हेमंत सोरेन का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव आया है। सूत्रों के अनुसार, INDIA गठबंधन के विधायकों ने रांची में मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक के दौरान हेमंत सोरेन को फिर से झारखंड का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज शाम करीब 8 बजे अपना इस्तीफा देंगे और हेमंत सोरेन को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। हेमंत सोरेन जून 28 को जेल से रिहा हुए थे, जहां वो लगभग पांच महीनों के लिए बंद थे।
जनवरी में गिरफ्तारी और इस्तीफा
जनवरी 31 को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसका अर्थ है कि चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने का कार्यकाल बहुत छोटा रहा।
परिवार का राजनीतिक समर्थन
रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हेमंत सोरेन के मंत्री भाई बसंत सोरेन और हाल ही में गांधी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुनी गईं उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने इस बैठक में भाग लिया। हेमंत सोरेन की राजनीतिक परिवार का जनाधार फिर से मजबूत हो रहा है।
बीजेपी की आलोचना
इस मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कड़ी आलोचना की है। दुबे ने कहा कि सोरेन परिवार के बाहर के लोग पार्टी में अपनी राजनीतिक भविष्य नहीं देख सकते। उन्होंने हेमंत सोरेन को जेल से बाहर आने के बाद प्रथम सार्वजनिक सभा में इस निर्णय के प्रति परिवारवाद की राजनीति को दोषी ठहराया।
भाजपा के खिलाफ हेमंत सोरेन का बयान
जेल से रिहा होने के बाद हेमंत सोरेन ने अपने पहले सार्वजनिक सभा में भी कई महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड में विधानसभा चुनावों को जल्दी कराने की योजना बना रही है। उन्होंने 'सामंती शक्तियों' के खिलाफ विद्रोह का आह्वान किया और दावा किया कि विपक्षी INDIA गठबंधन भाजपा को देशभर से बाहर कर देगा।
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर
हेमंत सोरेन पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री 2013 में बने थे। इससे पहले उनके पिता शिबू सोरेन खुद भी झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हेमंत सोरेन की राजनीतिक यात्रा में उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए कई बड़े निर्णय लिए हैं।
चुनाव की तैयारी
झारखंड की राजनीति में होने वाले इन बदलावों के बीच भारत में अन्य राज्यों में भी राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। आने वाले विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन और उनका गठबंधन क्या रणनीति अपनाता है, यह देखना रोचक होगा।
एक बात तो तय है कि झारखंड की राजनीति में यह महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी INDIA गठबंधन के बीच की टकराव आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगी।