देश में या पड़ोसी देशों के साथ जब भी सैन्य हमला होता है तो हर कोई तुरंत जानना चाहता है – कौन से इलाके प्रभावित हुए, नुकसान कितना हुआ और सरकार क्या कदम उठा रही है। इस पेज पर आप ‘सैन्य हमला’ टैग वाली सभी ताज़ा ख़बरें एक जगह पढ़ेंगे, बिना किसी झंझट के।
पिछले कुछ हफ्तों में दो बड़ी खबरें सामने आईं। पहली थी 13 मई को पीएम मोदी का आदमपुर एयरबेस दौरा, जहाँ उन्होंने पाकिस्तान की सीमा‑पर स्थित संभावित हमलों के जवाब में भारतीय वायु सेना की तैयारी पर ज़ोर दिया। दूसरा मामला था उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में मिलिट्री ट्रेनिंग एरिया के पास अनियमित चलन, जिससे स्थानीय लोगों को असहजता महसूस हुई। इन दोनों घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों से तेज़ कार्रवाई करवाई।
सैन्य हमले के पीछे अक्सर रणनीतिक कारण होते हैं – सीमावर्ती तनाव, संसाधन‑जंग या राजनीतिक संदेश देना। भारत‑पाकिस्तान की सीमा पर लगातार रॉकेट फायरिंग और हवाई निगरानी का इतिहास इसे स्पष्ट करता है कि दोनों देशों के बीच भरोसा अभी कमजोर है। हमारे विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डिप्लोमैटिक प्रयास नहीं हुए तो ऐसे छोटे‑छोटे झड़पें बढ़ सकती हैं, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहना ज़रूरी है।
सरकार ने हर बार आपातकालीन अलर्ट जारी किया है और स्थानीय प्रशासन को तैयार रहने की हिदायत दी है। अगर आपके इलाके में रेड या ऑरेन्ज़ अलर्ट आया हो तो बाहर न निकलें, घर में सुरक्षित रहें और आधिकारिक निर्देशों का पालन करें। मोबाइल पर सरकारी एप्लिकेशन से रीयल‑टाइम अपडेट मिलते रहते हैं – इसे इस्तेमाल करना आसान और फायदेमंद रहता है।
एक बात याद रखें: सैन्य हमले अक्सर तुरंत नहीं होते, बल्कि कई महीनों की तैयारी के बाद आते हैं। इसलिए स्थानीय पुलिस, सेना और नागरिकों को जानकारी साझा करनी चाहिए। अगर आप देखते हैं कि किसी इलाके में अजीब आवाज़ें या धुंधला धुआँ है तो इसे सीधे पुलिस या एआरएएफ (आर्मी रिसर्च फोरस) को रिपोर्ट करें। यह छोटी‑छोटी मदद बड़ी सुरक्षा में बदल सकती है।
अंत में, ‘सैन्य हमला’ टैग वाले लेखों को पढ़ते रहिए – यहाँ आप हर नई घटना की ताज़ा अपडेट, विशेषज्ञ राय और सरकारी घोषणा एक ही जगह पा सकते हैं। इस तरह आप न केवल खुद को सूचित रखेंगे बल्कि अपने परिवार और पड़ोसियों को भी सही जानकारी दे सकेंगे।
21 जुलाई 2024 को इज़रायल ने यमन में हौथी विद्रोहियों पर पहली बार सैन्य हमला किया, यह हमला हुती विद्रोहियों द्वारा तेल अवीव पर ड्रोन हमले के जवाब में किया गया। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ईरान पर हुती विद्रोहियों को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया। यह घटना क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकती है।
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