संसदीय समिति क्या है और क्यों जरूरी है?

जब आप टीवी पर संसद के सत्र देखते हैं तो अक्सर आवाज़ आती है कि "समिति ने रिपोर्ट दी" या "समिति का मत महत्वपूर्ण है"। असल में, समिति वह छोटा समूह होता है जो बड़े मुद्दों को गहराई से देखता है, सवाल पूछता है और सरकार की कार्यवाही को जांचता है। इससे संसद के सदस्य सभी बारीकियों पर ध्यान दे पाते हैं बिना पूरे सत्र को रोके।

संसदीय समितियों के प्रमुख प्रकार

भारतीय संसद में मुख्यतः दो तरह की समितियाँ होती हैं – स्थायी (स्थिर) और विशेष (अस्थायी)। स्थायी समितियां हमेशा रहती हैं, जैसे कि वित्त समिति, सार्वजनिक खातों की समिति और आपसी सहयोगी समिति। ये लगातार बजट, सरकारी खर्चा और नीतियों की समीक्षा करती हैं। विशेष समितियाँ केवल तब बनती हैं जब कोई खास मुद्दा सामने आता है – उदाहरण के लिये कुपोषण समस्या या भ्रष्टाचार जांच। इनका काम सीमित समय में रिपोर्ट तैयार करना होता है और फिर इन्हें बंद कर दिया जाता है.

समिति की भूमिका और महत्व

1. विधायी प्रक्रिया को तेज़ बनाना: बड़े बिलों को छोटे समूहों में बाँटकर गहराई से जांचा जाता है, जिससे संसद का काम आसान हो जाता है। 2. सरकारी जवाबदेही: समितियां सवाल पूछती हैं, दस्तावेज़ माँगती हैं और अधिकारियों के सामने रिपोर्ट पेश करती हैं। इससे सरकार को अपने कार्यों में पारदर्शिता दिखानी पड़ती है. 3. जनता की आवाज़ तक पहुँचना: कई बार आम लोगों या NGOs को सुनवाई का मौका मिलता है, जिससे नीति निर्माण में जनता की जरूरतें शामिल हो पाती हैं. 4. समस्याओं का समाधान: जब कोई बड़ी समस्या जैसे जल संकट या स्वास्थ्य स्केलेशन आती है, तो विशेष समिति उस मुद्दे पर गहन अध्ययन करके सिफ़ारिशें देती है। 5. पारदर्शी रिपोर्टिंग: समितियों की रिपोर्ट सार्वजनिक होती हैं और मीडिया में अक्सर चर्चा का विषय बनती हैं. इससे जनता को जानकारी मिलती है और लोकतंत्र मजबूत होता है.

अगर आप संसद के कामकाज़ को समझना चाहते हैं, तो इन समितियों के कार्यों पर नज़र रखें। हर सत्र में कई रिपोर्टें आती हैं – कुछ बिलों की मंजूरी आसान बनाती हैं, तो कुछ सरकार की गलतियां उजागर करती हैं. इसलिए जब भी नई समिति गठित हो या किसी मौजूदा समिति का काम शुरू हो, इसे ध्यान से पढ़ना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

सारांश में, संसदीय समितियाँ भारतीय लोकतंत्र के पीछे की वो शक्ति हैं जो बारीकियों को देखती है, जवाबदेही बनाती है और जनता के हितों को सरकार तक पहुँचाती है। इनके बिना बड़ा कानून या नीति बनाना कठिन हो जाता है. अगली बार जब आप समाचार में "समिति ने रिपोर्ट पेश की" पढ़ें, तो जानिए कि यह छोटे समूह का काम आपका बड़े बदलाव लाने वाला कदम है.

UPSC सिविल सेवा परीक्षा संरचना में बदलाव की संभावना, संसदीय समिति ने उत्तर कुंजी शीघ्र जारी करने की सिफारिश की
अप्रैल, 14 2025

UPSC सिविल सेवा परीक्षा संरचना में बदलाव की संभावना, संसदीय समिति ने उत्तर कुंजी शीघ्र जारी करने की सिफारिश की

संसदीय समिति द्वारा UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सुधार के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। इसमें परीक्षा संरचना में बदलाव और उत्तर कुंजी शीघ्र जारी करने की सिफारिश की गई है। ये सिफारिशें पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई हैं लेकिन इनके क्रियान्वयन पर अभी तक स्पष्टता नहीं है।

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