हर काम में टाइमिंग बहुत मायने रखती है—चाहे शादी हो, घर का नवीनीकरण या नई नौकरी की शुरुआत। भारतीय ज्योतिष में इस बात को ‘शुभ मुहूर्त’ कहा जाता है। सरल शब्दों में यह वह क्षण है जब ग्रह‑दिशा आपके उद्देश्य के अनुकूल होती हैं और सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
सबसे पहले अपने लक्ष्य को साफ़ करें—क्या आप घर का वास्तु सुधारना चाहते हैं या शादी तय करनी है? फिर पंचांग देखिए। पंचांग में पाँच मुख्य अंग होते हैं: तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। इन सभी के मिलाप से ही मुहूर्त बनता है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप ‘शुक्र’ की शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो शुक्ल पक्ष का शनि‑विषुव या द्वादशी आपके लिये अनुकूल हो सकता है।
ऑनलाइन ज्योतिष साइट्स या मोबाइल ऐप्स में अपने जन्मांक और लक्ष्य को डालें, वे स्वचालित रूप से शुभ समय दिखा देंगे। लेकिन याद रखें—कभी‑कभी स्थानीय पंचांग या मौसमी परिवर्तन भी असर कर सकते हैं, इसलिए विश्वसनीय स्रोत चुनें।
मेष (21 मार्च – 19 अप्रैल): मंगल का प्रभाव सबसे ज़्यादा रहता है, इसलिए मंगलवार और शुक्ल चतुर्दशी को नए प्रोजेक्ट शुरू करने में लाभ मिलता है।
वृश्चिक (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): राहु‑केन्द्रित कार्यों के लिये शनिवार या गुरुवार का समय अच्छा रहता है, खासकर जब नक्षत्र ‘अतैषा’ हो।
कुम्भ (15 जनवरी – 14 फरवरी): शनि की गति इस राशि में स्थिरता लाती है; इसलिए सोमवार और शुक्ल पक्ष के पंचमी को घर का नवीनीकरण या व्यावसायिक सौदे सुदृढ़ होते हैं।
इन सामान्य नियमों को अपने दैनिक जीवन में लागू करें और देखें कैसे छोटे‑छोटे बदलाव बड़े परिणाम लाते हैं। अगर आप अभी भी निश्चित नहीं हैं, तो एक भरोसेमंद ज्योतिषी से परामर्श ले सकते हैं; वह आपकी जन्म कुंडली देख कर व्यक्तिगत सलाह देगा।
शुभ मुहूर्त का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको आत्मविश्वास देता है—जब आप जानते हैं समय सही है, तो मन भी सुकून पाता है और कार्य में ऊर्जा बढ़ जाती है। इसलिए अगली बार कोई बड़ी योजना बनाते समय पंचांग खोलना न भूलें।
साथ ही, इस टैग के तहत हम कई लेख साझा करते हैं जैसे ‘28 जुलाई 2025 राशिफल: करियर और धन पर प्रभाव’, ‘उत्तरी प्रदेश में मौसम अलर्ट’ या ‘NEET PG 2025 नई तारीखें’। इन पोस्ट्स को पढ़कर आप न केवल शुभ मुहूर्त बल्कि वर्तमान घटनाओं की भी ताज़ा जानकारी रख सकते हैं।
अंत में, याद रखें—शुभ मुहूर्त कोई जादू नहीं है, बस सही समय और सकारात्मक सोच का मेल है। इसे अपनाएँ, अपने लक्ष्यों को सटीक दिशा दें और देखिए कैसे भाग्य आपका साथ देता है।
देव उठनी एकादशी, जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार मास की योग निद्रा से जागते हैं। इस पर्व का उपवास 12 नवंबर, 2024 को रखा जाएगा और उपवास तोड़ने का समय 13 नवंबर, 2024 को होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष महत्व रखती है और भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
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