जब हम ड्रिकपंचांग, एक विस्तृत भारतीय कैलेंडर प्रणाली है जो दैनिक तिथियों, योगों, निरणयोगों और ग्रह स्थितियों को दिखाता है, Also known as ड्रिक पंचांग के बारे में बात करते हैं, तो कई लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ धार्मिक ज्ञान है। असल में, ड्रिकपंचांग हर दिन के फैसले—शादी, व्यापार, यात्रा या स्वास्थ्य—में मदद कर सकता है। यह पंचांग, भारतीय कैलेंडर का मूल स्रोत है जो सूर्य-चंद्रग्रहों की गति को प्रतिबिंबित करता है से व्युत्पन्न है, और इसमें तिथि, महीने के दिनांक को दर्शाती है, योग, दिन के 12 संयोजनों में से एक, जो ऊर्जा के प्रवाह को बताता है और ग्रह, सूर्य, चंद्रमा, मंगल आदि की दैनिक स्थिति को मिलाकर एक सम्पूर्ण चित्र पेश करता है।
ड्रिकपंचांग में तिथियां, योग और ग्रह स्थिति का एक‑दूसरे पर सीधा असर होता है—ये तीनों एक-दूसरे को पूरक करते हैं। उदाहरण के तौर पर, ड्रिकपंचांग बताता है कि कौन सा योग शुभ है, कौन-सा ग्रह वर्तमान में अनिवार्य करियर निर्णयों में मदद कर रहा है, और किस तिथि पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान अधिक फलदायी होते हैं। पंचांग के आधार पर, ज्योतिषी अक्सर यह कहता है: "यदि शनि ग्रह की स्थिति शनि‑वृश्चिक में है और योग अयन सुदीप है, तो वित्तीय योजना बनाना सुरक्षित रहेगा।" ऐसे स्पष्ट संबंधों को समझना रोज़मर्रा के कार्यों को आसान बनाता है।
व्यावहारिक रूप से, ड्रिकपंचांग का उपयोग कई क्षेत्रों में होता है। किसान सिचाई की सही तिथि तय करने के लिए ऋतुएँ देखते हैं, व्यवसायी वस्तु लॉन्च या कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के समय को अनुकूल बनाते हैं, जबकि आम लोग व्यक्तिगत स्वास्थ्य, योग‑व्यायाम या यात्रा के लिए शुभ समय चुनते हैं। इस तरह, ड्रिकपंचांग सिर्फ धार्मिक ग्रन्थ नहीं, बल्कि एक जीवन‑प्रबंधन टूल है जो आधुनिक समय में भी प्रासंगिक है। भारतीय कैलेंडर में चंद्रकाल और सूर्यकाल दोनों का समावेश होने से यह अधिक सटीकता प्रदान करता है, और प्रत्येक दिन का विवरण मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर आसान पहुँच में उपलब्ध है।
ड्रिकपंचांग को समझने में दो मुख्य कदम मददगार होते हैं। पहला, तिथि और नक्षत्र को पहचानना; दूसरा, उस दिन के योग और ग्रहों की स्थिति को देखना। कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म इन दोनोँ को एक ही स्क्रीन पर प्रस्तुत करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता को अलग‑अलग तालिकाएँ जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। उदाहरण के तौर पर, यदि आज का नक्षत्र विषुव और योग शभन है, तो यह मौसम के हिसाब से यात्रा के लिए उपयुक्त हो सकता है, जबकि वित्तीय लेन‑देनों को टालना बेहतर है। ऐसा विश्लेषण हमें पहले से योजना बनाने में मदद करता है, न कि बाद में पछताने में।
ट्रेंड की बात करें तो 2025 के कई प्रमुख घटनाओं में ड्रिकपंचांग का उल्लेख मिलता है—जैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तिथियों का चयन, बड़े क्रिकेट टूर्नामेंटों की शुरुआत की शुभ तिथियाँ, और सरकारी योजनाओं की लांच डेटें। इस टैग के अंतर्गत आप इन सभी मामलों की विस्तृत रिपोर्ट पढ़ेंगे, जहाँ ड्रिकपंचांग ने कैसे निर्णयों को दिशा दी, वह स्पष्ट होगा। हमने यहाँ विभिन्न श्रेणियों की खबरें एकत्र की हैं: खेल, राजनीति, विज्ञान‑तकनीक, स्वास्थ्य और संस्कृति। हर लेख में आप देखेंगे कि किस तरह ड्रिकपंचांग ने समग्र परिप्रेक्ष्य प्रदान किया।
नीचे आप ड्रिकपंचांग से जुड़े विभिन्न समाचार, विश्लेषण और अद्यतन जानकारी पाएँगे, जो यह दिखाते हैं कि यह पारंपरिक कैलेंडर पद्धति आज के तेज‑रफ़्तार समाज में भी कितनी उपयोगी है। इन लेखों को पढ़कर आप अपने दैनिक जीवन में बेहतर समय‑प्रबंधन और निर्णय‑लेने की कला को निखार सकते हैं।
करवा चौथ 2025, 10 अक्टूबर को उत्तर भारत में मनाया जाएगा; राजस्थान के शहरों में चाँद देखे जाने का समय 8:20‑8:25 PM IST बताया गया, जबकि पूजा मुहूर्त 6:04‑7:18 PM IST है।
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