हर साल मार्च में जो बजट पेश होता है, वो सीधे हमारे जेब‑से‑जेब तक पहुँचता है. इस बार सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं, जिनको समझना ज़रूरी है अगर आप अपने खर्चे को सही दिशा में ले जाना चाहते हैं। नीचे हम सरल भाषा में बताते हैं कि कौन‑सी चीज़ें बढ़ी, क्या घटा और इसका असर आपके रोज़मर्रा की जिंदगी पर कैसे पड़ेगा.
बजट 2024 में कुल अनुमानित राजस्व लगभग ₹38.5 ट्रिलियन बताया गया है, जबकि कुल व्यय ₹44 ट्रिलियन तक पहुँचने की संभावना है। इसका मतलब है कि सरकार को अपने खर्चे को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त उधारी लेनी पड़ेगी। प्रमुख आय स्रोतों में टैक्स रिवेन्यू 30% बढ़ा, खासकर सॉलिडरिटी कर और वैल्यू‑ऐड टैक्स (GST) से. दूसरी ओर, सामाजिक कल्याण पर खर्च 15% बढ़ा, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास के लिए बड़े पैकेज शामिल हैं.
सामान्य लोगों को सबसे ज़्यादा टैक्स बदलाव महसूस होंगे। व्यक्तिगत आयकर स्लैब में थोड़ा सुधार हुआ है – 2.5 लाख से ₹5 लाख तक की कमाई वाले लोग अब 10% की बजाय 7% कर देंगे, जबकि ऊपर के सैलरी पर 30% का नया ब्रैक्ट सेट किया गया है। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने वालों को ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट मिलेगी, जिससे हरित गाड़ियों की कीमत घटेगी.
सामाजिक योजनाओं में बड़ा उछाल आया है: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 मिलियन नए घरों का निर्माण होगा और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के लिए अतिरिक्त ₹12,000 करोड़ बजटेड हैं. शिक्षा में 10% अधिक फंडिंग के साथ डिजिटल क्लासरूम, ऑनलाइन लाइब्रेरी और स्कॉलरशिप कार्यक्रम चलेंगे। अगर आप छात्र या अभिभावक हैं तो इन नई स्कीमों का लाभ उठाकर ट्यूशन फीस या किताबों की लागत घटा सकते हैं.
उद्योग और व्यापारियों के लिए भी कुछ राहत है. छोटे उद्योग (MSME) को 25% ब्याज‑रहित ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे पूंजी जुटाने में आसानी होगी। इसके अलावा, कृषि सेक्टर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 5% तक बढ़ाया गया है, जिससे किसानों की आय में सुधार हो सकता है.
संक्षेप में, बजट 2024 का मकसद आर्थिक वृद्धि को तेज़ करना और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाना है. अगर आप अपने वित्तीय योजना में इन बदलावों को शामिल करेंगे तो टैक्स बचत, कर्ज़ के आसान विकल्प और सरकारी स्कीमों से लाभ उठाकर अपना खर्चा घटा सकते हैं। आगे भी ऐसे ही अपडेट्स पढ़ते रहें और अपनी जेब‑से‑जेब जानकारी रखें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार, 22 जुलाई 2024 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण ने प्रमुख क्षेत्रों के लिए सकारात्मक रिपोर्ट और दृष्टिकोण प्रदान किया, हालांकि वैश्विक अनिश्चितता आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। यह सर्वेक्षण दीर्घकालिक मूल्य स्थिरता के लिए मूल्य निगरानी प्रणालियों को सुदृढ़ करने का सुझाव देता है।
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