाव से मूल्य प्राप्त करता है का ट्रेडिंग इस सिस्टम की मूल क्रिया है। अंत में, निवेश, पूँजी को बढ़ाने के लिए वित्तीय साधनों में पैसा लगाना ही वह लक्ष्य है जिसे अधिकांश प्रतिभागी हासिल करना चाहते हैं। इस तरह स्टॉक मार्केट किसी भी निवेश रणनीति का केंद्र बिंदु है और यह IPO, शेयर और निवेश के बीच घनिष्ठ संबंध बनाता है।
बाजार की अवस्था को समझने के लिए इंडेक्स, बाजार के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले सांख्यिकीय मान पर नज़र डालना जरूरी है। चाहे वह निफ्टी हो या सेंसेक्स, इंडेक्स हमें ये बताता है कि कुल मिलाकर शेयरों का मूल्य कैसे बदल रहा है। जब कोई बड़ा IPO सफल होता है, तो अक्सर इंडेक्स पर सकारात्मक असर दिखता है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। इसके विपरीत, बड़े आर्थिक संकेतकों में गिरावट या नकारात्मक रिपोर्टें इंडेक्स को नीचे धकेल सकती हैं, जिससे शेयरों की कीमतों में भी कमी आती है। इस कारण, इंडेक्स, IPO और निवेश आपस में प्रभावी जुड़े हुए हैं और एक दूसरे को लगातार प्रभावित करते रहते हैं।
नीचे आप देखेंगे कि हमारे लेख संग्रह में कौन‑कौन से पहलू कवर किए गए हैं: ताज़ा IPO घोषणा, प्रमुख भारतीय शेयरों की कीमतों में उतार‑चढ़ाव, निवेश रणनीतियों के व्यावहारिक टिप्स और बाजार के बड़े खिलाड़ी‑दिखावे की विस्तार से विश्लेषण। इस टैग पेज पर आपको स्टॉक मार्केट से जुड़ी हर नई खबर और गहरी समझ मिलेगी, जिससे आप अपने निवेश निर्णयों को बेहतर बना सकेंगे। अब आगे को देखें और जानें कि आपके लिए कौन‑सी जानकारी सबसे उपयोगी हो सकती है।
11 सितंबर 2025 को भारतीय इक्विटी बाजार ने हल्की‑हल्की उछाल दिखाई। सेन्सेक्स 123.58 अंक (0.15%) बढ़ कर 81,548.73 पर बंद हुआ, निफ्टी 32.40 अंक (0.13%) बढ़ कर 25,005.50 पर अंतिम सीमा पार कर गया। एडानी एंटरप्राइज़ेज, श्रीराम फाइनेंस और एनटीपीसी प्रमुख गेनर रहे, जबकि बजाज ऑटो, इन्फोसिस और ईचर मोटर्स ने दबाव झेला। इक्सिडो ने 5 % की रविवार‑रात की छलांग लगाई और 52‑सप्ताह के न्यूनतम स्तर से 167 % ऊपर पहुँच गया। विदेशी संस्थागत निवेशक निर्यात में रिवर्सल दिखा रहे हैं, वहीं डोमेस्टिक संस्थागत खरीदारों की कतार लगातार बढ़ रही है।
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