झारखंड विधानसभा चुनाव 2025 – क्या है नया?

उत्तराखंड के झारखंड जिले में इस साल विधानसभा चुनाव फिर से शुरू हो रहा है। लोग बहुत उत्साहित हैं क्योंकि हर बार नई राजनीति, नए उम्मीदवार और नई आशाएं आती हैं। अगर आप पहली बार वोट दे रहे हैं या पिछले बार की गलती सुधारना चाहते हैं तो यह गाइड आपके लिए मददगार रहेगा।

मुख्य तारीखें और प्रक्रिया

अधिकतर जिले में मतदान 15 जुलाई से शुरू होगा और दो हफ़्ते तक चलेगा। वोटिंग के दिन आप अपने घर के नजदीकी पोलिंग स्टेश़न पर जाकर अपना एलेक्शन कार्ड दिखा सकते हैं। यदि आपका नाम सूची में नहीं है तो जल्दी से स्थानीय चुनाव अधिकारी से संपर्क करें, अक्सर छोटी‑छोटी गलती ठीक की जा सकती हैं।

पोलिंग बूथ पर लाइन लगना आम बात है, लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल हो रहा है जिससे गिनती तेज़ और भरोसेमंद होती है। आप अपना मतदान बॉक्स खोलकर सीधा अपनी पसंदीदा पार्टी या उम्मीदवार को चुनें, फिर मशीन बंद कर दें। याद रखें, एक बार वोट डालने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता।

उम्मीदवारों की प्रोफ़ाइल और मुख्य मुद्दे

झारखंड में कुल 70 सीटें हैं, जिनमें से कई ‘सेफ सीट’ कहलाती हैं क्योंकि यहाँ पारंपरिक तौर पर दो-तीन पार्टियां ही जीतती आई हैं। इस बार कांग्रेस, भाजपा और हिमाचल प्रदेश की नई पार्टी ‘ज्योति शक्ति मोवमेंट’ प्रमुख प्रतिस्पर्धी बनकर उभरी है।

कांग्रेस के दावेदार स्थानीय विकास, सड़क निर्माण और स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार को प्राथमिकता दे रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले पाँच सालों में झारखंड की बुनियादी सुविधाएँ पर्याप्त नहीं बढ़ीं। भाजपा का फोकस रोजगार सृजन, पर्यटन को प्रोमोट करना और कृषि सब्सिडी बढ़ाना है। वे अक्सर कहते हैं, “हम युवा को नौकरी देंगे और किसानों को बेहतर कीमतें दिलाएंगे।”

ज्योति शक्ति मोवमेंट ने जल संरक्षण, छोटे उद्योगों के लिए आसान ऋण और डिजिटल शिक्षा पर जोर दिया है। उनका मानना है कि अगर गाँव‑गाँव में इंटरनेट पहुँचाया जाए तो कई समस्याएँ हल हो सकती हैं। ये मुद्दे युवा वोटर को खासा आकर्षित कर रहे हैं क्योंकि वे भविष्य की सोच रखते हैं।

कौन जीतेगा, इसका जवाब केवल सर्वे नहीं देगा। पिछले साल के सर्वे ने दिखाया कि झारखंड में मतदाताओं का भरोसा अक्सर स्थानीय विकास कार्यों पर निर्भर करता है। इसलिए अगर कोई उम्मीदवार अपने क्षेत्र में जल संकट या बुनियादी ढाँचा सुधार कर सके तो उसका फायदा ज़्यादा रहेगा।

वोट डालते समय आप कुछ आसान कदम अपना सकते हैं: पहले अपने एलेक्शन कार्ड की जांच करें, फिर मतदान केंद्र का पता नोट कर लें, और सबसे महत्वपूर्ण – अपनी प्राथमिकता तय करके रखें। अगर आप अनिश्चित हैं तो स्थानीय समाचार पोर्टल या भरोसेमंद सोशल मीडिया पेज पर उम्मीदवारों के पिछले काम देख सकते हैं।

अंत में यह कहना चाहूँगा कि चुनाव केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारी भविष्य की दिशा तय करने का मौका है। झारखंड जैसे जिले में हर वोट मायने रखता है क्योंकि छोटे‑छोटे बदलाव बड़े परिवर्तन लाते हैं। तो देर न करें, जानकारी जुटाएँ और सही समय पर अपनी आवाज़ उठाएँ।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर प्रतिक्रिया
अग॰, 19 2024

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर प्रतिक्रिया

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे जहां थे, वहीं हैं और उनके बारे में फैलाई जा रही खबरों का उन्हें कोई ज्ञान नहीं है। मुकाबले में भाजपा, जिनके चुनाव सह-प्रभारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इसे पुष्टि नहीं की।

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