हर दिन नई खबरों से भरपूर रहता है, पर अगर आप जानना चाहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था कहाँ खड़ी है तो इस लेख को जरूर पढ़ें। यहाँ हम हाल के प्रमुख आंकड़े और सरकारी फैसलों को आसान शब्दों में समझाते हैं।
जनवरी 2025 में सेंसेक्स 1031 अंकों से गिरा, जबकि निफ़्टी 23 100 के नीचे बंद हुआ। विशेषज्ञ कहते हैं कि ये गिरावट वैश्विक आर्थिक दबाव और घरेलू मौद्रिक नीति की बदलती दिशा से आई है। निवेशकों ने देखा कि बड़े कंपनियों जैसे अदानी एंटरप्राइज़ेज़ में भारी नुकसान हुआ, जिससे कुल बाजार में निराशा फैल गई।
इसी बीच RBI के पूर्व गवर्नर शाक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव बना दिया गया। उनका वेतन 2.5 लाख रुपये है, पर उनकी नीति‑निर्माण भूमिका बहुत बड़ी मानी जा रही है। उन्होंने पिछले साल की नोटबंदी और GST में किए गए बदलावों से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने का प्रयास किया था, इसलिए अब उनके फैसले शेयर बाजार के रुझानों को सीधे प्रभावित करेंगे।
शिक्षा बजट 2025 ने प्राथमिक शिक्षा में बुनियादी ढाँचा सुधार और डिजिटल सीखने पर जोर दिया है। इससे लंबी अवधि में कौशल‑आधारित नौकरियों की मांग बढ़ेगी, जो आर्थिक वृद्धि को बल देगा। साथ ही, मोटिलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ने वनसोर्स स्पेशियलिटी फार्मा में 0.92 % हिस्सेदारी खरीदी—यह दर्शाता है कि हेल्थ‑केयर सेक्टर अभी भी निवेशकों के लिए आकर्षक है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में BYD Sealion 7 का लॉन्च हुआ, जो भारत में पहली बार इलेक्ट्रिक SUV की नई रेंज लाया है। इस कार की दो वैरिएंट्स—प्रिमियम और परफॉर्मेंस—भारी बैटरी रेंज (560 km) के साथ आती हैं। यदि सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को सब्सिडी देगी तो यह सेक्टर आगे बढ़ेगा, जिससे रोजगार और निर्यात दोनों में बढ़ोतरी की संभावना है।
इन सभी घटनाओं का एक सामान्य असर यही है कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी बदलाव के मोड़ पर है। अगर शेयर बाजार गिरता रहता है तो लोग बचत को सुरक्षित जगहों जैसे फिक्स्ड डिपॉज़िट या सोने में डालेंगे, जबकि बजट और नीति‑निर्माताओं की चालें निवेशकों को नई दिशा दिखा सकती हैं।
अंत में याद रखें—आर्थिक सर्वेक्षण सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी चीज़ें है। चाहे आप विद्यार्थी हों, नौकरीपेशा या व्यापारी, इन खबरों को समझना आपको बेहतर वित्तीय फैसले लेने में मदद करेगा।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार, 22 जुलाई 2024 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण ने प्रमुख क्षेत्रों के लिए सकारात्मक रिपोर्ट और दृष्टिकोण प्रदान किया, हालांकि वैश्विक अनिश्चितता आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। यह सर्वेक्षण दीर्घकालिक मूल्य स्थिरता के लिए मूल्य निगरानी प्रणालियों को सुदृढ़ करने का सुझाव देता है।
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