आप अक्सर खबरों में "तुष्टिकरण राजनीति" शब्द सुनते हैं, पर इसका सही मतलब पता नहीं होता। सरल शब्दों में कहें तो यह सरकार की वो योजना है जो जनता को अधिक न्यायसंगत, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाती है। इस नीति के तहत कई क्षेत्रों में सुधार किया जाता है—जैसे कर प्रणाली, सामाजिक सुरक्षा या शिक्षा। अगर आप समझेंगे कि ये बदलाव आपके रोज़मर्रा की जिंदगी पर कैसे असर डालते हैं, तो आप भी बेहतर निर्णय ले पाएँगे।
पिछले महीने केंद्र सरकार ने तुष्टिकरण राजनीति के तहत तीन बड़े कदम उठाए। पहले, आयकर में छूट की सीमा बढ़ाई गई जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिली। दूसरे, किसान ऋण पर ब्याज दर घटाकर 6% कर दी गई, ताकि खेती आसान हो सके। तीसरा, डिजिटल शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार किया गया और ग्रामीण स्कूलों में फ्री इंटरनेट उपलब्ध कराया गया। इन सबका मकसद लोगों के जीवन स्तर को सुधारा है, न कि सिर्फ काग़ज़ी काम पूरा करना।
यदि आप नौकरी ढूँढ़ रहे हैं या व्यवसाय चला रहे हैं, तो नई कर छूट आपके हाथ में ज्यादा पैसा रखेगी। किसान भाई‑बहनों को कम ब्याज पर ऋण मिलने से फसल के खर्चे घटेंगे और उनकी आय बढ़ेगी। छात्रों को मुफ्त इंटरनेट मिलना पढ़ाई आसान बनाएगा और भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करेगा। इस तरह तुष्टिकरण राजनीति सीधे आपके जेब में असर डालती है, इसलिए इसका ध्यान रखना जरूरी है।
समय-समय पर नीति में बदलाव होते रहते हैं, इसलिए नवीनतम अपडेट्स को फॉलो करना लाभदायक रहता है। हमारे "दैनिक देहरादून गूँज" पर आप सभी तुष्टिकरण राजनीति से जुड़ी खबरें एक ही जगह पा सकते हैं—भौगोलिक सीमा चाहे जो भी हो। हर लेख में हम सरल भाषा, वास्तविक आँकड़े और व्यावहारिक सलाह देते हैं ताकि आप जल्दी समझ सकें कि क्या करना है।
अगर कोई नई घोषणा आती है या मौजूदा योजना में बदलाव होता है, तो आप तुरंत इस पेज पर देख सकते हैं। हमारी टीम स्थानीय स्रोतों से जानकारी लेती है, इसलिए भरोसा भी बना रहता है। पढ़ते रहिए और अपने अधिकारों व लाभों के बारे में जागरूक बनें—तुष्टिकरण राजनीति आपके जीवन को आसान बनाने के लिए ही बनी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रीय एकता से अधिक सांप्रदायिक तुष्टिकरण की राजनीति को प्राथमिकता दी। आदित्यनाथ ने खड़गे के 'बातेंगे तो कटेंगे' नारे की आलोचना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महा विकास आघाड़ी गठबंधन की आलोचना की, महाराष्ट्र को 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' का केंद्र बनाने का आरोप लगाया।
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