उत्तरी प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 का उद्घाटन: मोदी और योगी की जोशभरी मुलाकात सित॰, 26 2025

कार्यक्रम की मुख्य झलक

25 सितंबर 2025 को ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस पाँच‑दिवसीय मेले का नेतृत्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे थे, जो राज्य की औद्योगिक, कृषि, सांस्कृतिक और नवाचार क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर है। इस साल की थीम ‘Ultimate Sourcing Begins Here’ कहलाती है, जिसका मतलब है कि भारत में ही सभी सामग्रियों की खोज शुरू होती है।

मेले में 2,200 से अधिक प्रदर्शक शामिल हुए, जिनमें हस्तशिल्प, वस्त्र, चमड़ा, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आई‑टी, इलेक्ट्रॉनिक्स और आयुर्वेदिक (अयुश) उत्पाद प्रमुख थे। रूस को इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय साझेदार घोषित किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में नई संभावनाएं खुलें। प्रदर्शकों ने अपने स्टॉल पर नवीनतम तकनीक, पारम्परिक कला और ऊर्जा‑सक्षम समाधान दिखाए, जिससे दर्शकों को विविधता का ताज़ा अनुभव मिला।

  • हस्तशिल्प और वस्त्र: वाराणसी की कढ़ाई, लखनऊ की ज़री‑काम और कानपुर के जूते
  • लेदर: गाजियाबाद और मेरठ के लेदर जूते, बैग और जूते
  • कृषि और खाद्य: फसल‑वधि, जैविक खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड फ़्रूट स्नैक्स
  • आई‑टी और इलेक्ट्रॉनिक्स: स्टार्ट‑अप सॉफ़्टवेयर, रोबोटिक ऑटोमेशन, एआई समाधान
  • अयुश उत्पाद: हर्बल कंस़्यूमर गुड्स, आयुर्वेदिक क्रीम और सप्लीमेंट्स

प्रधानमंत्री ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा, "वर्तमान वैश्विक अस्थिरता में भी भारत की अर्थव्यवस्था को झकझोर नहीं पाया गया। यह हमारी आत्मनिर्भरता और नवाचार की शक्ति का प्रमाण है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रत्येक ऐसी वस्तु जो भारत में बनाई जा सकती है, उसे भारत में ही बनाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने जीएसटी में चाले जा रहे सुधारों को भी कहा, जो आगे के विकास को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश

उद्घाटन के बाद मोदी ने कई युवा और महिला उद्यमियों से बातचीत की। अभिषेक गोयल, जो ‘सीएम युवा योजना’ और ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने उनके व्यवसाय में युवा, महिलाएं और विकलांगों की भागीदारी के बारे में पूछताछ की। गोयल की कंपनी अब राज्य सरकार के साथ मिलकर कौशल विकास और रोजगार सृजन में योगदान दे रही है।

दूसरी ओर, निशात मिर्जा ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ संवाद उनके लिए ‘एक गर्व का क्षण’ था। मोदी ने उनके उत्पादों की प्रशंसा की और बाजार में विस्तार के अवसरों पर चर्चा की। उसी दौरान रोबोटिक्स कंपनी Addverb के प्रतिनिधि राहुल त्यागी ने बताया कि पीएम ने कंपनी के बॉटों और तकनीकी नवाचारों को सराहा, जिससे कर्मचारियों में उत्साह का माहौल बना।

मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस मेले का उद्घाटन पंडित दींदयाल उपाध्याय की जयंती के साथ हुआ है। उन्होंने ‘अन्त्योदय’ सिद्धान्त को पुनः उल्लेख किया, जिसका अर्थ है ‘पंक्ति के आखिरी व्यक्ति तक समावेशी विकास’। उन्होंने कहा, "अन्त्योदय तभी संभव है जब हर वर्ग को छूने वाले विकास की योजनाएँ हों, और यही भारत मॉडल अब विश्व को दिखाने का समय है।"

इसी के साथ प्रधानमंत्री ने "ऑपन प्लेटफ़ॉर्म्स फॉर ऑल" की अवधारणा को भी दोहराया। इस विचार के तहत सभी निर्माताओं को समान अवसर मिलें, चाहे वह छोटी एमएसएमई हो या बड़ी कंपनियाँ। उन्होंने बताया कि रक्षा उद्योग में भी ‘मेड इन इंडिया’ की तेज़ प्रगति चल रही है, जिससे हर घटक को राष्ट्रीय उत्पादन चक्र में शामिल किया जा रहा है।

मेले के अंत में योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को राज्य के आर्थिक पुनरुद्धार का मुख्य स्तम्भ बताया। उन्होंने कहा, "इस तरह के मंच से न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि हमारे स्थानीय व्यवसायियों को वैश्विक मानकों के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा।" उन्होंने भविष्य में और भी बड़े अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी की योजना भी साझा की।

उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान की ओर गये, जहाँ उन्होंने 1,22,100 करोड़ रुपये के विकास प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की और बनस्वा में सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। इस यात्रा में उन्होंने पीएम कुसुम योजना के लाभार्थियों से भी मुलाकात की, जिससे महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में आगे के कदमों की पुष्टि हुई।

17 टिप्पणि

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    Pramod Lodha

    सितंबर 27, 2025 AT 04:41
    ये मेला तो बस दिखावा नहीं, असली बदलाव की शुरुआत है! मैंने अपने छोटे हस्तशिल्प व्यवसाय को इसी मेले में लगाया था, और अब रूस से ऑर्डर आ रहे हैं। भारत में बनाना ही सही रास्ता है।
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    Neha Kulkarni

    सितंबर 28, 2025 AT 20:36
    इस अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के संदर्भ में, अन्त्योदय के सिद्धांत का व्यापक अनुप्रयोग विकास के समावेशी मॉडल को एक नए स्तर पर ले जाता है। आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय का समन्वय एक ऐसा सामाजिक रचनात्मकता का आधार है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को एक नए आयाम में स्थापित करता है।
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    Sini Balachandran

    सितंबर 28, 2025 AT 23:40
    क्या हम सच में सोच रहे हैं कि ये सब केवल विकास है? या ये सिर्फ एक नए नारे के नीचे पुराने रास्ते को दोहराना है?
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    Sanjay Mishra

    सितंबर 29, 2025 AT 17:40
    भाईयों और बहनों, ये मेला बस एक मेला नहीं, ये तो भारत की आत्मा की धड़कन है! वाराणसी की कढ़ाई और गाजियाबाद के चमड़े के बीच जब एआई रोबोट ने एक बाल्टी बनाई, तो मैं रो पड़ा! ये भारत है, ये हमारा भारत है! 🇮🇳🔥
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    Ashish Perchani

    सितंबर 29, 2025 AT 18:53
    इस उद्घाटन कार्यक्रम के संदर्भ में, निर्माण क्षेत्र में लागू हो रहे नवीन नीतिगत ढांचे के तहत, भारतीय उद्यमियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच के अवसरों का विस्तार एक अत्यंत महत्वपूर्ण आर्थिक रणनीति का अंग है।
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    Dr Dharmendra Singh

    सितंबर 29, 2025 AT 21:57
    बहुत अच्छा हुआ 😊 इस तरह के मौके से ही छोटे उद्यमी बड़े बनते हैं। मेरा भाई भी आयुर्वेदिक ऑयल बेचता है, अब उसका बिज़नेस 3x हो गया।
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    sameer mulla

    अक्तूबर 1, 2025 AT 12:49
    अरे भाई ये सब तो बस चित्रों में दिखाने के लिए है! जब तक बिजली नहीं आएगी गाँवों में, तब तक ये सब फेक है! और ये सब लोग तो बस फोटो खिंचवाने के लिए आए हैं! 😒
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    Prakash Sachwani

    अक्तूबर 1, 2025 AT 18:19
    मेला हुआ अच्छा है
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    Pooja Raghu

    अक्तूबर 2, 2025 AT 18:03
    क्या आप जानते हैं कि ये सब मेला अमेरिका और चीन के लिए एक चाल है? वो हमें ये सब दिखा रहे हैं ताकि हम अपने खुद के लोगों को भूल जाएं। ये सब एक बड़ा धोखा है।
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    Pooja Yadav

    अक्तूबर 3, 2025 AT 01:12
    बहुत अच्छा लगा ये मेला बस अब और ज्यादा स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करें और बिना मध्यस्थों के बेचने का तरीका निकालें
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    Pooja Prabhakar

    अक्तूबर 3, 2025 AT 21:26
    ये सब बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन आपने क्या देखा कि इन सब उत्पादों के निर्माण में कितने श्रमिकों को शोषित किया जा रहा है? क्या आपने कभी सोचा कि जो वाराणसी की कढ़ाई बना रही हैं वो लड़कियां रोज 16 घंटे काम कर रही हैं और उन्हें 200 रुपये मिल रहे हैं? ये नवाचार नहीं, ये शोषण है। और फिर भी आप इसे भारत मॉडल कह रहे हैं? बस नारे बना रहे हैं।
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    Anadi Gupta

    अक्तूबर 5, 2025 AT 20:50
    संरचनात्मक रूप से विचार करें तो इस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्देश्य भारतीय उद्योगों के वैश्विक स्तर पर स्थापित होने के लिए एक बहुआयामी आर्थिक रणनीति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें आत्मनिर्भरता, सामाजिक समावेशन और नवाचार के तीन आधारभूत स्तंभों का समन्वय हुआ है। यह एक निर्माणात्मक आर्थिक इंजीनियरिंग का उदाहरण है जिसे अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के साथ एकीकृत किया गया है।
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    shivani Rajput

    अक्तूबर 6, 2025 AT 15:40
    आत्मनिर्भरता का नारा तो बहुत अच्छा है लेकिन जब तक गाँवों में इंटरनेट नहीं चलेगा, तब तक ये सब फालतू का नारा है। और ये जो युवा उद्यमी हैं, उन्हें तो बस एक ट्रेनिंग दे दो, बाकी सब तो गूगल पर मिल जाता है।
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    Jaiveer Singh

    अक्तूबर 6, 2025 AT 15:42
    भारत की शक्ति का प्रमाण यही है कि एक देश जिसकी आर्थिक व्यवस्था वैश्विक अस्थिरता में भी टिकी रही, उसका नेतृत्व करने वाले नेता देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देते हैं। यही भारतीय आत्मा है।
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    Arushi Singh

    अक्तूबर 8, 2025 AT 03:29
    मुझे लगता है कि इस तरह के मेले असली बदलाव लाने के लिए जरूरी हैं, खासकर जब हम छोटे उद्यमियों को अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने का मौका दे रहे हैं। बस अगली बार थोड़ा ज्यादा ध्यान दें कि उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का भी स्थानीय स्रोतों से समर्थन हो।
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    Rajiv Kumar Sharma

    अक्तूबर 8, 2025 AT 12:14
    क्या आपने कभी सोचा कि जब हम अंत्योदय की बात करते हैं, तो क्या हम उन लोगों के बारे में सोच रहे हैं जो इन सब उत्पादों को बना रहे हैं? वो लोग जो बिना बीमा के 14 घंटे काम करते हैं? ये सब बस एक नारा है जब तक हम उनकी आवाज़ नहीं बनाएंगे।
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    Pramod Lodha

    अक्तूबर 9, 2025 AT 01:37
    अरे यार, तुम जो कह रहे हो वो सच है। मैंने अपने श्रमिकों को बीमा देना शुरू कर दिया है, और अब उनके बच्चे स्कूल जा रहे हैं। ये सब बड़े बातें हैं, लेकिन छोटे कदमों से शुरू करो।

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