
गर्म हवाओं के साथ उत्तर प्रदेश में बढ़ती हीटवेव की दस्तक
उत्तर प्रदेश के लोग इस वक्त भीषण हीटवेव के संकट से जूझ रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 13 जिलों में Orange Alert जारी करके साफ कर दिया है कि हालात बिगड़ सकते हैं। लखनऊ, गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, मऊ, बलिया, कौशांबी, जौनपुर और आजमगढ़ जैसे जिलों में पारा लगातार 41 डिग्री सेल्सियस के पार देखा जा रहा है। IMD की रिपोर्ट कहती है कि अगले 48 घंटे में तापमान में और तेजी आने के पूरे आसार हैं।
सिर्फ तापमान ही नहीं, इन जिलों में नमी का स्तर 60% से भी ऊपर पहुंच चुका है। यानी, जो तापमान थर्मामीटर पर दिख रहा है, असल में शरीर उसे कहीं ज्यादा महसूस करता है। विशेषज्ञ इसे 'फील्स लाइक' टेम्परेचर कहते हैं, जो अब 45 डिग्री तक जा पहुंचा है। इसके चलते बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है।

धूलभरी हवाओं और हीट स्ट्रोक का खतरा, प्रशासन की सलाह
गर्मी के साथ इस बार धूलभरी आंधियां भी बड़ा सिरदर्द बन सकती हैं। राजस्थान की सीमा से सटे जिलों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही सतही हवाएं हवा में धूल का स्तर बढ़ा रही हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि सांस की दिक्कत वाले लोग बाहर निकलने से बचें, खासकर 11 बजे से 4 बजे के बीच।
सरकारी एजेंसियां लगातार अलर्ट जारी कर रही हैं। प्रशासन ने स्कूलों को भी जरूरी निर्देश दिए हैं कि दोपहर की छुट्टी समय से दी जाए और बच्चों को धूप में न छोड़ा जाए। लोगों को सलाह दी जा रही है कि हल्के कपड़े पहनें, घर से न निकलें तो बेहतर, और हर घंटे पानी पियें; डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक का खतरा काफी वास्तविक हो गया है। उमस के चलते कुछ जगहों पर इलेक्ट्रिसिटी कट्स की भी खबरें आ रही हैं, जिससे परेशानी और बढ़ रही है।
- सुबह तक पार्क और ओपन जिम का इस्तेमाल करें, दोपहर में इनसे बचें
- खासकर गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बीमार लोग घर से बाहर कम निकलें
- तेज धूप में गहरे रंग के कपड़े न पहनें
- पानी, शिकंजी, छाछ जैसे लिक्विड ज्यादा लें
- घर लौटते वक्त सिर ढकें, छाता रखें
मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान जताया था कि अप्रैल-जून 2025 के बीच यूपी में 10-11 से ज्यादा हीटवेव के दिन आ सकते हैं। यानी, अभी की गर्मी ट्रेलर है, असली परीक्षा आगे है। स्वास्थ्य अधिकारी रोजाना मौसम का अपडेट ले रहे हैं और कॉल सेंटर एक्टिव कर दिए गए हैं, ताकि हीट स्ट्रोक जैसी स्थिति में तुरंत मेडिकल मदद मिल सके।