अप्रैल, 21 2025
दिल्ली के दिल में भूकंप: एक झटके ने मचाई हलचल
दिल्ली-एनसीआर के लोग 17 फरवरी 2025 की सुबह अचानक अपने घरों, कार्यालयों और ऊंची इमारतों में हिलते-डुलते महसूस करने लगे। 4.0 तीव्रता का भूकंप जब आया, तब कई लोग मोबाइल पर, या फिर सुबह की भागदौड़ में व्यस्त थे। अचानक दीवारें थरथराईं, पंखे हिलने लगे और कई फ्लैटों में खिड़कियों से तेज आवाज आई। इलाके में रहने वाले लोग तुरंत अपने घरों से बाहर निकल आए। आसमान छूती ऊंची इमारतों में ये असर और भी साफ दिखा—बहुत लोगों ने पहली बार महसूस किया कि जमीन भी डगमगाती है।
भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं को बताया गया, जिसकी गहराई सिर्फ 5 किलोमीटर थी। इतनी कम गहराई पर आए झटकों से कंपन ज्यादा तेज और चौकाने वाले महसूस हुए। मौके पर पहुंचे विशेषज्ञों ने बताया कि shallow depth यानी उथले केंद्र वाले भूकंप दिल्ली जैसे आबादी वाले क्षेत्रों के लिए ज्यादा परेशान करने वाले साबित होते हैं। इससे पहले भी 2020 में दिल्ली में 3 से 4 तीव्रता के झटके महसूस हो चुके हैं, लेकिन इस बार असर ज्यादा अंतर था।
पैनिक, अफवाहें और अलर्ट: सोशल मीडिया बनाम हकीकत
झटके महसूस होते ही WhatsApp और Twitter पर अफवाहों का सैलाब सा आ गया। कई लोगों ने बिना पुष्टि किए मेसेज और वीडियोज शेयर करने शुरू कर दिए। ऐसे ही एक वायरल वीडियो में 7 अप्रैल 2025 को भीषण भूकंप का दावा किया गया, लेकिन जांच करने पर सामने आया कि वीडियो पुराने तूफान का था, जिसे एडिट करके फैलाया गया था। दिल्ली प्रशासन ने साफ किया—कोई बड़ी घटना नहीं हुई है और वायरल संदेशों पर ध्यान न दें।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत जनता से अपील की कि शांति बनाये रखें, घरों में दरवाजों और खिड़कियों के आसपास खड़े रहें, और आफ्टरशॉक्स यानी छोटे झटकों के प्रति सतर्क रहें। राहत है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में न तो कोई जानमाल का नुकसान हुआ, न ही किसी इमारत में दरार आई। लेकिन इस भूकंप के झटकों ने ये जरूर महसूस कराया कि शहर में आपदा प्रबंधन और सतर्कता कितनी जरूरी है।
- 17 फरवरी को 4.0 तीव्रता के भूकंप के बाद, 23 फरवरी 2025 को भी गाजियाबाद में 2.8 का हल्का भूकंप दर्ज किया गया। इसका असर सीमित रहा, लेकिन लोग एक बार फिर सतर्क हो गए।
- 4 अप्रैल 2025 को नेपाल में आए 5.0 तीव्रता के भूकंप के झटके भी दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए। अच्छी बात रही कि इसमें भी किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
दिल्ली सीस्मिक जोन-IV में आता है यानी यहां मध्यम से तीव्र भूकंप का खतरा बना रहता है। हिमालयी क्षेत्र की जटिल टेक्टॉनिक पोजिशन इसकी बड़ी वजह है। हालात वैसे तो काबू में रहे मगर अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि बिल्डिंग कोड्स पालन करें और सतर्कता बनी रहे, ताकि अगली बार भी ऐसी आफत बिना नुकसान के गुजर जाए।
DIVYA JAGADISH
अप्रैल 22, 2025 AT 13:23Vishal Kalawatia
अप्रैल 22, 2025 AT 13:42Kirandeep Bhullar
अप्रैल 24, 2025 AT 05:15Amal Kiran
अप्रैल 25, 2025 AT 02:18abhinav anand
अप्रैल 25, 2025 AT 21:02Rinku Kumar
अप्रैल 27, 2025 AT 11:02Nikita Patel
अप्रैल 28, 2025 AT 10:43abhishek arora
अप्रैल 30, 2025 AT 00:42Kamal Kaur
मई 1, 2025 AT 06:56Ajay Rock
मई 1, 2025 AT 06:59Lakshmi Rajeswari
मई 2, 2025 AT 02:37Piyush Kumar
मई 3, 2025 AT 15:05Srinivas Goteti
मई 5, 2025 AT 05:38Rin In
मई 6, 2025 AT 04:19michel john
मई 6, 2025 AT 21:01shagunthala ravi
मई 8, 2025 AT 10:02