क्या आप ओबीसी वर्ग से हैं और सरकारी नौकरी या शिक्षण में छूट चाहते हैं? तो ओबीसि स्टेटस आपके लिये बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम बताएँगे कि ओबीसी प्रमाणपत्र कैसे बनता है, नई स्कीम क्या हैं और किस दस्तावेज़ की ज़रूरत पड़ती है। सब कुछ आसान भाषा में, बिना किसी जटिल शब्द के.
सबसे पहले आपको अपने जिले के सामाजिक न्याय विभाग या ऑनलाइन पोर्टल पर जाना होगा। वहाँ ‘OBC प्रमाणपत्र’ का फॉर्म मिलता है। फ़ॉर्म भरते समय ये बात ध्यान रखें:
फ़ॉर्म जमा करने के बाद विभाग आपके डेटा को वैरिफाई करता है और आमतौर पर 30‑45 दिन में आपको प्रमाणपत्र मिल जाता है। अगर कोई समस्या आती है तो स्थानीय तहसील कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
सरकार ने इस साल कई नई स्कीम लॉन्च की हैं, जिनका फायदा सीधे OBC वर्ग को मिलेगा:
इन योजनाओं के लिए सिर्फ ओबीसि स्टेटस होना पर्याप्त नहीं, बल्कि अपडेटेड प्रमाणपत्र भी जरूरी है। अगर आपका पुराना सर्टिफ़िकेट 5 साल से अधिक पुराना हो तो नई स्कीमों का लाभ नहीं मिलेगा.
अब बात करते हैं कुछ आम सवालों की:
सारांश: ओबीसि स्टेटस आपके अधिकारों और सरकारी/निजी लाभों का द्वार खोलता है। सही दस्तावेज़, समय पर आवेदन और अपडेटेड सर्टिफ़िकेट से आप इन सभी सुविधाओं को आसानी से ले सकते हैं. अगर अभी तक आपका प्रमाणपत्र नहीं है तो आज ही नजदीकी कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल से प्रक्रिया शुरू करें.
सुप्रीम कोर्ट वेस्ट बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें 77 समुदायों को ओबीसी सूची से हटाने का आदेश दिया गया था। ये समुदाय मुख्यतः मुसलमान हैं। मामला 27 अगस्त को सुनवाई के लिए निर्धारित है।
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