आर्थिक मंदी: क्या हो रहा है और हमें क्या करना चाहिए?

अभी भारत में कई लोग कहते हैं कि चीज़ें महँगी हुईं, नौकरी के अवसर घट रहे हैं। यह सब आर्थिक मंदी की झलक दिखाता है। अगर आप समझना चाहते हैं कि ये क्यों हो रहा है और कैसे संभालें, तो आगे पढ़िए।

मंदी के मुख्य कारण क्या हैं?

सबसे पहले बात करते हैं वजहों की। जब उत्पादन घटता है या विदेशी माँग कम होती है, तो कंपनियों का राजस्व गिरता है। इससे फॉर्मेलेन्ट कटौती और नई भर्ती रोकनी पड़ती है। दूसरा बड़ा कारण महँगाई है – अगर कच्चा माल की कीमतें बढ़ती हैं, तो सामान भी महँगा हो जाता है और लोग खर्च घटाते हैं।

तीसरा कारण वित्तीय नीतियों में बदलाव है। कभी-कभी ब्याज दर बढ़ाने से लोग लोन ले नहीं पाते, जिससे निवेश कम हो जाता है। साथ ही, वैश्विक बाजार में उतार‑चढ़ाव भी भारत की निर्यात को प्रभावित करता है। ये तीन बिंदु मिलकर मंदी के संकेत देते हैं।

आर्थिक मंदी से बचने के ठोस कदम

अब बात करते हैं क्या करें? सबसे पहला काम है खर्चे पर नज़र रखना। अनावश्यक ख़रीदारी को कम कर, आप अपनी बचत बढ़ा सकते हैं। दूसरा, स्किल अपग्रेड करना जरूरी है – नई तकनीक सीखने से नौकरी मिलने की संभावना बढ़ती है।

सरकार भी मदद कर सकती है। यदि आपका व्यवसाय छोटा‑मोटा है तो सरकारी सब्सिडी और लोन् योजना का फायदा उठाएँ। साथ ही, साइड इनकम के विकल्प देखें जैसे फ्रीलांस काम या छोटे पैमाने पर ऑनलाइन बेचने वाला व्यापार।

आख़िर में, आर्थिक खबरों को नियमित पढ़ें। अगर आप समझते हैं कि बाजार में क्या चल रहा है, तो सही समय पर निर्णय ले सकते हैं। मंदी का डर नहीं, बल्कि उसके संकेत पहचानना और जल्दी कदम उठाना महत्वपूर्ण है।

शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स 1031 अंक लुढ़का, निफ्टी 23100 के नीचे बंद; कारण और प्रभाव
जन॰, 14 2025

शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स 1031 अंक लुढ़का, निफ्टी 23100 के नीचे बंद; कारण और प्रभाव

१३ जनवरी, २०२५ को भारत के शेयर बाजार में बड़ा उतार देखा गया जब बीएसई सेंसेक्स १०३१.६५ अंक गिरकर ७६,३४७.२६ पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी५० भी ३४५.५५ अंक लुढ़क कर २३,०८५.९५ पर बंद हुआ। मंदी के संकेत दीरघार्तकालिक आर्थिक बदलाव और विदेशी कारकों से उत्पन्न हुए हैं। महत्वपूर्ण कंपनियों के शेयर, जैसे कि अदानी एंटरप्राइजेस, आदि, ने भारी नुकसान दर्ज किया।

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