उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी का संकट, 13 जिलों के लिए IMD का Orange Alert जारी मई, 19 2025

गर्म हवाओं के साथ उत्तर प्रदेश में बढ़ती हीटवेव की दस्तक

उत्तर प्रदेश के लोग इस वक्त भीषण हीटवेव के संकट से जूझ रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 13 जिलों में Orange Alert जारी करके साफ कर दिया है कि हालात बिगड़ सकते हैं। लखनऊ, गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, मऊ, बलिया, कौशांबी, जौनपुर और आजमगढ़ जैसे जिलों में पारा लगातार 41 डिग्री सेल्सियस के पार देखा जा रहा है। IMD की रिपोर्ट कहती है कि अगले 48 घंटे में तापमान में और तेजी आने के पूरे आसार हैं।

सिर्फ तापमान ही नहीं, इन जिलों में नमी का स्तर 60% से भी ऊपर पहुंच चुका है। यानी, जो तापमान थर्मामीटर पर दिख रहा है, असल में शरीर उसे कहीं ज्यादा महसूस करता है। विशेषज्ञ इसे 'फील्स लाइक' टेम्परेचर कहते हैं, जो अब 45 डिग्री तक जा पहुंचा है। इसके चलते बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है।

धूलभरी हवाओं और हीट स्ट्रोक का खतरा, प्रशासन की सलाह

धूलभरी हवाओं और हीट स्ट्रोक का खतरा, प्रशासन की सलाह

गर्मी के साथ इस बार धूलभरी आंधियां भी बड़ा सिरदर्द बन सकती हैं। राजस्थान की सीमा से सटे जिलों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही सतही हवाएं हवा में धूल का स्तर बढ़ा रही हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि सांस की दिक्कत वाले लोग बाहर निकलने से बचें, खासकर 11 बजे से 4 बजे के बीच।

सरकारी एजेंसियां लगातार अलर्ट जारी कर रही हैं। प्रशासन ने स्कूलों को भी जरूरी निर्देश दिए हैं कि दोपहर की छुट्टी समय से दी जाए और बच्चों को धूप में न छोड़ा जाए। लोगों को सलाह दी जा रही है कि हल्के कपड़े पहनें, घर से न निकलें तो बेहतर, और हर घंटे पानी पियें; डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक का खतरा काफी वास्तविक हो गया है। उमस के चलते कुछ जगहों पर इलेक्ट्रिसिटी कट्स की भी खबरें आ रही हैं, जिससे परेशानी और बढ़ रही है।

  • सुबह तक पार्क और ओपन जिम का इस्तेमाल करें, दोपहर में इनसे बचें
  • खासकर गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बीमार लोग घर से बाहर कम निकलें
  • तेज धूप में गहरे रंग के कपड़े न पहनें
  • पानी, शिकंजी, छाछ जैसे लिक्विड ज्यादा लें
  • घर लौटते वक्त सिर ढकें, छाता रखें

मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान जताया था कि अप्रैल-जून 2025 के बीच यूपी में 10-11 से ज्यादा हीटवेव के दिन आ सकते हैं। यानी, अभी की गर्मी ट्रेलर है, असली परीक्षा आगे है। स्वास्थ्य अधिकारी रोजाना मौसम का अपडेट ले रहे हैं और कॉल सेंटर एक्टिव कर दिए गए हैं, ताकि हीट स्ट्रोक जैसी स्थिति में तुरंत मेडिकल मदद मिल सके।

15 टिप्पणि

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    Ajay Rock

    मई 20, 2025 AT 05:34
    ये गर्मी तो अब जिंदगी का हिस्सा बन गई है। पिछले साल भी ऐसा ही था, और अब फिर? लोग बस बैठे हैं, बारिश का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बारिश तो अब सिर्फ मौसम के नक्शे पर ही होती है।
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    Lakshmi Rajeswari

    मई 21, 2025 AT 06:34
    ये सब सरकार की चाल है... ठीक है, ठीक है, आप सोच रहे होंगे कि मैं बस षड्यंत्र ढूंढ रही हूँ, लेकिन आपने कभी सोचा है कि जब तापमान 41 डिग्री है, तो बिजली कट जाना किसके लिए फायदेमंद है? हाँ, बिजली कंपनियाँ... और फिर वो बताती हैं कि 'लोड शेडिंग' है! ये सब एक बड़ा खेल है, और हम सब उसके शिकार हैं!!!
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    Piyush Kumar

    मई 21, 2025 AT 11:57
    ये गर्मी तो बस एक चेतावनी है! हमने प्रकृति को इतना नुकसान पहुँचाया है कि अब वो हमें जवाब दे रही है। लेकिन अगर हम आज से शुरू करें-बच्चों को पेड़ लगाना सिखाएं, घरों में शेडिंग बनाएं, बिजली बचाएं-तो ये सिर्फ एक बदलाव की शुरुआत होगी। हम नहीं तो कौन? अगर नहीं अब, तो कब?
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    Srinivas Goteti

    मई 23, 2025 AT 08:03
    हीटवेव के बारे में जो जानकारी दी गई है, वो बहुत स्पष्ट है। लेकिन अगर हम इसे सिर्फ एक अलर्ट के रूप में देखेंगे, तो ये दिक्कत दोबारा आएगी। हमें इसे एक लंबे समय की चुनौती के रूप में लेना होगा। बारिश की कमी, जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण-ये सब जुड़े हुए हैं।
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    Rin In

    मई 24, 2025 AT 02:06
    ये गर्मी तो बस शुरुआत है! 😤 बच्चों को पानी पिलाना न भूलें, और हाँ... घर पर ही रहो जब तक जरूरत न हो! अगर बाहर जाना ही है तो छाता लेकर जाना, नहीं तो तुम्हारा सिर उबल जाएगा! और याद रखो, बिजली कटने पर फोन चार्ज कर लो! 📱⚡
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    michel john

    मई 24, 2025 AT 09:40
    अरे भाई ये सब बाहरी षड्यंत्र है! अमेरिका और चीन ने इस गर्मी को बनाया है ताकि हमारी आर्थिक विकास रोक सकें! और ये IMD भी उनके हाथों में है! जब तक हम अपनी आत्मनिर्भरता नहीं लेंगे, तब तक ये गर्मी हमें नहीं छोड़ेगी! अपने घर में बैठे बैठे बाहरी लोगों को दोष देने की आदत छोड़ो! भारत अब बड़ा हो चुका है!
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    shagunthala ravi

    मई 26, 2025 AT 01:04
    हर गर्मी में हम देखते हैं कि बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं। लेकिन हम अक्सर इन लोगों को भूल जाते हैं। अगर आपके पड़ोस में कोई अकेला बुजुर्ग है, तो उसके लिए पानी और छाछ ले जाएं। छोटी बातें ही बड़े बदलाव लाती हैं। आपकी एक चाय की चुस्की, किसी की जान बचा सकती है।
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    Urvashi Dutta

    मई 26, 2025 AT 22:21
    इस गर्मी के बारे में सोचते हुए मुझे याद आया कि मेरे दादाजी बताते थे कि 1970 के दशक में भी ऐसी गर्मी थी, लेकिन तब लोग नदियों के किनारे रहते थे, पेड़ों की छाया में बैठते थे, और घरों में बर्फ का इस्तेमाल होता था। आज हम एसी के बिना जी नहीं सकते, और जब बिजली जाती है तो बिल्कुल बेबस महसूस होता है। क्या हमने प्रकृति के साथ संतुलन खो दिया है? क्या हमने आराम को जीवन का लक्ष्य बना लिया है? ये सवाल आज बहुत गहरे हैं।
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    Rahul Alandkar

    मई 28, 2025 AT 03:17
    मैंने देखा है कि बहुत से लोग बाहर निकलते हैं और फिर बीमार पड़ जाते हैं। ये सिर्फ गर्मी का मुद्दा नहीं है, ये एक जागरूकता का मुद्दा है। लेकिन अगर कोई कहे कि वो बाहर नहीं निकल सकता, तो मैं उसकी बात मान लेता हूँ। हर किसी की स्थिति अलग होती है।
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    Jai Ram

    मई 29, 2025 AT 03:06
    हर घर में एक छोटा सा फ्रिज या ठंडा पानी रखना जरूरी है। और अगर बिजली जा रही है, तो बर्फ के बर्तन का इस्तेमाल करें। छाछ, शिकंजी, नींबू पानी-ये सब बेहद जरूरी हैं। और हाँ, अगर आपके घर में कोई बीमार है, तो उसके लिए एक ठंडा तौलिया गर्दन पर रख दें। छोटी चीजें बहुत बड़ा अंतर ला सकती हैं। 💧
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    Vishal Kalawatia

    मई 29, 2025 AT 14:16
    ये सब बकवास है। बस एक गर्मी के लिए इतना शोर? हमारे पूर्वजों ने बिना एसी के जीवन जिया था। अब हर कोई बीमार हो गया है? बस लोग लाचार हैं। अगर तुम गर्मी से डरते हो, तो देश छोड़ दो! हमारी जमीन पर ऐसी गर्मी है, तो इसका सामना करो! बच्चों को बाहर नहीं भेजो? बच्चों को तो खेलना ही है!
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    Kirandeep Bhullar

    मई 31, 2025 AT 13:36
    क्या आपने कभी सोचा है कि जब तापमान 41 डिग्री है, तो ये नमी का 60% का आंकड़ा वास्तव में क्या बताता है? ये वो नमी है जो आपके शरीर को बर्बाद कर रही है। ये नमी बस एक आंकड़ा नहीं, ये एक बीमारी है। और हम उसे नजरअंदाज कर रहे हैं।
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    DIVYA JAGADISH

    जून 2, 2025 AT 09:09
    पानी पियो। छाछ लो। बाहर न जाओ। ये सब कर लो। बस।
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    Amal Kiran

    जून 2, 2025 AT 21:33
    ये सब बस टीवी पर चलता है। लोग घर पर बैठे हैं, एसी चला रहे हैं, और बाहर के लोगों के बारे में फिल्म बना रहे हैं। कोई असली नहीं जानता कि ये गर्मी किसके लिए जिंदगी और मौत का सवाल बन गई है।
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    Piyush Kumar

    जून 3, 2025 AT 23:45
    अगर हम इस गर्मी को बस एक बाधा मान लेंगे, तो हम इसे हराने की कोशिश नहीं करेंगे। ये गर्मी हमारी जिम्मेदारी है। हमारे लिए एक नया नियम बनाओ-हर घर से एक पेड़ लगाओ। हर स्कूल में छायादार बगीचा बनाओ। ये अभी शुरू करो। अगले साल तुम्हारे बच्चे शांति से सो पाएंगे।

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