रथ खींचना: देहरादून की जीवंत परम्परा

क्या आपने कभी रथ खींचने की धूमधाम देखी है? यह सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि पूरे शहर को जोड़ने वाला उत्सव है। हर साल जब मंदिर के द्वार में बड़े रथ लगते हैं तो लोग अपनी ताकत और जोश से उसे आगे बढ़ाते हैं। इस परम्परा में भाग लेना मतलब अपने गाँव या शहर की शान दिखाना।

देहरादून में रथ खींचना का इतिहास पुरानी कहानियों में मिलता है। पुराने समय में राजा और महाराजा लोग इसे अपने राज्य के गौरव के रूप में देखते थे। अब यह आम लोगों तक पहुँच गया है, पर भावना वही रहती है – एकजुटता और भक्ति.

रथ खींचने की तैयारी

पहले तो रथ तैयार करना पड़ता है। लकड़ी, धातु और कपड़े के मिश्रण से बना यह बड़ा पहिया कई टन वजन का हो सकता है। स्थानीय कारीगर महीने‑दर‑महीना इसको बनाते हैं, फिर मंदिर समिति उसे साफ़‑सुथरा करके रख देती है।

अगले कदम में रस्सी बांधनी होती है। आमतौर पर मोटी जूट या सिंथेटिक रस्सी इस्तेमाल की जाती है ताकि खींचते समय फट न जाए। रस्सी को दो‑तीन हिस्सों में बाँट कर कई लोगों के बीच बाँटना पड़ता है, जिससे बराबर बल लगे।

खेल शुरू होने से पहले सभी प्रतिभागियों को हल्का‑फुल्का भोजन और पानी देना भी जरूरी है। थकान न हो, इसलिए छोटे‑छोटे ब्रेक रखे जाते हैं। इस दौरान स्थानीय डॉक्टरों की टीम तैयार रहती है ताकि किसी चोट पर तुरंत मदद मिल सके.

आगामी कार्यक्रम और सुरक्षा टिप्स

देहरादून में अगले महीने “रथ खींचना महोत्सव” का आयोजन तय हुआ है। मुख्य रथ मंदिर के प्रांगण से शुरू होकर राजपुर रोड तक जाएगा। अनुमानित दर्शक संख्या 20,000 से अधिक होगी, इसलिए पुलिस और ट्रैफ़िक विभाग ने विशेष व्यवस्था की है।

सुरक्षा के लिहाज़ से कुछ आसान नियम अपनाने चाहिए:

  • रथ के सामने खड़े होकर धक्का न दें; केवल किनारे से रस्सी पकड़ें।
  • बच्चों को बड़े लोगों के साथ ही रथ के पास रखें, ताकि अनजाने में गिर न जाएँ।
  • अगर आपको सांस फूल रही हो या थकावट महसूस हो तो तुरंत आराम करें और पानी पिएं।

स्थानीय प्रशासन ने भी आपातकालीन एम्बुलेंस, फायर ट्रक और पुलिस के तेज़ी से जवाब देने वाले दल तैनात किए हैं। अगर किसी को चोट लगती है या कोई अनियमित व्यवहार दिखता है तो तुरंत “100” पर कॉल करें.

रथ खींचनै का मजा तभी बना रहता है जब सभी मिलकर इसका सम्मान करते हों और सुरक्षित रहना प्राथमिकता बन जाए। इस बार भी अपने दोस्तों और परिवार को लेकर आएँ, लेकिन नियमों की पाबंदी रखें। आपका सहयोग ही इस प्राचीन परम्परा को भविष्य में भी जीवित रखेगा.

अगर आप देहरादून के बाहर हैं तो भी रथ खींचनै की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर देख सकते हैं। अक्सर स्थानीय फोटो ग्राफ़र इस उत्सव को लाइव स्ट्रीम करते हैं, जिससे दूर बैठे लोग भी भागीदारी महसूस कर सकें।

तो तैयार हो जाइए! अपने पैर मजबूत रखें, रस्सी पकड़ें और इस शानदार रथ खींचनै में अपना योगदान दें। यह केवल शक्ति का परीक्षण नहीं, बल्कि दिल की धड़कन है जो हर कदम पर उत्सव को जीवंत बनाती है।

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जुल॰, 8 2024

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वार्षिक जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव पुरी, ओडिशा में शुरू हुआ, जिसमें हजारों भक्त विशाल रथों को गुंडिचा मंदिर की ओर खींच रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों का परिक्रमा किया और देवताओं के समक्ष नतमस्तक हुईं। इस वर्ष रथ यात्रा एक अनूठे मोड़ के साथ दो दिवसीय आयोजन है।

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