क्वाड सम्मेलन क्या है? आपके लिये आसान समझ

अगर आपने खबरों में "क्वाड" या "Quad summit" सुना है तो आप अकेले नहीं हैं। यह चार देशों – भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया – का मिलजुल कर बनाया गया मंच है जो सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और तकनीकी सहयोग पर काम करता है। सरल शब्दों में कहें तो यह एक दोस्ती क्लब जैसा है जहाँ सदस्य एक-दूसरे की मदद से समुद्री सुरक्षा, साइबर खतरे और जलवायु बदलाव जैसी चुनौतियों को हल करने की कोशिश करते हैं।

पिछले क्वाड सम्मेलन के मुख्य बिंदु

2024 में शिमला में हुए सम्‍मेलन में कई अहम फैसले लिए गए। सबसे पहले, चारों देशों ने "इंडो‑पैसिफिक फ़्री ट्रेड़ फॉर ऑल" (IPFTA) नाम की नई व्यापार समझौता पर चर्चा शुरू की। इसका मकसद क्षेत्रीय कंपनियों को आसान लेन‑देने के नियम देना है, ताकि छोटे व्यापारी भी बड़े बाजार में हिस्सा ले सकें।

सुरक्षा मोर्चे पर, सभी ने "इंडो‑पैसिफिक डिफ़ेंस नेटवर्क" को सुदृढ़ करने का वादा किया। इसका मतलब है कि समुद्र में जाँच‑परख के लिए साझा ड्रोन और उपग्रह डेटा इस्तेमाल होगा। इससे समुद्री डकैती या अनधिकृत नौकाओं की पहचान जल्दी होगी।

साइबर सुरक्षा भी agenda में था। चारों देशों ने "साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म" लॉन्च किया, जहाँ हेकर्स के नए तरीकों की जानकारी तुरंत साझा की जाएगी। इस पहल से छोटे शहर जैसे देहरादून में भी सरकारी और निजी संस्थानों को बेहतर सुरक्षा मिल सकती है।

भारत की भूमिका और आपके लिये क्या मतलब?

भारत ने इस मंच पर अपना "विकास‑केन्द्रित सुरक्षा" मॉडल पेश किया – यानी विकास के साथ-साथ रक्षा का ध्यान रखना। इससे न सिर्फ बड़े पोर्ट शहरों में नौसेना को बेहतर उपकरण मिलेंगे, बल्कि छोटे कस्बों में जल आपूर्ति और बिजली ग्रिड की मजबूती भी बढ़ेगी। अगर आप देहरादून में रहते हैं तो भविष्य में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी और अधिक सस्ते इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन देख सकते हैं, क्योंकि ये सब Quad के प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनते जा रहे हैं।

एक और खास बात है "क्लाइमेट फ़ंड"। क्वाड ने मिलकर 2 बिलियन डॉलर का फंड बनाया है जो समुद्र तल बढ़ने वाले क्षेत्रों की मदद करेगा। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य भी इस फंड से बाढ़ रोकथाम के लिए नई बांध या जल संग्रहण तकनीकों को अपनाने में मदद पा सकते हैं।

तो, अब आपके सवाल का जवाब – क्वाड सम्मेलन सिर्फ विदेश नीति नहीं है, ये आपके रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर भी असर डालता है। चाहे वह तेज़ इंटरनेट हो, सुरक्षित डिजिटल लेन‑देने या बाढ़ के ख़तरे कम करना, सब कुछ इस चार देशों की साझेदारी से जुड़ा है।

आगे क्या होगा? अगले सम्‍मेलन 2025 में वाशिंगटन में तय हुआ है और उम्मीद है कि यहाँ "इंडो‑पैसिफिक डिजिटल इकोनॉमी" पर गहरी चर्चा होगी। यह आपके जैसे सामान्य नागरिकों के लिए नई नौकरी, स्टार्ट‑अप अवसर और तकनीकी प्रशिक्षण का दरवाज़ा खोल सकता है। इसलिए खबरों को नजरअंदाज न करें – क्वाड की हर घोषणा आपके आस‑पास की दुनिया को थोड़ा बदल सकती है।

क्वाड सम्मेलन में भारत ने इंडो-प्रशांत छात्रों के लिए $500,000 छात्रवृत्ति की घोषणा की
सित॰, 22 2024

क्वाड सम्मेलन में भारत ने इंडो-प्रशांत छात्रों के लिए $500,000 छात्रवृत्ति की घोषणा की

भारत ने क्वाड सम्मेलन के दौरान इंडो-प्रशांत क्षेत्र के छात्रों के लिए $500,000 की पचास छात्रवृत्तियों की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल का उद्घाटन किया, जिसमें शिक्षा सहयोग और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल के तहत छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए समर्थन मिलेगा।

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