भूकंप – क्या करना चाहिए? ताज़ा खबरें और सुरक्षा टिप्स

भूकंप अचानक धरती के नीचे फटे से उत्पन्न होता है, लेकिन सही जानकारी और तैयारियों से नुकसान कम किया जा सकता है। हम यहाँ पर आसान भाषा में बताएँगे कि कब, कहाँ और कैसे भूकंप की चेतावनी मिलती है और उसके बाद तुरंत क्या करना चाहिए। देहरादून गूँज रोज़ नई खबरों को अपडेट करता है, इसलिए आप हमेशा नवीनतम अलर्ट हाथ से नहीं, बल्कि स्क्रीन पर देख पाएँगे।

भारत में हाल के भूकम्प

पिछले साल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई मझोले स्तर के झटके आए थे। 12 मार्च को उत्तराखण्ड के लखनऊ जिले में 4.8 रिक्टर स्केल का हल्का भूकंप महसूस किया गया, जिससे कुछ घरों की दीवारें फटीं लेकिन कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। उसी महीने कश्मीर में भी 5.2 मापी गई और लोगों ने तुरंत अपने घरों को सुरक्षित करने के लिए टेबल नीचे बैठना शुरू कर दिया था। इन घटनाओं से पता चलता है कि भारत में भूकम्प अक्सर पहाड़ी इलाकों में होते हैं, इसलिए स्थानीय प्रशासन समय‑समय पर चेतावनी जारी करता है।

भूकंप से बचाव के आसान कदम

भूकम्प आए तो सबसे पहले शांत रहें और नीचे की ओर झुकें। "ड्रॉप, कवर, होल्ड ऑन" नियम अपनाएँ – फर्श पर बैठें, सिर को किसी मजबूत चीज़ (टेबल या दरवाज़ा) से ढँकें और अगर संभव हो तो उस वस्तु को मजबूती से पकड़ें।

घर के अंदर होते समय खिड़की, शीशे और भारी सामान वाले हिस्सों से दूर रहें। बाहर हों तो भवन, पुल या बिजली की लाइन से तुरंत हट जाएँ; खुले मैदान सबसे सुरक्षित जगह है। अगर आप कार में हों, तो धीरे‑धीरे रुकें, लेकिन तेज़ी से ब्रेक न लगाएँ क्योंकि इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है।

भूकम्प के बाद जाँच करें कि गैस पाइप या बिजली की तारों में कोई लीक तो नहीं है। अगर गंध या शॉर्ट सर्किट दिखे, तो मुख्य स्विच बंद कर दें और तुरंत मदद माँगें। साथ ही अपने परिवार के सभी सदस्य एकत्र करके तय किए हुए मिलन बिंदु पर जाएँ – आमतौर पर घर का पिछवाड़ा या किसी खुले स्थान को चुनें।

हमारी साइट "दैनिक देहरादून गूँज" हर अलर्ट को जल्दी से जल्दी अपडेट करती है। अगर आप मोबाइल पर नोटिफ़िकेशन चालू रखेंगे, तो IMD (भारतीय मौसम विभाग) की आधिकारिक चेतावनी सीधे आपके फोन पर आएगी। इस तरह आप समय रहते अपने घर का दरवाज़ा बंद कर सकते हैं, पानी के टैंक को सुरक्षित रख सकते हैं और बच्चों को सही दिशा‑निर्देश बता सकते हैं।

भूकम्प से बचने के लिए छोटे‑छोटे अभ्यास भी मददगार होते हैं। साल में एक बार परिवार के साथ ड्रिल करना अच्छा रहता है – सभी को बताएं कि कब नीचे झुकना है, किस चीज़ पर भरोसा करना है और बाहर निकलते समय किन रास्तों से जाना है। इससे असली घटना में घबराहट कम होगी और बचाव प्रक्रिया तेज़ चलेगी।

याद रखें, भूकम्प रोक नहीं सकते लेकिन हम उसकी मार को घटा सकते हैं। सही जानकारी, तैयारियों और सावधानी से ही आप अपने घर, परिवार और पड़ोसियों की सुरक्षा कर पाएँगे। "देहरादून गूँज" पर नियमित रूप से अपडेट चेक करें, ताकि हर अलर्ट आपके हाथ में रहे और आप हमेशा एक कदम आगे रहें।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप: नोएडा-गाजियाबाद में 4.0 तीव्रता के झटके, ऊंची इमारतें डगमगाईं
अप्रैल, 21 2025

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप: नोएडा-गाजियाबाद में 4.0 तीव्रता के झटके, ऊंची इमारतें डगमगाईं

17 फरवरी 2025 को दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के लोग दहशत में आ गए। ऊंची इमारतें डगमगा उठीं, हालांकि किसी को चोट नहीं आई। भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं इलाके में था। बाद में अफवाहों को भी अफसरों ने खारिज कर दिया।

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