हेमंत सोरेन फिर बनेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री, चंपई सोरेन देंगे इस्तीफा: सूत्र जुल॰, 4 2024

हेमंत सोरेन का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना

झारखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव आया है। सूत्रों के अनुसार, INDIA गठबंधन के विधायकों ने रांची में मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक के दौरान हेमंत सोरेन को फिर से झारखंड का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज शाम करीब 8 बजे अपना इस्तीफा देंगे और हेमंत सोरेन को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। हेमंत सोरेन जून 28 को जेल से रिहा हुए थे, जहां वो लगभग पांच महीनों के लिए बंद थे।

जनवरी में गिरफ्तारी और इस्तीफा

जनवरी 31 को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसका अर्थ है कि चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने का कार्यकाल बहुत छोटा रहा।

परिवार का राजनीतिक समर्थन

परिवार का राजनीतिक समर्थन

रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हेमंत सोरेन के मंत्री भाई बसंत सोरेन और हाल ही में गांधी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुनी गईं उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने इस बैठक में भाग लिया। हेमंत सोरेन की राजनीतिक परिवार का जनाधार फिर से मजबूत हो रहा है।

बीजेपी की आलोचना

इस मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कड़ी आलोचना की है। दुबे ने कहा कि सोरेन परिवार के बाहर के लोग पार्टी में अपनी राजनीतिक भविष्य नहीं देख सकते। उन्होंने हेमंत सोरेन को जेल से बाहर आने के बाद प्रथम सार्वजनिक सभा में इस निर्णय के प्रति परिवारवाद की राजनीति को दोषी ठहराया।

भाजपा के खिलाफ हेमंत सोरेन का बयान

भाजपा के खिलाफ हेमंत सोरेन का बयान

जेल से रिहा होने के बाद हेमंत सोरेन ने अपने पहले सार्वजनिक सभा में भी कई महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड में विधानसभा चुनावों को जल्दी कराने की योजना बना रही है। उन्होंने 'सामंती शक्तियों' के खिलाफ विद्रोह का आह्वान किया और दावा किया कि विपक्षी INDIA गठबंधन भाजपा को देशभर से बाहर कर देगा।

हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर

हेमंत सोरेन पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री 2013 में बने थे। इससे पहले उनके पिता शिबू सोरेन खुद भी झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हेमंत सोरेन की राजनीतिक यात्रा में उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए कई बड़े निर्णय लिए हैं।

चुनाव की तैयारी

चुनाव की तैयारी

झारखंड की राजनीति में होने वाले इन बदलावों के बीच भारत में अन्य राज्यों में भी राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। आने वाले विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन और उनका गठबंधन क्या रणनीति अपनाता है, यह देखना रोचक होगा।

एक बात तो तय है कि झारखंड की राजनीति में यह महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी INDIA गठबंधन के बीच की टकराव आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगी।

12 टिप्पणि

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    Prakash Sachwani

    जुलाई 6, 2024 AT 11:24
    ये सब तो बस परिवार का खेल है भाई साहब। कोई ना कोई सोरेन हमेशा मुख्यमंत्री बनता रहेगा। कोई बदलाव नहीं आएगा।
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    Pooja Raghu

    जुलाई 6, 2024 AT 19:33
    ये सब बीजेपी की साजिश है भाई। जेल से निकालकर फिर से मुख्यमंत्री बनाने का मतलब है कि किसी ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की थी और अब वो वापस आ गए। असली खबर ये है कि अंदर वाले लोग बदल गए हैं।
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    Pooja Yadav

    जुलाई 7, 2024 AT 13:35
    अच्छा हुआ कि हेमंत वापस आ गए। चंपई तो बस अस्थायी थे। अब जो लोग असली काम करते हैं वो वापस आ गए। उम्मीद है अब जनता के लिए कुछ अच्छा होगा।
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    Pooja Prabhakar

    जुलाई 9, 2024 AT 01:53
    ओह तो ये वापस आ गए? बस इतना ही? जब तक एक परिवार के लोग राजनीति को अपनी निजी संपत्ति समझेंगे तब तक झारखंड का कोई भविष्य नहीं। ये सब नेतृत्व नहीं ये तो राजवंश है। अब तक कितने बार गिरफ्तारी, इस्तीफा, वापसी? ये क्या है भाई? राजनीति या रियलिटी शो? अगर ये तरीका चलता है तो अब बस एक नाम का बदलाव कर दो और वो भी वापस आ जाएगा। जनता को ये सब बर्दाश्त हो रहा है? कोई नहीं बोल रहा? क्यों? क्योंकि सब डर रहे हैं कि अगला नाम उनका हो जाएगा।
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    Anadi Gupta

    जुलाई 10, 2024 AT 17:20
    इस प्रक्रिया में राजनीतिक स्थिरता का अभाव है। एक व्यक्ति जेल से बाहर आकर तुरंत पद प्राप्त करना लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। यहां नियमों का अनुपालन नहीं हो रहा है। यह एक खतरनाक प्रेस्क्रिप्शन है जो अन्य राज्यों में भी फैल सकता है। इसके लिए न्यायपालिका को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
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    shivani Rajput

    जुलाई 11, 2024 AT 11:38
    परिवारवाद की राजनीति एक राजनीतिक विकृति है। यह नेतृत्व के लिए योग्यता के आधार पर चयन के लिए एक विरोधी प्रणाली है। इस तरह के निर्णय लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। जब एक परिवार एक राज्य को नियंत्रित करता है तो यह एक राजवंश बन जाता है और राजनीति एक व्यापार बन जाती है।
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    Jaiveer Singh

    जुलाई 13, 2024 AT 03:24
    भारत की राजनीति में ये सब अच्छा नहीं है। जेल से बाहर आकर मुख्यमंत्री बनना? ये तो देश की आत्मा के खिलाफ है। भाजपा को इसे रोकना चाहिए। ये लोग नियमों को तोड़ रहे हैं।
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    Arushi Singh

    जुलाई 13, 2024 AT 09:14
    मुझे लगता है कि अगर लोग अच्छे नेता चाहते हैं तो उन्हें अपनी राय देनी चाहिए। शायद इस बार एक नया नेता आए। लेकिन अगर लोग अभी भी हेमंत को समर्थन दे रहे हैं तो शायद उन्हें वापस आने का अधिकार है। बस उम्मीद है कि अब वो अच्छा काम करेंगे।
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    Rajiv Kumar Sharma

    जुलाई 14, 2024 AT 06:16
    क्या तुमने कभी सोचा है कि राजनीति एक जीवन यात्रा है? हेमंत सोरेन ने जेल में बहुत कुछ सीखा होगा। अब जब वो वापस आए हैं तो शायद वो अलग तरह से सोचते हैं। ये तो बस एक निर्णय है न कि एक अंत। जीवन में गिरना और उठना दोनों ही हिस्से हैं। शायद इस बार वो असली बदलाव लाएं।
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    Jagdish Lakhara

    जुलाई 15, 2024 AT 01:54
    महोदय, मैं आपके ध्यान के लिए यह बताना चाहूंगा कि इस प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ है। यह एक अनुचित व्यवहार है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। राजनीति में नियमों का पालन अनिवार्य है।
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    Nikita Patel

    जुलाई 16, 2024 AT 00:35
    हेमंत सोरेन के वापस आने से बहुत से लोग डर रहे हैं। लेकिन याद रखो, राजनीति में नेता बनने के लिए अपने लोगों का समर्थन जरूरी है। अगर लोग उन्हें वापस चाहते हैं तो शायद वो अच्छे निर्णय लेंगे। बस उन्हें एक मौका दो।
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    abhishek arora

    जुलाई 16, 2024 AT 06:54
    इस तरह की राजनीति को तुरंत रोको! 🇮🇳 जेल से बाहर आकर मुख्यमंत्री बनना? ये तो देश के नियमों का उल्लंघन है! भाजपा को इसे रोकना चाहिए! 🚫✊

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