दैनिक देहरादून गूंज

फ़ॉर्मूला 4: भारत में उभरता मोटरस्पोर्ट

जब बात फ़ॉर्मूला 4, एक एंट्री‑लेवल सिंगल‑सीटर रेसिंग श्रेणी है, जो युवा ड्राइवरों को फ़ॉर्मूला 1 की ओर तैयार करती है की होती है, तो ध्यान अक्सर FIA, अंतरराष्ट्रीय मोटरस्पोर्ट संघ, जो नियम तय करता है और रेसिंग सर्किट, ट्रैक जहाँ कारें तेज़ी से दौड़ती हैं पर जाता है। इस श्रेणी में ड्राइवर प्रशिक्षण, फ़िजिकल और टेक्निकल कोचिंग दोनों शामिल है भी अहम भूमिका निभाती है। फ़ॉर्मूला 4 एरोडायनामिक सेट‑अप, टायर मैनेजमेंट और क्वालिफ़ाइंग स्ट्रैटेजी को सीखने का व्यावहारिक मंच देता है, जिससे युवा प्रतिभा ग्रांडे प्री या फ़ॉर्मूला 1 की ओर सुरक्षित कदम रख सके।

तकनीकी पहलू और रेसिंग की बारीकियां

फ़ॉर्मूला 4 कारें लगभग 160 हॉर्सपावर देती हैं और 1.6 लीटर टर्बो‑चार्ज्ड इंजन से चलती हैं, जो तेज़ थ्रॉटल रिस्पॉन्स और सटीक कंट्रोल देती है। एरोडायनामिक पैकेज में डिफ्यूज़र, फ्रंट और रियर विंग शामिल होते हैं, जो ग्रिप और डाउनफ़ोर्स को ऑप्टिमाइज़ करते हैं। टायर महंगे लेकिन टिकाऊ होते हैं; सॉफ्ट कम्पाउंड ग्रिप देता है, जबकि मिडियम दीर्घ दूरी में स्थिरता रखता है। पिट स्टॉप में केवल 2‑3 सेकंड लगते हैं, क्योंकि टीमें फ़्यूल, टायर और बैटरी बदलने में तेज़ी रखती हैं। क्वालिफ़ाइंग सत्र में ड्राइवर को 1 मिनट 30 सेकंड में गति दिखानी होती है, जिससे ग्रिड पर उनकी पोज़िशन तय होती है—यह प्रक्रिया फ़ॉर्मूला 1 के क्वालिफ़ाइंग जैसा ही है, पर छोटे टाइमिंग अंतर से।

भारत में फ़ॉर्मूला 4 के विकास के लिए ग्रेटर नोएडा सर्किट और इंडिया मोटरस्पोर्ट फेडरेशन (IMF) ने कई सत्र आयोजित किए हैं। स्थानीय एलाईट ड्राइवर, जैसे आर्यन सिंह और मीना कलेक, इन सत्रों से अंतर्राष्ट्रीय फ़ॉर्मूला 4 चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो रहे हैं। इस पहल से भारत में युवा उत्साह बढ़ा है, और कई कॉलेज अब मोटरस्पोर्ट इंजीनियरिंग को कोर्स में शामिल कर रहे हैं। साथ ही, फ़ॉर्मूला 4 रेसिंग का फॉर्मेट फैन‑फ़्रेंडली है—प्रवेश टिकट सस्ते होते हैं, और फैन ज़ोन में ड्राइवरों से मिलना आसान है, जिससे मोटरस्पोर्ट की फैंस का बेस भी विस्तारित हो रहा है।

फ़ॉर्मूला 4 सिर्फ रेसिंग नहीं, बल्कि एथलेटिक डिसिप्लिन, मैकेनिकल समझ और टीमवर्क का मिश्रण है। इसी कारण कई दर्शक इसे फ़ुटबॉल या क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेलों के साथ जोड़ते हैं, जहाँ रणनीति और व्यक्तिगत कौशल दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। आपके पास यदि टेनिस के अलकाराज़ या क्रिकेट के हार्डिक पंड्या की तरह किसी एथलीट की प्रशंसा है, तो फ़ॉर्मूला 4 ड्राइवरों की भी उसी तरह सम्मान मिलना चाहिए—क्योंकि वे भी गति, नियंत्रण और तेज़ फैसलों के माहिर होते हैं। इस पेज पर आप इन सब पहलुओं की विस्तृत जानकारी पाएँगे और साथ ही नवीनतम रेस ख़बरों, टायर अपडेट और ड्राइवर प्रोफ़ाइल्स देख पाएँगे।

अब नीचे आप देखेंगे कैसे फ़ॉर्मूला 4 की प्रत्येक पहल आपके मोटरस्पोर्ट ज्ञान को गहरा कर सकती है—ख़बरों, विश्लेषण और व्यावहारिक टिप्स की एक बेहतरीन कलेक्शन आपके इंतजार में है।

श्रीया लोइया बना भारत की सबसे युवा महिला फ़ॉर्मूला 4 रेसर
अक्तू॰, 6 2025

श्रीया लोइया बना भारत की सबसे युवा महिला फ़ॉर्मूला 4 रेसर

16‑साल की श्रीया लोइया ने भारतीय फ़ॉर्मूला 4 में इतिहास रचते हुए प्रथम अंक स्कोर किया, परिवार के समर्थन और कई राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ।

आगे पढ़ें