अगर आप सोचते हैं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है और हर कोई कुछ बड़ा कर सकता है, तो सही जगह पर आए हैं। इस लेख में हम रोज़मर्रा की बातें करेंगे जो आपके जीवन को बदल सकती हैं—चाहे पढ़ाई हो, नौकरी या अपना छोटा बिजनेस शुरू करना। बातों को सरल रखेंगे, ताकि आप तुरंत लागू कर सकें।
आज के दौर में डिग्री से ज्यादा स्किल की किमत है। अगर आपके पास कोई तकनीकी या रचनात्मक कौशल है, तो नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Coursera, Udemy या भारत की सरकारी पोर्टल्स पर मुफ्त कोर्स उपलब्ध हैं—डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनालिटिक्स, ग्राफिक डिज़ाइन आदि। एक बार जब आप बुनियादी ज्ञान हासिल कर लें, तो छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट लेकर अपना पोर्टफ़ोलियो बना सकते हैं। इससे इंटरव्यू में आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और नियोक्ता आपके काम को देख सकेगा।
एक और आसान तरीका है स्थानीय ट्रेनिंग सेंटर या सरकारी स्किल विकास कार्यक्रमों में भाग लेना। कई बार ये प्रोग्राम फ्री होते हैं और सीधे रोजगार से जुड़ते हैं। आप अपना रुचि वाला क्षेत्र चुनें—अगर आपको खेती‑बाड़ी में दिलचस्पी है तो कृषि तकनीक का कोर्स, अगर टेक्नोलॉजी पसंद है तो मोबाइल रिपेयर या नेटवर्किंग ट्रेनिंग। इन छोटे-छोटे कदमों से बड़े अवसर खुलते हैं।
भौगोलिक सीमा अब सीमित नहीं रही। अपने शहर में ही स्टार्ट‑अप आइडिया को आज़माने के लिए कई फंडिंग स्कीम्स मौजूद हैं—जैसे उधोग मंत्रालय की 'स्टार्ट अप इंडिया' योजना या राज्य स्तर पर युवा उद्यमिता फ़ंड। अगर आपके पास कोई अनोखा प्रोडक्ट या सर्विस है, तो स्थानीय मार्केट में छोटे पैमाने से शुरू करें, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके ग्राहकों तक पहुँचें।
उदाहरण के तौर पर, पिछले साल एक देहरादून की लड़की ने घर से ही ऑनलाइन ट्यूशन शुरू किया और अब वह पूरे उत्तराखंड में पढ़ाई को आसान बना रही है। इसी तरह कई युवा खेल, फोटोग्राफी या बुटीक फ़ूड बिज़नेस में सफल हो रहे हैं। सफलता का राज सिर्फ आइडिया नहीं, बल्कि लगातार काम करना और सही मदद ले लेना है। स्थानीय उद्यमी संगठनों से जुड़ें—वे अक्सर मुफ्त में मेंटरशिप और नेटवर्किंग इवेंट्स आयोजित करते हैं।
अंत में याद रखें, सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और समाज में योगदान देना है। आज ही एक छोटा लक्ष्य तय करें—जैसे नई स्किल सीखना या एक प्रोडक्ट बनाकर बेचने की योजना बनाना। धीरे‑धीरे आप देखेंगे कि आपका दायरा कैसे बढ़ रहा है। अब देर न करें, पहला कदम उठाएँ और अपनी कहानी को आगे लिखें।
कैनन इंडिया ने स्किल इंडिया मिशन के तहत दिल्ली और मुंबई में दो नए कौशल विकास केंद्र शुरू किए हैं। ये केंद्र 18-25 वर्ष के शहरी स्लम में रहने वाले युवाओं को आवश्यक जीवन और रोजगार योग्य कौशल प्रदान करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च मांग वाले क्षेत्रों में युवाओं को बेहतर रोजगार अवसरों के लिए तैयार करना है।
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