जब बात उत्तरी प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, एक वार्षिक व्यावसायिक मंच है जहाँ उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्र के निर्माता, निर्यातक और खरीदार मिलते हैं. इसे अक्सर उत्तरी व्यापार मेला कहा जाता है, क्योंकि यह स्थानीय उद्योगों को वैश्विक बाजारों से जोड़ता है. इस मेले में प्रदर्शनी, बी2बी मीटिंग और निवेश सम्मेलनों का संयोजन होता है, जिससे छोटे‑मध्यम उद्यमियों को बड़े सौदे करने का मंच मिलता है.
मेले का मुख्य लक्ष्य व्यापार, वस्तुओं और सेवाओं का आपसी आदान‑प्रदान को बढ़ावा देना है. जब आप इस इवेंट में हिस्सा लेते हैं, तो आप राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों, आयातकों और लॉजिस्टिक प्रोवाइडर्स से सीधे मिलते हैं. यही कारण है कि हर साल प्रदर्शकों की संख्या में 30 % तक की वृद्धि देखी गई है. व्यापार का यह विस्तार न केवल राजस्व बढ़ाता है, बल्कि ब्रांड की पहचान को भी मजबूत बनाता है.
एक और महत्त्वपूर्ण पक्ष निवेश, वित्तीय संसाधनों का मौकों के अनुसार आवंटन है. मेले के दौरान कई राज्य और केंद्रीय सरकारी योजनाएँ, वेंचर कैपिटल फंड और निजी इकाइयाँ निवेश अवसर प्रस्तुत करती हैं. उदाहरण के तौर पर, 2024 में मेले में प्रस्तुत ‘उद्यमी फंड’ ने स्टार्ट‑अप्स को कुल ₹150 करोड़ की फाइनेंसिंग उपलब्ध करवाई थी. इस तरह के वित्तीय सहयोग से स्थानीय व्यवसाय नई तकनीक, मशीनरी और मार्केटिंग में सुधार कर सकते हैं.
अगर आप निर्यात की सोच रहे हैं, तो उत्पाद निर्यात, भारतीय वस्तुओं को विदेशी बाजारों में बेचना के लिए ये मेला एक रणनीतिक फोर्ट्रेस है. यहाँ पर आप विदेशी खरीदारों के साथ सीधे डिस्कशन कर सकते हैं, उत्पादों की कीमतों पर मोल‑तोल कर सकते हैं और शिपिंग, कस्टम एवं प्रमाणन प्रक्रिया की साफ‑सुथरी जानकारी ले सकते हैं. पिछले साल मेले में भाग लेने वाले एक टेक्सटाइल एक्सपोर्टर ने 20 % अधिक ऑर्डर प्राप्त किए, क्योंकि उसे सीधे यूरोपीय ब्रोकरों से संपर्क मिला.
अंत में, स्थानीय उद्यमी, छोटे‑मध्यम व्यवसाय और स्टार्ट‑अप्स इस मेले के प्रमुख लाभार्थी हैं. उन्हें नेटवर्किंग, ज्ञान सत्र और साइड इवेंट्स के माध्यम से उद्योग की नई प्रवृत्तियों से रूबरू होने का मौका मिलता है. कई बार एक सिंगल पिच से ही बड़े डील्स फाइनल हो जाते हैं, जैसे कि एक स्थानीय जड़ाई (हर्बल) उत्पाद निर्माता को राष्ट्रीय रिटेल चैनर से बड़ी सप्लाई अनुबंध मिल गया. इस प्रकार, मेले का प्रभाव केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और ज्ञानात्मक भी है.
इन सभी बिंदुओं को मिलाकर कहें तो उत्तरी प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक इकोसिस्टम है जो व्यापार, निवेश, निर्यात और उद्यमिता को एक साथ लाता है. नीचे आप देखेंगे कि इस मंच से जुड़े नवीनतम समाचार, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय कैसे आपको अपने व्यापार की दिशा तय करने में मदद कर सकती है. चलिए, अब आगे के लेखों में डुबकी लगाते हैं और जानते हैं कि इस साल के मेले में कौन‑से अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में तीसरे संस्करण के उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले 2025 का औपचारिक उद्घाटन किया। दो हजार दो सौ से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया, जबकि रूस इस साल का साझेदार देश बना। व्यापारियों, युवा और महिला उद्यमियों से मोदी ने सीधा संवाद किया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा पर बल दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने आर्थिक लचीलापन और समावेशी विकास के संदेश दोहराए।
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