अगर आपने कभी "सोरोस फाउंडेशन" या "ओपन सोसाइटी" का नाम सुना है, तो आप पहले से ही जॉर्ज सोरोस की छाप को महसूस कर चुके होंगे। यह एक हंगरी‑जन्मे अमेरिकी निवेशक हैं जिन्होंने अपने वित्तीय कौशल से बहुत पैसा कमाया और फिर उसे समाजिक बदलाव के लिए इस्तेमाल किया। इस लेख में हम उनके बचपन से लेकर आज तक की मुख्य बातें सीधे आपके सामने लाएंगे, ताकि आप आसानी से समझ सकें कि वह क्यों इतना महत्वपूर्ण नाम बन गया है।
जॉर्ज सोरोस का जन्म 1930 में बुडापेस्ट में हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उनका परिवार कठिनाईयों से गुज़र रहा था, इसलिए उन्होंने पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। अंत में वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स तक पहुँचे और वहाँ की शिक्षा ने उन्हें वित्तीय बाजारों को समझने का मौका दिया। 1950‑के दशक में वह न्यूयॉर्क चले गए जहाँ उन्होंने हेज फंड खोलकर बहुत बड़ी कमाई की, खासतौर पर उनकी "क्वांटम फंड" ने कई सालों तक शीर्ष प्रदर्शन किया।
सफलता के बाद सोरोस ने अपना पैसा सामाजिक बदलाव में लगाना शुरू किया। 1979 में उन्होंने ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन बनायी, जिसका लक्ष्य लोकतंत्र, मानव अधिकार और शिक्षा को समर्थन देना है। इस फंड की मदद से विश्व भर में कई NGOs को वित्तीय सहायता मिली, जैसे कि यूरोप में सामुदायिक प्रोजेक्ट्स और एशिया‑पैसिफ़िक में प्रेस फ़्रीडम पहलें। साथ ही, उन्होंने राजनीतिक पार्टियों को भी दान दिया, खासकर यूरोपीय लिबरल समूहों को, जिससे उनकी आलोचना बढ़ी लेकिन उनका असर स्पष्ट रहा।
उनका मानना है कि खुले समाज के बिना आर्थिक विकास नहीं चल सकता, इसलिए वे शिक्षा और सूचना तक पहुंच पर बहुत ज़ोर देते हैं। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने कई विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किए जो गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, उनका "सोरोस नेचर कॉन्सर्वेशन" प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण के लिए लाखों डॉलर का निवेश करता है, जिससे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलती है।
हालाँकि सौरस की फ़ाउंडेशनों को कई बार विरोधी समूहों द्वारा लक्ष्य बनाना पड़ा, लेकिन उनकी पारदर्शी रिपोर्टिंग और सार्वजनिक तौर पर किए गए बयान इस बात का संकेत देते हैं कि उनका काम वैध है। उन्होंने खुद भी कई बार कहा है कि वह "एक खुला समाज" चाहते हैं जहाँ हर व्यक्ति अपनी आवाज़ उठा सके, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
आज जॉर्ज सोरोस 90 से अधिक वर्ष के हैं, पर उनका काम अभी भी जारी है। उनके फाउंडेशन की वार्षिक बजट अब अरबों डॉलर में पहुँच गई है और यह कई देशों में नीति‑निर्माताओं को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। चाहे आप उन्हें सकारात्मक या नकारात्मक मानें, एक बात तय है: उनकी आर्थिक शक्ति और सामाजिक दायित्व के बीच का संतुलन विश्व इतिहास में एक अनोखा मामला बन गया है।
अगर आप जॉर्ज सोरोस की अधिक ताज़ा खबरें या उनके प्रोजेक्ट्स के बारे में जानना चाहते हैं, तो "दैनिक देहरादून गूंज" पर बने रहें। हम नियमित रूप से उनकी नई पहल और वैश्विक प्रतिक्रिया को कवर करेंगे, ताकि आप हमेशा अपडेटेड रह सकें।
बीजेपी ने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में स्टॉक मार्केट को अस्थिर करने और छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। जॉर्ज सोरोस, जिन्होंने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापना की, को इस मुद्दे के मुख्य निवेशक के रूप में नामित किया गया। बीजेपी के आरोपों के कारण यह विवाद उभर कर सामने आया है।
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